उदयपुर : पुष्टीमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली में स्नान यात्रा के अवसर पर श्रीजी प्रभु में ज्येष्ठ नक्षत्र के मुहूर्त में शुक्रवार को गो.ति.108 श्री राकेशजी (श्री इंद्रदमनजी) महाराज श्री एवं गो.चि.105 श्री विशाल जी (श्री भूपेशकुमारजी) बावा श्री ने अधिवासित यमुना जल से जिसमें केसर,चंदन, गुलाब जल, सुगंधित फूल बरास, तुलसी पत्र इत्यादि से युक्त जल से श्रीजी प्रभु का महा ज्येष्ठाभिषेक स्नान कराया। इस अवसर पर वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा वेदोक्त रीति से पुरुष सूक्त का पाठ किया गया। तत्पश्चात श्रीजी प्रभु को अलौकिक शृंगार धराया गया व सवा लाख आम का भोग आरोगाया गया। इस अवसर पर श्री विशाल बावा ने स्नान यात्रा के महातम्य के बारे में बताया कि श्रीजी प्रभु निकुंज नायक व पुष्टि सृष्टि के राजाधिराज होने के कारण उन्हें राज्याभिषेक के भाव से भी स्नान कराया जाता है। पुष्टिमार्ग में नंदालय की भावना से बृजराज कुमार होने के कारण भी प्रभु को शीतल जल से स्नान कराया जाता है। पुष्टिमार्ग में एक और सबसे बड़ा महत्व है सख्य भाव से जब गोपिया जलक्रीड़ा के भाव से श्रीजी प्रभु को जल का छिड़काव कर स्नान कराती है और यही जलक्रीड़ा के भाव से श्रीजी प्रभु में भी श्रीजी का ज्येष्ठाभिषेक स्नान तिलकायत श्री शंख से छिड़काव करके ही कराते है जो समस्त पुष्टि सृष्टि को शीतल आनंद प्रदान करता है। श्रीजी प्रभु ऋतु फल होने के कारण आम का सवा लाख भोग भी इसीलिए आरोगते हैं कि वह समस्त पुष्टि सृष्टि को अपने प्रसाद के रूप में उसे प्रदान कर सकें।
इस अवसर पर श्रीजी प्रभु के आम का प्रसाद प्रभु की हवेली के सभी द्वारों पर वैष्णव जनों को वितरित किया गया। श्रीजी प्रभु के स्नान यात्रा के अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, मुख्य प्रशासक भारतभूषण व्यास, तिलकायतश्री के मुख्य सलाहकार अंजन शाह, सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य, मंदिर मंडल के सदस्य समीर चौधरी, तिलकायतश्री के सचिव लीलाधर पुरोहित, मंदिर के पंड्याजी परेश नागर, मंदिर के मीडिया प्रभारी एवं पीआरओ गिरीश व्यास, राजेश्वर त्रिपाठी, समाधानी उमंग मेहता, जमादार हर्ष सनाढ्य, कैलाश पालीवाल आदि उपस्थित थे।