उदयपुर। झारखंड स्थित जैन समाज के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तीर्थराज सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किये जाने के विरोध में महावीर युवा मंच ने कड़ा विरोध जताया है।
मंच के मुख्य संरक्षक प्रमोद सामर ने कहा कि झारखंड राज्य में जैन संतों की मोक्षस्थली श्री सम्मेद शिखरजी जैन धर्म की आस्था का प्रतीक होते हुए धार्मिक ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। झारखंड सरकार वहां पर्यटन क्षेत्र विकसित करने का मन बना रही है जो सरासर उचित नहीं है। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष डॉ. तुक्तक भानावत, महामंत्री हर्षमित्र सरूपरिया, आलोक पगारिया, कुलदीप नाहर, भगवती सुराणा, अर्जुन खोखावत, मनोज मुणेत, सतीश पोरवाल ने झारखंड सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध जताया और सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल बनाये जाने के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की।