– अणुव्रत के अमृत महोत्सव पर असली आजादी अपनाओ कवि सम्मेलन –
उदयपुर (Udaipur)। अणुव्रत (Anuvrat) आंदोलन के 75 वर्ष सम्पन्नता अमृत महोत्सव के उपलक्ष में शासनश्री मुनि सुरेश कुमार (Muni Suresh kumar) के सान्निध्य में अणुव्रत समिति व श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के बैनर तले असली आजादी अपनाओं कवि सम्मेलन तेरापंथ भवन अणुव्रत चौक में आयोजित हुआ।
सुमन डागलिया, पुष्पा नांदरेचा, मीणा नांदरेचा के संयम मय जीवन हो गीत से शुरू हुए कवि सम्मेलन में मुनि सम्बोध कुमार मेधांश (Muni Sambodh Kumar Medhansh) ने अंधेरों को उजालों में बदलने मैं निकला हू, दर्द इस सारी दुनिया का निगलने मैं निकला हू, आदमी की दुनिया को चलो जन्नत बनाए हम, गिले शिकवों को भुलाकर जरा करीब आये हम, कविताएँ प्रस्तुत की तो समुचा सभागार ॐ अहर्म के निनाद से निनादित हो उठा।
वीर रस कवि वृजराज सिंह जगावत ने हम वतन के नौ जवान है, हम वतन की शान है मिट्टी की खुशबु हम है, हम वतन की जान है, काव्य पाठ कर देशभक्ति का जज्बा पैदा किया। जहां मध्यप्रदेश से आइ दीपशिखा रावल ने अंधेरा ही अंधेरा है उजाला चाहिए हमको गरीबों के हक में निवाला चाहिए हमको कविता सुनाई वहीं शकुंतला सरूपरिया (Shakuntala Saroopria) ने यह भारत बने रामराज्य हमारा बने दीप अपना, उजाला फैलाओ, अणुव्रत अपनाओ विशयक कविता पाठ किया। मंच का कुशल संचालन करते हुए कवि अजात शत्रु (Kavi Ajat Satru) ने तुलसी की गीता है, कविता राम का रामायण है, खाऊंगा न खाने दुंगा, भाइयो-बहनों सुनाकर मार डालूंगा कविता सुनाई। वाह भाइ वाह फेम सिद्देश्वर सिद्धिु (Siddheswar Siddhu) व दाड़म चन्द दाड़म (Dadam Chand dadam) ने हास्य कविताएं सुनाकर श्रोताओ को लोटपोट कर दिया।
कार्यक्रम में असली आजादी अपनाओ के राष्ट्रीय संयोजक व निवर्तमान अणुविभा अध्यक्ष संचय जैन ने मेरी जिन्दगी कमरे में बंद है या स्वच्छंद, मुझे परवाह नहीं काव्य प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा मंत्री विनोद कच्छारा, अणुव्रत समिती अध्यक्ष डॉ. सुरेन्द्र धंगाणी ने स्वागत व समिती मंत्री राजेन्द्र सेन ने आभार व्यक्त किया।
इस मौके उपवन संरक्षक आर. के जैन, अणुव्रत समिती संरक्षक गणेश डागलिया समिती पूर्व अध्यक्ष आलोक पगारिया, अणुविभा राष्ट्रीय कार्य समिती सदस्या श्रीमती प्रणीता तलेसरा सहित कई गणमान्यजन उपस्थित थे। सम्मेलन में कवियो का ओपरणा, स्मृतिचिन्ह व पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया।