मेवाड़ में वाचिक साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध

(सिद्धों, संतों के जाप मंत्रों पर पुस्तक का प्रकाशन)
उदयपुर।
लोक साहित्य मनीषी डॉ. महेंद्र भानावत का मत है कि मेवाड़ में वाचिक और कंठ आधारित साहित्य की सुदीर्घ परंपरा रही है जो अभी भी सुरक्षित है और शोध के योग्य हैं। डॉ. भानावत ने यह बात डॉ. चम्पादास कामड़ की नवीन पुस्तक ‘सिद्धों के जाप सबद और कामड़ लोकगाथाएं’ का लोकार्पण करते हुए कही। अपने आवास पर एक संक्षिप्त आयोजन में उन्होंने मेवाड़ की सिद्ध, योगी, संत और साधकों की परंपराओं को रेखांकित किया। उनका कहना था कि बदलती परिस्थितियों के कारण वाचिक परम्परा में प्रचलित बातों का विलुप्त होने का खतरा बहुत अधिक होता है। उनका दस्तावेजीकरण बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। सिद्ध समुदाय के जाप शब्दों का संग्रह एवं प्रकाशन लोकसाहित्य का एक अतुल्य कार्य सम्पादन हुआ है। इससे लुप्त हो रही भारतीय सिद्ध साहित्य की परंपरा का संरक्षण होगा तथा जिज्ञासु लोग पुस्तक की सहायता से शंखा ढाल, हिंगलाज माता पूजन, बाबा रामदेवजी के निजार पंथ, अलख उपासी कामड़ संतो के आध्यात्मिक मार्ग एवं मारवाड़ी लोकगाथाओं का अधिक से अधिक अवगाहन कर सकेंगे।
डॉ. श्रीकृष्ण ‘जुगनू’ ने स्पष्ट किया कि तिब्बत से लेकर गांधार तक और हिमालय से गिरणार तक सिद्धों की समृद्ध विरासत रही है। सिद्धों, साधकों के पास अपने विभिन्न कार्यों के लिए विशिष्ट जाप होते हैं और वे सिद्धि की तरह गोपनीय रखे जाते हैं। कोई शिष्य होकर उनको प्राप्त करता है। राजस्थान में साबर मंत्रों के रूप में ऐसे जाप आज तक बचे रहे हैं जिनको सबद भी कहा जाता है। ये कंठ कोश या वाचिक परम्परा में रहे हैं। पहली बार इनका प्रकाशन हुआ है।
लेखक डॉ. चंपादास कामड़ ने कहा कि पिछले लगभग 35 वर्षों के श्रम सहित संगति, विश्वास और भेंट उपचार के बाद ऐसे जाप सबदों का संग्रह और संपादन उनके आनुष्ठानिक विधान समेत संभव हो सका है। इसके लिए कई क्षेत्रों की यात्राएं की और कई साधकों, दीक्षितों से भेंटकर यह कार्य पूरा किया।
डॉ. तुक्तक भानावत ने पुस्तक की उपयोगिता बताई और कहा कि लंबे अध्ययन और विश्लेषण की सुन्दर अनुभूतियां इस पुस्तक में देखी जा सकती हैं। यह आने वाले समय में अनेक शोध कार्यों की प्रस्थान बिंदु सिद्ध होगी। आयोजन में जिनेन्द्र दास, अर्थांक भानावत आदि ने भी भागीदारी की।

Related posts:

डेथ क्लेम आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ से मिलेगा एक ही दिन में
कोरोना से जंग में आगे आया जार, एक लाख ग्यारह हज़ार एक सौ ग्यारह रुपये का चेक सौंपा
हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से संचालित घाटा वाली माताजी किसान उत्पादक कंपनी बनी सशक्तिकरण की मिसाल
युवा संगीतकारों के लिये स्कॉलरशिप प्रोग्राम की घोषणा
HINDUSTAN ZINC ANNOUNCES RAJASTHAN'S BIGGEST YOUTH FOOTBALL TOURNAMENT
जीवन तरंग परियोजना के तहत मूक-बधिर छात्रों के लिए डिजिटल साक्षरता पर सत्र का आयोजन
108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ आज से
43rdMKM Football Tournament kickstarts at Zawar 
एचडीएफसी बैंक का लाभ 26.8 प्रतिशत बढा
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा ड्रोन तकनीक से जावरमाला खदान के दुर्गम क्षेत्रों का सर्वेक्षण
हिंदुस्तान जिंक मामले में एनजीटी ने लगाई आवेदक को फटकार
मौद्रिक नीति पर एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ की टिप्पणी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *