उदयपुर। देश के एकमात्र और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े एकीकृत जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक हिंदुस्तान जिंक को राष्ट्रीय मानक निकाय (बीआईएस) से प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है जो निर्माता के सामान के लिए गुणवत्ता दिशा निर्देश को नियंत्रित करता है। दिसंबर 2021 में चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर ने बीआईएस गुणवत्ता अनुपालन के अनुसार अपने जिंक और लेड उत्पाद और निर्माण प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। कंपनी ने सफलतापूर्वक बीआईएस ऑडिट पूरा किया एवं लेड और जिंक के लिए विश्वसनीयता हेतु बीआईएस लाइसेंस प्रदान किया गया। यह प्रमाणन भारत में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करने के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है और उपभोक्ताओं को गुणवत्ता के बारे में अधिक जागरूक करेगा जिससे घरेलू और विदेशी बाजारों में विश्वास बढ़ेगा।
भारतीय राष्ट्रीय मानक निकाय (बीआईएस) की स्थापना उत्पादन के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन के सामंजस्यपूर्ण विकास के साथ-साथ संबंधित या आकस्मिक मामलों के लिए की गई थी। बीआईएस ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को विभिन्न तरीकों से पता लगाने की क्षमता और लाभ प्रदान किया है, जिसमें सुरक्षित, भरोसेमंद गुणवत्ता वाले सामान प्रदान करना, उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य जोखिम कम करना, निर्यात और आयात विकल्प को बढ़ावा देना और मानकीकरण, प्रमाणन और परीक्षण के माध्यम से विविधता प्रसार को नियंत्रित करना शामिल है।
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