उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण के 49वें दीक्षा दिवस युवा दिवस पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ‘सरगम’ उपक्रम के तहत निर्देशित ‘महाश्रमणोस्तु मंगलम’ भक्ति संध्या शासनश्री मुनि सुरेशकुमार के सान्निध्य में सेक्टर 11 स्थित महावीर भवन में आयोजित हुई। कार्यक्रम में आचार्य महाश्रमण अभिवंदना में एक से बढक़र एक गीतों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
मुनि संबोधकुमार ‘मेधांश’ ने ‘ ओ नेमा मां के अंश तुम्हे माना है भगवान’ सुमधुर गीत प्रस्तुत किया तो सभागर ओम अर्हम की गगनभेदी ध्वनि से गूंज उठा। नाथद्वारा के प्रसिद्ध भजन गायक आलोक सनाढ्य ने इकतारा बोले गुरुवाणी, मोहे मोहन, महाश्रमण का मैं चित्त रूप पाऊं गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। राजसमंद की श्रीमती नीतू बाफना, श्रीमती प्रीति बड़ोला ने गुरुवर म्हारा वंदन झेलो, मिली मुझको ये तेरी शरण, आंख मूंदकर जब भी देखूं मेरे दिल की हर धडक़न में गूंजे गुरुवर का नाम भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्थानीय बाल कलाकार सिद्धांतसिंह राव ने आखर-आखर मैं लिखूं, हो तुम मेरी वो किताब, मेरी सुबह तुम मेरी शाम तुम ही गीत प्रस्तुत किया। राजसमंद के बाल कलाकार विश्वनाथ नंदवाना तथा स्थानीय याशिका राठौड़ ने आचार्य महाश्रमण के चरणों में अपनी आराधना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के जेटीएन प्रभारी अभिषेक पोखरना, मंत्र दीक्षा राष्ट्रीय सहप्रभारी अजीत छाजेड़ ने भावपूर्ण विचारों की प्रस्तुति दी। संचालन पंकज भंडारी ने किया। स्वागत तेयुप अध्यक्ष मनोज लोढ़ा तथा आभार विनीत फुलपगर ने ज्ञापित किया।
भिक्षु भजन मंडली की स्थापना :
युवा दिवस पर मुनि सुरेशकुमार की प्रेरणा से तेयुप के उपक्रम भिक्षु भजन मंडली की अधिकारिक स्थापना हुई। परिषद सदस्यों ने स्थापना के क्षणों में ‘कल्पतरु रा बीज फल्या’ गीत का समूह गान किया।