उदयपुर। भारत की एकमात्र एवं विश्व की अग्रणी जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक को धातु एवं खनन क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी के लिए विश्व प्रसिद्ध प्रतिष्ठत संस्था डॉउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स मंे एशिया-पेसिफिक धातु एवं खनन क्षेत्र में प्रथम, विश्व स्तर पर पर्यावरण क्षेत्र में तीसरा और इंडेक्स सूची में 8वां स्थान मिला है।
डॉव जोन्स इंडेक्स कंपनियों का मूल्यांकन और बेंचमार्क करती हैं। जिंक ऑफ इण्डिया से जाने जानी वाली हिन्दुस्तान जिंक को धातु एवं खनन क्षेत्र की 75 कंपनियों के मूल्यांकन में पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करते हुए सम्मानित किया है। कंपनियों का मूल्यांकन एवं बेंचमार्किंग आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक तीन आयामों के आधार पर किया जाता है।
जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने बताया कि डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स 2020 में प्रथम श्रेणी में बने रहने पर हमें खुशी है। यह हमारे प्रचालन में सस्टेनेबिलिटी के तहत् किये गये सभी प्रयासो की मान्यता है। सस्टेनेबिलिटी और जीरो हार्म, जीरो वेस्ट और जीरो डिस्चार्ज की दिशा में कंपनी ने कई प्रकार की नई पद्धति एवं आवश्यक कदम उठाएं है। हम इसे एक अवसर के रूप में लेते हुए नए मानदंड स्थापित कर, ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी के लिए अग्रणी और नए बैंचमार्क हेतु सतत् प्रयास जारी रखेंगे।
1999 में प्रारंभ, डीजेएसआई कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी के लिए स्वर्ण मानक का प्रतिनिधित्व करता है और रोबेकोसम वित्तीय, पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन कारकों के विश्लेषण के आधार पर अग्रणी वैश्विक सस्टेनेबिलिटी वाली कंपनियों को ट्रैक करने वाला पहला वैश्विक सूचकांक है जो प्रति कंपनी औसतन 600 डेटा बिंदुओं को एक समग्र स्कोर में परिवर्तित करता है।
भारत की एकमात्र एवं विश्व की अग्रणी एकीकृत जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक पानी और ऊर्जा संरक्षण पर अधिक ध्यान देती है। कंपनी के सभी प्लांट जीरो-एफ्लुएंट डिस्चार्ज पर काम करते हैं। कंपनी के पास एक स्टैण्ड-अलोन सेफ्टी एण्ड इनोवेशन सेल है जो अपने परिचालन में बढ़ी हुई स्वचालन और डिजिटलाइजेशन की दिशा में एक प्रयास है। कंपनी सतत् विकास के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है और लगातार विभिन्न प्रयासों और परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन के माध्यम से प्रदर्शन में सुधार के लिए प्रयासरत है।