उम्मीदों का एक दशक पूरा हुआ
उदयपुर। बाड़मेर ,राजस्थान का एक सुदूर इलाका है जहाँ से यातायात इतना भी सुगम नहीं कि कोई चौदह वर्षों तक जगह-जगह की खाक छान सकें लेकिन ऐसा करते थे हंसराज और रेखा सोनी। संतान पाने के लिए कभी दिल्ली, कभी अहमदाबाद, कभी जयपुर तो कभी अजमेर भी। चौदह बरस के नि:संतानता का वनवास काटने के बाद उन्हें कहीं से इंदिरा आईवीएफ के बारे में पता चला और वो इंदिरा आईवीएफ के उदयपुर सेंटर पर आएं। फिर क्या यहाँ आईवीएफ की प्रक्रिया शुरू हुई जिसके परिणामस्वरूप इनकी बेटी नव्या आज अपना दसवां जन्मदिन मना रही है।
इंदिरा आईवीएफ के चेयरमैन ,आईवीएफ मैन ऑफ़ इंडिया डॉ अजय मुर्डिया ने नव्या को जन्मदिन की बधाई एवं आशीर्वाद देते हुए कहा कि इंदिरा आईवीएफ की पहली किलकारी नव्या है। इसके जन्म ने आज से एक दशक पहले ही कई मिथकों को तोड़ दिया था। आज इसका यहाँ इंदिरा आईवीएफ में आकर सबके साथ जन्मदिन सेलिब्रेट करना भी एक बड़ी बात है और उन दस से पंद्रह प्रतिशत दम्पतियों के लिए भी एक सीख, एक उम्मीद है जो नि:संतानता से परेशान हैं। अभी नि:संतान दम्पतियों की सुविधा के लिए देशभर में इंदिरा आईवीएफ के 93 सेंटर्स कार्य कर रहे हैं।
इंदिरा आईवीएफ के सीईओ डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि जब नव्या के माता पिता यहां आएं उससे कुछ दिनों पहले ही हमने ऑस्ट्रेलिया से क्लोज वर्किंग चैम्बर मंगाया था जिसमें आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान लैब में भ्रूण को वहीं तापमान और वातावरण मिलता है जो माँ के गर्भ में मिलता है। जिससे सक्सेस रेट बढ़ता है और ऐसा ही हुआ। नव्या इस सक्सेस का साक्षात् प्रमाण है। उन्होंने कहाँ कि जैसे ही कुछ भी नया होता है हम उसे अडॉप्ट करने की कोशिश करते हैं। आज हमारे पास अलार्म सिस्टम ,इलेक्ट्रॉनिक विटनेस सिस्टम , क्लोज वर्किंग चैम्बर जैसे टेक्निक्स है और यहीं कारण है कि रिजल्ट अच्छे आते हैं। आज इन्हीं की बदौलत 65 हज़ार से ज्यादा घरों में किलकारियां गूंज रही हैं। नव्या जिसकी शुरुआत बनीं।
अपने जन्मदिन पर जब नव्या प्रिंसेस की तरह इंदिरा आईवीएफ के उदयपुर सेंटर में दाखिल हुई तो उनके सत्कार के लिए खुद इंदिरा आईवीएफ समूह के डायरेक्टर और एम्ब्रोलॉजिस्ट नितीज़ मुर्डिया अपने चैम्बर से निकल कर आएं और उन्होंने ने नव्या के साथ सेल्फी ली। फिर क्या था सेल्फी विथ नव्या का सिलसिला ही चल पड़ा। नव्या को लम्बी उम्र की दुआ देते हुए नितीज़ मुर्डिया ने कहा कि नव्या को देखकर अब हम सब ये कह सकते है कि हमारा देश बदल रहा है। हम जिन बातों से नजऱें चुराते थे आज उसके लिए वोकल हो रहे हैं, सेलिब्रेट कर रहे हैं। ये बात इतिहास में दजऱ् होगी। नितीज़ मुर्डिया ने एम्ब्रोलॉजी टीम के साथ साथ पूरी इंदिरा आईवीएफ टीम को बधाई दी।
हंसराज और रेखा सोनी ने अपनी बेटी के दसवें जन्मदिन पर यह घोषणा भी कर दी कि वे दूसरी संतान की सोच रहें हैं जिसके लिए फिर से इंदिरा आईवीएफ ही आएंगे क्योकि यहाँ की तकनीक, पारदर्शिता और टीम के व्यवहार ने उन्हें बहुत आकर्षित किया है।
नव्या है इंदिरा आईवीएफ की पहली किलकारी
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