विश्व पुस्तक मेले में ‘प्रेमचंद की व्यंग्य कथाएं’ पुस्तक का लोकार्पण

डॉ पल्लव की संपादित कृति का प्रकाशन

नई दिल्ली। प्रेमचंद के विशाल कथा साहित्य से चुनकर इन व्यंग्य कहानियों को प्रस्तुत किया गया है जिन्हें पढ़कर पाठक हास्य-व्यंग्य के साथ सामाजिक विडम्बनाओं के जीवंत चित्रों से साक्षात्कार करता है। भारत मंडपम में विश्व पुस्तक मेले के प्रथम दिन राजपाल एंड सन्ज़ द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘प्रेमचंद की व्यंग्य कथाएं’ के लोकार्पण समारोह में अनूठा प्रयोग किया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय की युवा विद्यार्थी मोहिनी राय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अजय विद्रोही और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गुलाम कादिर ने इस पस्तक का लोकार्पण किया। प्रकाशक मीरा जौहरी ने कहा कि देश के इन तीन लोकप्रिय विश्वविद्यालयों के युवा पीढ़ी के प्रतिनिधियों के रूप में इन विद्यार्थियों द्वारा प्रेमचंद की पुस्तक का लोकार्पण हिंदी साहित्य के लिए नया अनुभव है।
लोकार्पण समारोह में सबसे पहले गुलाम कादिर ने पुस्तक की कहानियों की चर्चा करते हुए बताया कि प्रेमचंद ने मोटेराम शास्त्री जैसा पात्र रचा है जिसके माध्यम से तत्कालीन समय की सामाजिक व्यवस्था का सुन्दर दृश्य सामने आता है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में दो बैलों की कथा जैसी लोकप्रिय कहानी भी है जो मुक्ति का आख्यान रचती है। अजय विद्रोही ने कहा कि प्रेमचंद अपने पात्रों के माध्यम से सामाजिक व्यवस्था की विडम्बनाओं पर प्रहार करते हैं। उनकी भाषा थोपी हुई नहीं लगती है। मुक्ति की बात प्रेमचंद करते हैं चाहे वो स्त्री मुक्ति की बात हो या जानवरों की मुक्ति की। मोहिनी राय ने संकलन की कहानियों का उल्लेख कर बताया कि प्रेमचंद की कथाओं में स्त्री की भूमिका बहुत अहम नज़र आती है। उन्होंने चयन में सम्पादकीय दृष्टि की प्रशंसा की।
पुस्तक के सम्पादक सुपरिचित युवा आलोचक और हिन्दू कालेज में सह आचार्य डॉ पल्लव ने कहा कि पिछले सौ से अधिक सालों से प्रेमचंद हमारे सबसे लोकप्रिय और बड़े लेखक हैं। उनके विशाल कथा साहित्य का बार बार अवलोकन किया जाना चाहिए और नयी दृष्टि से मूल्यांकन भी होना चाहिए। डॉ पल्लव ने कहा कि प्रेमचंद की इन कहानियों में जीवन के अनेक रंग हैं जो सहज हास्य और शिष्ट व्यंग्य की पगडण्डी पर दौड़ते दिखाई देते हैं।
संयोजन कर रही जयनारायण व्यास जोधपुर में हिंदी की सहायक आचार्य डॉ कीर्ति माहेश्वरी ने पुस्तक का परिचय प्रस्तुत किया और कहा कि सरल हास्य में गंभीर बात कह देने की कला में भी प्रेमचंद अग्रणी लेखक हैं जिसका परिचय इस संकलन की कहानियां देती हैं।
समारोह में युवा शिक्षक डॉ आशीष सिंह, शोधार्थी आकाश मिश्र सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। राजपाल एन्ड सन्ज़ के सम्पादकीय निदेशक चंद्रशेखर चतुर्वेदी ने आभार व्यक्त किया।

Related posts:

डॉ. लुहाड़िया और डॉ. गुप्ता पैनल डिस्कशन के लिए चयनित

सांडोल माता ईको डेस्टिनेशन साइट के नजारों का लुत्फ उठाया

ExxonMobil elevates India’s motorsports scene by powering first F4 Championship and Season 2 of Indi...

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ महाराणा प्रताप की 484वीं जयंती पर विशेष पूजा-अर्चना कर 484 किग्रा के लड्डू...

अब बिना आईडी प्रूफ़ लग सकेगी जैन साधुओं को वैक्सीन

launches its First Corporate Centre in the Lake City of Udaipur; 193rd in India

जयपुर में राज्यस्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ने किया मोबाइल वेटरनरी इकाइयों का लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल उदयपुर में

सूचना केंद्र में नेशनल बुक ट्रस्ट की पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ

फतहनगर रेलवे स्टेशन का होगा कायाकल्प

मैक्स-फैक फाउन्डेशन कार्यशाला आयोजित

बीजेपी सांसद मन्नालाल रावत को धमकी देने वाला गिरफ्तार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *