उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ. पंकज गुप्ता, डॉ. धवल व्यास, डॉ. मनीष दोडमानी, जी.आई. सर्जन डॉ. कमलकिशोर विश्नोई, एनस्थिसियोलोजिस्ट डॉ. चारू शर्मा, संजय सोमरा के अथक प्रयासों से उदयपुर निवासी 21 वर्षीय प्यूट्ज जेगर्स सिंड्रोम (पी.जे.एस) रोगी को नया जीवन मिला है। प्यूट्ज जेगर्स सिंड्रोम (पी.जे.एस) बीमारी में रोगी के होठों पर तिल के साथ छोटी आंत, बड़ी आंत, अग्नाशय, अमाशय में गांठे हो जाती हैं। रोगी की आँतों में से 10 बड़ी गांठें एक साथ निकाली गई जो कि लगभग 3 से 5 सेंटीमीटर बड़ी थी।
डॉ. पंकज गुप्ता ने बताया कि रोगी लंबे समय से बीमार था और वह बार-बार हॉस्पिटल में भर्ती हो रहा था। इस बीमारी के चलते उसका निजी हॉस्पिटल में ऑपरेशन भी हुआ था परन्तु हालत में कोई सुधार नही हुआ। जब रोगी डॉ. पंकज गुप्ता को दिखाने आया तब उसके होंठों के बाहर व अन्दर पर तिल और भूरे रंग के धब्बे हो रहे थे। रोगी को एंडोस्कोपी कराने की सलाह दी, जिसमें आंत में बड़ी गांठें पायी गयी और ये गांठें छोटी आँत को भी बंद कर रही थी। ऐसी स्तिथि में रोगी की एंडोस्कोपी कर सभी गांठे बाहर निकल उसे स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि यह बीमारी दो लाख व्यक्तियों ने किसी एक को होती है। अगर किसी व्यक्ति के होठों पर बड़े-बड़े तिल हो जाए तो इस बीमारी के बारे में सजग रहना चाहिए जोकि अनुवांशिक बीमारी है। समय रहते रोगी का इलाज करके उसे रोगमुक्त किया जा सकता है।
दुर्लभ बीमारी ‘प्यूट्ज जेगर्स सिंड्रोम (पी.जे.एस)’ से पीडि़त रोगी का गीतांजली हॉस्पिटल में सफल इलाज
गीतांजली में दुर्लभ ट्यूमर का सफल ऑपरेशन
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