हिंदुस्तान जिंक और नॉर्मेट ग्रुप ओवाई में एमओयू

उदयपुर। भारतीय खनन को डीकार्बोनाइज करने के लिये महत्वपूर्ण और बड़ा कदम उठाते हुए हिंदुस्तान जिंक ने फिनलेण्ड की प्रौद्योगिकी फर्म नॉर्मेट ग्रुप ओवाई के साथ भूमिगत खनन में बैटरी संचालित इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग हेतु एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए, हिंदुस्तान जिंक अपनी भूमिगत खदानों में नॉर्मेट स्मार्टड्राइव व्हीकल्स (एनएसडीवी) का उपयोग करेगा, जिससे खदान के संचालन को पर्यावरण के अनुकूल और सस्टेनेबल बनाने में मदद मिलेगी।
जिंक भारत में खनन क्षेत्र में अपनी तरह की पहली कंपनी है जिसने यह पहल की है। कंपनी खनन में बदलाव लाने और सस्टेनलबल तकनीक को लागू करने में अग्रणी है। नवीनतम तकनीक को अपने संचालन में प्रयोग करने के अनुरूप यह एक कदम निर्णायक होगा।
यह एमओयू पर्यावरण सरंक्षण हेतु किये जा रहे महत्वपूर्ण समाधानों और कंपनी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है जिसके तहत् हरित अर्थव्यवस्था के संचालन हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे है। खदानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से शून्य कार्बन उत्सर्जन कर 2025 तक 0.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अरुण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक में हम सदैव सस्टेनेबल संचालन और अब रेस टू नेट जीरो की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप पर्यावरण के अनुकूल तकनीक और नवाचार को प्राथमिकता देते है। नॉर्मेट के साथ हमारी साझेदारी कार्बन उत्सर्जन को कम करने के हमारे सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी मदद कर हरित भविष्य लिए स्थायी संचालन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रस्तुत करती है। हमारा मानना है कि अंडरग्राउंड माइनिंग में बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल की शुरुआत उद्योग के लिए निर्णायक और भारत द्वारा रिस्पॉन्सिबल माइनिंग की दिशा में एक बड़ी उपलब्धी होगी।
नॉर्मेट इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट, इंडिया सेल्स एरिया और एमडी सुभासिस मोहंती ने कहा कि नॉर्मेट में, हमारा मिशन स्थायी भूमिगत खनन में परिवर्तन लाना है। हमारा निरंतर प्रयास सस्टेनेबल संचालन के लिए संसाधन तैयार करते समय भूमिगत सुरक्षा स्तरों को बढ़ाने और उत्पादकता में सुधार है। नॉर्मेट स्मार्टड्राइव वाहनों के लिए हिंदुस्तान जिंक के साथ हमारी साझेदारी सुरक्षित, सस्टेनेबल और हरित खनन के लिए हमारी सामूहिक पहल की ओर कदम है।
जिंक के मुख्य प्रचालन अधिकारी माइंस प्रवीण शर्मा ने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट जिंक के संचालन का अभिन्न हिस्सा है। नॉर्मेट के साथ यह साझेदारी जिम्मेदारीपूर्ण खनन की दिशा में हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाती है। हम भूमिगत खदानों में भारत के पहले यूटिलिटी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिये उत्साहित हैं, जो हमें हरित भविष्य की ओर बढ़ने में सक्षम बनाएगा हैं।
जिंक भारत में पहली खनन कंपनी है जिसने इलेक्ट्रिक व्हीकल को भूमिगत खनन में उपयोग में लाने की पहल की है। स्मार्टड्राइव वाहन जिंक में हाई स्पीड डीजल और इसके रखरखाव में बडी बचत करेगा। उदाहरण के लिए, एक नॉर्मेट मशीन प्रति घंटे 15-17 लीटर एचएसडी की खपत करती है। एचएसडी पर चलने वाले इन वाहनों का औसत जीवन चक्र 20,000 घंटे है। इन एचएसडी वाहनों के बजाय अब स्मार्टड्राइव बैटरी संचालित करने से, प्रति वाहन लगभग 3 लाख लीटर हाई स्पीड डीजल बचाया जा सकेगा। एचएसडी वाहनों के लिए 3 स्मार्टड्राइव ईवी के उयोग से लगभग 10 लाख लीटर ईंधन की बचत की जा सकेगी।
पहले चरण में स्प्रेमेक, एजिटेटर और चार्मेक वाहनों का होगा उपयोग :
नॉर्मेट स्मार्टड्राइव एक मॉड्यूलर बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता है जो कि भूमिगत खनन और टनलिंग में ऊर्जा की खपत और प्रदर्शन के अनूकूल डिजाइन कर वाहनों को बनाता है। स्मार्टड्राइव उपकरण उच्च उत्पादकता, कम परिचालन लागत और सबसे महत्वपूर्ण शून्य उत्सर्जन को सुनिश्चित करते हैं। इस वर्ष के प्रारंभ में, हिंदुस्तान जिंक ने अपनी भूमिगत खदानों में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) को सम्मिलित करने के लिए एपिरॉक रॉक ड्रिल्स एबी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।

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