उदयपुर। प्रसिद्ध काष्ठशिल्पी कावड़ निर्माता मांगीलाल मिस्त्री (80) के निधन पर सम्प्रति संस्थान ने शोकांजलि दी।
संस्थापक डॉ. महेन्द्र भानावत ने कहा कि 1969 में मिस्त्री से भारतीय लोककला मण्डल में सेवाएं लेकर पारम्परिक मांगलिक काष्ठकलाएं गणगौर, ईसर, वेवाण, मुखौटा, चोपड़ा, कावड़, कठपुतलियां बनवाकर संग्रहालय में प्रदर्शित कीं। कलामंडल ने कठपुतली प्रदर्शन में तो विश्व का प्रथम पुरस्कार ही प्राप्त किया। सेवानिवृत्ति के बाद तो मिस्त्री ने अनेक कावड़ें बनाईं जो देश-विदेश के अनेक संग्रहालयों में शोभित हैं।
अध्यक्ष डॉ. एस. एस. सारंगदेवोत ने मिस्त्री को कुशल शिल्पी बताते कहा कि माचीस से लेकर पांच फीट तक की कावड़ के इस प्रयोगधर्मी ने राजस्थान का गौरव बढ़ाया। उनकी सबसे बड़ी कावड़ पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर में प्रदर्शित है।
सचिव डॉ. तुक्तक भानावत ने कहा कि संप्रत्ति द्वारा समय-समय पर आयोजित समारोह के दौरान जया बच्चन, लक्ष्मीमल्ल सिंघवी, प्रभाकर माचवे, जगदीशचन्द्र माथुर, कपिला वात्स्यायन, बालकवि बैरागी जैसी हस्तियों को कावड़ें भेंट की। शोकांजलि में संप्रति सदस्यों में डॉ. देव कोठारी, डॉ. कृष्ण जुगनू, किशन दाधीच, डॉ. कहानी भानावत, जितेन्द्र मेहता, राजेन्द्र वीरानी, शूरवीरसिंह भाणावत, राजेन्द्र पालीवाल ने भी विचार व्यक्त किये।
कावड़ निर्माता मांगीलाल मिस्त्री नहीं रहे
