बेणेश्वर धाम में बनेगा 132 करोड़ की लागत से हाईलेवल पुल

डूंगरपुर-उदयपुर । राज्य सरकार आदिवासी क्षेत्र के कल्याण हेतु निरंतर प्रयासरत है एवं विभिन्न योजनाएं चलाकर आदिवासी क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, बिजली आदि क्षेत्र में सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सौगातें दी जा रही है। यह बातें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डूंगरपुर स्थित बेणेश्वर धाम में हाई लेवल ब्रिज का शिलान्यास करते हुए कही। सांसद राहुल गांधी के व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार सुबह आदिवासियों का प्रयाग कहे जाने वाले बेणेश्वर धाम में शिलान्यास पट्टिका का विधिवत अनावरण कर 132 करोड़ की लागत से बनने जा रहे हाईलेवल पुल का शिलान्यास किया।
शिलान्यास के दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मॉडल के माध्यम से राहुल गांधी एवं अशोक गहलोत को पुल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री भजनलाल जाटव एवं जनजाति विकास विभाग राज्य मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
इसलिए बन रहा पुल :
माही, जाखम व सोम नदियों के संगम पर स्थित बेणेश्वर धाम धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एवं प्रसिद्ध पांच दिवसीय मेले के लिए जाना जाता है। मानसून में धाम को जाने वाली सड़कें जलस्तर बढ़ने के कारण डूब जाती है जिससे धाम एक टापू में बदल जाता है। इस वजह से श्रद्धालु नाव से ही धाम जा पाते है तथा कई श्रद्धालु धाम में ही फंस जाते है।
बजट घोषणा से सुलझी समस्या :
इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा में हाईलेवल पुल के निर्माण की घोषणा की थी। 132.35 करोड़ की राशि से बनने वाले इस हाईलेवल पुल के द्वारा श्रद्धालु डूंगरपुर-बांसवाड़ा सड़क से सीधे बेणेश्वर धाम पहुंच पाएंगे तथा वर्षभर आवागमन संभव हो पाएगा।
हाईलेवल पुल की फैक्ट फ़ाइल :
साबला से बांसवाड़ा की तरफ इस पुल की लंबाई 1345 मीटर व भटवाड़ा से बेणेश्वर की तरफ पुल की लंबाई 386.50 मीटर होगी। यह पुल नदी की सतह से 18.50 मीटर की उंचाई पर 36 पिलर पर बनेगा तथा इसकी चौड़ाई 16 मीटर होगी। पुल में सड़क के साथ क्रैश बैरियर, पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ तथा रैलिंग भी बनाए जाएंगे।
देवदर्शन कर संग्रहालय देखा :


शिलान्यास कार्यक्रम से पहले राहुल गांधी व अशोक गहलोत ने बेणेश्वर धाम परिसर में स्थित वाल्मीकि मंदिर, बेणेश्वर शिवालय, राधा कृष्ण मंदिर और ब्रह्मा मंदिर में दर्शन किए व बेणेश्वर पीठाधीश्वर गोस्वामी महंत अच्युतानंद महाराज से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने पूजा अर्चना कर देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की। बेणेश्वर धाम पर स्थित देवालयों के दर्शन उपरांत मुख्यमंत्री और सांसद संत मावजी संग्रहालय भी पहुंचे और उन्होंने यहां पर प्रदर्शित किए गए संत मावजी के प्राचीन ग्रंथों का अवलोकन किया । बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज ने संत मावजी रचित चोपड़ों और इसमें उल्लेखित की गई भविष्यवाणियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान महंत ने मुख्यमंत्री और सांसद का साफा पहना कर अभिनंदन भी किया।
फिलहाल यह है स्थिति
बेणेश्वर धाम वागड़ क्षेत्र का प्रयाग कहलाता है। तीन नदियों माही, जाखम और सोम के संगम पर स्थित यह स्थान धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान में इस धाम को जाने के लिए तीन वेंटेड कौजवे  निर्मित हैं जो प्रत्येक मानसून के समय अत्यधिक बारिश के जल स्तर बढ़ने के कारण डूब में आ जाते हैं और इस स्थिति में बेणेश्वर धाम टापू सा बन जाता है। ऐसी स्थिति में यहां सिर्फ नौका द्वारा ही पहुंचा जा सकता है। इस समस्या के समाधान हेतु बेणेश्वर धाम में डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिले की सीमा पर स्थित नदियों पर मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा के अंतर्गत उच्च स्तरीय पुल निर्माण की घोषणा की गई थी। इसी क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा इस पुल का शिलान्यास किया गया है। इस पुल के बनने से डूंगरपुर से बांसवाड़ा सड़क से बेणेश्वर धाम के लिए सीधी पहुंच हो सकेगी और धाम को जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए वर्ष भर सुगम एवं बाधारहित आवागमन संभव हो सकेगा।
उच्च तकनीक से बनेगा हाई लेवल पुल :
इस उच्च स्तरीय पुल के निर्माण के लिए 3 मई 2021 को 132.35 करोड की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य विशेष प्रवृत्ति कार्यों की श्रेणी में होने के कारण ईपीसी पद्धति पर किया जाना स्वीकृत हुआ है।
2024 में होगा जनता को समर्पित :
कार्यकारी आदेश आर के जैन एवं ज्योति बिल्डर्स संयुक्त उपक्रम के पक्ष में 96 करोड रुपए में 11 मार्च 2022 को जारी किया जा चुका है। यह कार्य 31 मार्च 2024 तक पूर्ण कर जनता को सुपुर्द कर दिया जाएगा।

Related posts:

Hindustan Zinc signs on Ultra-RunnerSufiya Sufi as BrandAmbassador

इनरव्हील डिस्ट्रीक्ट चेयरमेन राखी देसाई द्वारा कई सेवा कार्यों का शुभारम्भ

सांई तिरुपति विश्वविद्यालय उमरड़ा उदयपुर को यू.जी.सी. की मान्यता

हिंदुस्तान जिंक ने मात्र 1 वर्ष में 0.8 मिलियन गीगाजूल से अधिक ऊर्जा बचत की

Hindustan Zinc Showcases Large Metal Portfolio Driving Automotive Innovation at Bharat Mobility Expo...

जिंक फुटबॉल अकादमी के कैफ और प्रेम का एएफसी अंडर-17 एशियन कप क्वालीफायर में भारतीय टीम में चयन

गजसिंह द्वारा डॉ. महेन्द्र भानावत को मारवाड़ रत्न का सम्मान

10 दिवसीय वेल्यु एडेड कार्स फुल स्टेक डवलपमेंट का समापन

नारायण सेवा ने राममंदिर निर्माण में 11 लाख भेंट किए

प्रशांत अग्रवाल को 'श्रीवैश्य रत्न सम्मान'

HINDUSTAN ZINC’S ZINC FOOTBALL ACADEMY TALENT MOHAMMED KAIF JOINS TOP ISL CLUB HYDERABAD FC

विश्व प्रसिद्ध फतहसागर झील ओवरफ्लो, चार गेट खोले

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *