उदयपुर। हिंदुस्तान जिंक पर्यावरण संरक्षण एवं संतुलन के लिए नवाचार करने में विश्वास करती है और यह अपने फिलोशिप के लिए सच भी है, सीआईआई द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता में हिन्दुस्तान जिंक ने चार पुरस्कार जीते हैं। जिंक ने हमेशा अपने संचालन को और अधिक सस्टेनेबल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी में लगातार निवेश करने के लिए कई पर्यावरण अनुकूल प्रेक्टिसेज को अपनाया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए कंपनी ने बेहतर कदम उठाए हैं तथा इसी के परिणास्वरूप कंपनी ने इन बदलावों के लिए कई अवार्ड भी प्राप्त किये हैं।
इस प्रतियागिता में देश भर से कुल 52 कंपनियों ने भाग लिया, जिसमें से 15 कंपनियों को ‘उत्कृष्ट’ की मान्यता प्रदान की गई है। इसमें दो इकाइयां हिन्दुस्तान जिंक की है। हिन्दुस्तान जिंक की राजपुरा दरीबा खदान और चन्देरिया लेड-जिंक स्मेल्टर ने परियोजिना के लिए ‘केस स्टडी – कंपनियों द्वारा इकोलॉजी रेस्टोरेशन के लिए मान्यता’ की श्रेणी में ‘उत्कृष्ट’ पुरस्कार तथा राजपुरा दरीबा खदान में जैव विविधता पार्क का विकास और चंन्देरिया लेड-जिंक स्मेल्टर में वेस्ट डिस्पोजल साइट रिमेडियेशन का जेरोफिक्स वेस्ट यार्ड की बहाली के लिए पुरस्कार जीता है।
राजपुरा दरीबा खान सबसे पुरानी भूमिगत सीसा-जस्ता खदानों में से एक है जिसने समग्र ऊर्जा खपत को कम करने, ऊर्जा और दक्षता में सुधार पर निरंतर ध्यान देने के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ऊर्जा प्रबंधन मानक आईएसओ 50001 को अपनाया है जो लंबे समय में जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करता है। जैव विविधता पार्क परियोजना के तहत, राजपुरा दरीबा परिसर के आसपास लगभग 10 हेक्टेयर भूमि विकसित की गई है, जहां स्थानीय और प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए 42 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 50,000 पौधे लगाए गये थे, जो पास के सिंचाई तालाब में आते हैं।
चंदेरिया लेड-जिंक स्मेल्टर दुनिया में सबसे बड़े सिंगल लोकेशन इंटीग्रटेड जिंक स्मेल्टिंग कोम्प्लेक्स में से एक है जहां उनका अपशिष्ट प्रबंधन और प्लांट में वेस्ट के उपयोग पर फोकस है। चंदेरिया टीम ने टेरी (द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट) के सहयोग से अपने वर्तमान जेरोफिक्स वेस्ट डंप पर हरित क्षेत्र के विकास के लिए माइकोराइजा तकनीक का उपयोग किया है। टेक्नोलोजी एक पौधे और कवक के बीच एक सहजीवी संबंध है, जहां पौधा कवक के लिए भोजन प्रदान करता है और कवक मिट्टी से पोषक तत्व ग्रहण करता है और सस्टेनेबल तरीके से खेती की प्रक्रियाओं में सुधार, उपजाऊ मिट्टी का कायाकल्प और बंजर भूमि को उत्पादक भूमि में सुधारता है।
ज्ञातव्य रहे कि 2000 से अधिक प्रतिभागियों में से, 52 को ‘ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता’ के विजेताओं के रूप में अंतिम दौर के लिए चुना गया था, जिसमें हिन्दुस्तान जिंक के एचएसई विभाग से शमा जैन और तेजस बागरेचा विजेता रहे हैं। शमा जैन 12 वर्षों से अधिक समय से जिं़क से जुड़ी हुई है और सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग और कम्यूनिकेशन को जिम्मेदारी से संभाल रही है जबकि तेजस कंपनी की विभिन्न पर्यावरण संबंधी परियोजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल है।
इस महामारी के दौरान हिन्दुस्तान जिंक ने विभिन्न अनिवार्य मानदंडों एवं विनियमों का पालन किया है। कंपनी ने महामारी की प्रतिक्रिया के रूप में, कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए काम करने के तरीके को बदलने के लिए विभिन्न उपाय भी लागू किये गये हैं। दिशानिर्देशों को कंपनी के सभी कार्यों के लिए केन्द्रीय रूप से लागू किया गया है, जिसमें व्यवसाय की लगातार और कार्यबल के लिए जोखिम के उन्मूलन के लिए परिभाषित जिम्मेदारियां थीं। संयंत्रों में, हिन्दुस्तान जिंक ने सरकारी मानकों और प्रोटोकॉल को लागू करके सभी सुरक्षा सावधानियां बरती है।
हिन्दुस्तान जिंक एक सीओपी 26 बिजनेस लीडर है और कार्बन फुटप्रिंट पर अंकुश लगाने के लिए विज्ञान-आधारित लक्ष्यों (एसबीटी) को प्राप्त करने की दिशा में काम रहा है। धातु और खनन क्षेत्र में डॉव जोन्स सस्टनेबिलिटी इंडेक्स 2020 द्वारा कंपनी को एशिया प्रशांत में प्रथम और विश्व स्तर पर 7वां स्थान दिया गया है। यह एफटीएसई4गुड इंडेक्स का भी सदस्य हैं और जलवायु परिवर्तन के लिए सीडीपी द्वारा प्रतिष्ठित ‘ए’ सूची का हिस्सा बनने वाली भारत की केवल चार कंपनियों में से एक है।