100 स्कूलों  के 8 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने देखी अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में इसरो की प्रदर्शनी

गगनयान, चंद्रयान और सेटेलाइट के प्रति खूब रुचि दिखाई विद्यार्थियों ने
उदयपुर।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरिक्ष प्रदर्शनी के दो दिनों में उदयपुर संभाग व शहर के 100 से ज्यादा स्कूलों कें 8000 से अधिक छात्र-छात्राओं एवं आम नागरिकों को अंतरीक्ष विज्ञान और इसरो द्वारा किए जा रहे नवीन अनुसंधान के बारे में जानने को मिला। इस आयोजन में हजारों छात्रों, शिक्षकों एवं विज्ञान प्रेमियों ने भाग लिया।
प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान, अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के प्रति रुचि और समझ विकसित करना था। छात्रों के लिए आयोजित तकनीकी व्याख्यानों में इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष मिशनों, सैटेलाइट प्रक्षेपण प्रणाली, रोबोटिक मिशन एवं अनुसंधान की प्रक्रियाओं पर विस्तृत जानकारी दी।
छात्रों ने इसरो के वैज्ञानिकों से सीधे सवाल पूछे। गगनयान मिशन, नार्स ऑर्बिटर मिशन, स्पेत्स रोवर्स, पीएसएलवी, जीएसएलवी आदि विद्यार्थियों के लिए जिज्ञासा के विषय रहे। वैज्ञानिकों ने सरल भाषा में उत्तर देकर छात्रों की जिज्ञासा शांत की।
संस्थान के सचिव एन. एल. खेतान एवं वित्त सचिव अमित अग्रवाल, अरावली ग्रुप ऑफ कॉलेजेज ने जानकारी दी कि इस प्रदर्शनी में लगभग 8 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लेकर विज्ञान एवं अनुसंधान की दुनिया से जुड़ने का अद्वितीय अवसर पाया।
वीएसएसई व सेक, इसरो द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण चन्द्रयान व मंगल मिशन के मॉडल्स रहे। इसके अलावा अन्य आकर्षण का केंद्र वॉटर रॉकेट बा, जिसका अनेक विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं ने मनोरंजन के साथ-साथ विज्ञान के चमत्कार का लुफ्त उठाया। समापन अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. हेमंत धामाई. (एआईटीएस) ने कहा कि यह आयोजन अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। इससे प्रतिष्ठित संस्थान के साथ साझेदारी में आयोजित यह कार्यक्रम छात्रों के करियर निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।
इसरो की प्रदर्शनी के सफल समापन के अवसर पर निदेशक ने समिति के समस्त स्टाफ सदस्यों, तकनीकी कर्मियों एवं समर्पित सहयोगी छात्र-छात्राओं के प्रति गहन आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की निष्ठा, परिश्रम एवं उत्कृष्ट योगदान की सराहना करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र एवं परितोषिक प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में सहभागिता न केवल छात्रों के ज्ञान-विस्तार का माध्यन बनती है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की भावना को भी प्रोत्साहित करती है।
अरावली संस्थान के डॉ. गौरव पुरोहित, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, ने सभी इसरो के वैज्ञानिकों, संस्थान के कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

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