साधारण से लक्षणों से हो सकती किडनी की बीमारी : डॉ. आशुतोष सोनी

उदयपुर। प्रति वर्ष मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है ताकि जनमानस में किडनी की बीमारियों के प्रति जागरुकता बढ़े। गुर्दे की बीमारी की शुरुआत साधारण सी लगने वाली किसी भी बीमारी जैसे रक्तचाप का बढऩा, डायबिटीज, पेशाब में इन्फेक्शन आदि से हो सकती है। शुरुआत में इनके कोई लक्षण नहीं आते हंै पर जब लक्षण आने शुरु होते हैं तब तक गुर्दे का अधिकांश भाग नष्ट हो जाता है। ये विचार पारस जे. के. हॉस्पिटल के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष सोनी ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि गुर्दे की बीमारी के एडवांस स्टेज में थकान, खुन की कमी, दर्द, मानसिक अस्थिरता, नींद में कमी, रात्रि को बार-बार पेशाब आना, अपच आदि लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में महत्वपूर्ण बात यह है कि गुर्दे के रोगों को एडवांस स्टेज तक बढऩे से रोका जाए। किडनी फेल होने पर डायलेसिस की व्यवस्था व किडनी ट्रांसप्लांट का बंदोबस्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की गुर्दे के मरीज भी सामान्य व्यक्तियों की तरह स्वस्थ रहना चाहते हैं। समाज में अपनी आर्थिक छवि बनाये रखना चाहते हैं और अपनी पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारियों को सुचारु रुप से चलाये रखना चाहते हैं पर इस बड़े उद्देश्य को बिना मरीजों की मदद के मात्र उपचार से नहीं प्राप्त कर सकते है। इसके लिए मरीजों की बीमारी की समझ एवं उसके उपयुक्त उपचार की आवश्यकता होती है। किडनी फेल होने पर यदि डायलेसिस की आवश्यकता 12 घंटे प्रति सप्ताह है तो इसे कम करवाने पर जीवन की अन्य प्रणालियां प्रभावित होगी जिसके कारण सामान्य जीवन नहीं जिया जा सकता है। 50 वर्ष से अधिक आयु के किडनी रोगियों को घर पर ही सीएपीडी करना चाहिये जिससे वे डायलेसिस सेंटर से कोविड के संक्रमण से बच सकते हैं।
डॉ. आशुतोष सोनी ने बताया कि किडनी की बीमारी के शुरुवाती लक्षण दर्द, बुखार व पेशाब में खून आना है। किडनी फैल होने पर  पीडित को उल्टी या उबकाई आती है। चेहरे और पैरों पर सूजन रहती है तथा पेशाब की मात्रा कम हो जाती है। किडनी फैल होने के कारणों में डायबिटीज या ब्लड प्रेशर का होना बहुत मायने रखता है। इसके अलावा पथरी भी किडनी डेमेज कर उसे फैल कर देती है। इसके अलावा किडनी से संबंधित कई रोग ऐसे भी हैं जिनके कोई संकेत नहीं होते। किडनी में पथरी होना आम बात है और मध्यप्रदेश, उत्तरी महाराष्ट्र, गुजरात व राजस्थान में यह समस्या बहुत है। इसका कारण लोगों का पानी कम पीना, गर्मी की अधिकता व इनफेक्शन का होना है। हमारे देश में लोग सहनशीलता और बीमारी में अंतर किए बगैर जीते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि शरीर सामान्य रूप से स्वस्थ्य नहीं रह पाता। बच्चों में गुर्दे की बीमारी होने के कई कारण होते हैं। इनमें मुख्य रूप से जन्म दोष, पेशाब में रुकावट, संक्रमण, आनुवांशिक आदि शामिल है।

Related posts:

एचडीएफसी बैंक ने कोविड वैक्सीन के नाम पर हो रही धोखाधड़ी से जागरूक किया, चलाया अभियान
पीआईएमएस के छात्र जैमिनसिंह राव सम्मानित
सिडबी ने अधिकाधिक एमएसएमई इकाइयों की ट्रेड्स पर भागीदारी के लिए स्वावलंबन आपात प्रतिक्रिया निधि की प...
हिन्द जिंक डीएवी जावर माइन्स विद्यालय का उत्कृष्ट रहा परिणाम
कोटक बना राजस्थान रॉयल्स का साथी
एचडीएफसी बैंक ने 'ऑल-इन-वन पीओएस' लॉन्च करके मर्चेंट ऑफरिंग को मजबूत किया
बामनिया कलां में वृक्षारोपण
निलोन्स के पौष्टिक जिंजर गार्लिक पेस्ट का नया अभियान
सांची ग्रुप करेगा 40 वूमन अचीवर्स का सम्मान
JK Group announces a comprehensive JK CARES program
भाजपा देबारी मंडल कार्यसमिति की बैठक आयोजित
अरविन्दसिंह मेवाड़ द्वारा मातृभाषा वेबसाइट का विमोचन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *