उदयपुर। साल 2019 में आए घातक कोरोनावायरस ने देश और दुनिया के लोगों के शरीर में बहुत सी बीमारियों को जन्म दिया जिसमें से कोविड से ठीक होने के बाद भी मरीज के शरीर के किसी हिस्से में स्ट्रोक होना आम माना गया, लेकिन उदयपुर के पारस जेके हॉस्पिटल में पोस्ट कोविड रक्तस्रावी (हेमरैजिक) स्ट्रोक का एक रेयर केस आया। रक्तस्रावी स्ट्रोक तब होता है जब रक्त वाहिका मस्तिष्क के अंदर फट जाती है और मस्तिष्क के टिशूज को खून से ढक देती है। इस रेयर केस का इलाज पारस जेके अस्पताल के चिकित्सकों ने सफलतापूर्वक कर कामयाबी हासिल की है।
करीब 35 वर्षीय महिला स्पीच डिस्टरबेंस (बोलने में दिक्कत) और फेशियल वीकनेस (चेहरे पर सुन्नता) की परेशानी के चलते पारस जेके अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंची। यहां डॉक्टरों ने पहले उनकी एमआरआई, ब्रेन एंजियोग्राफी और डीएसए जांच की लेकिन जांचों में कुछ नहीं आया। ब्लड के भी सारे टेस्ट नॉर्मल आए. लेकिन फिर पता चला कि मरीज को 15 दिन पहले कोविड हुआ था जिससे पोस्ट कोविड-19 इंटरसेरीब्रल हेमोरेज (आईसीएच) की परेशानी हुई है। आमतौर इंटरसेरीब्रल हेमोरेज (आईसीएच) हाइपरटेंशन के कारण दिमाग की नसों के फट जाने के बाद खून के बाहर निकलने से स्ट्रोक होता है. लेकिन पोस्ट कोविड में ऐसे मामले बहुत रेयर और खतरनाक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इस तरह के स्ट्रोक के मामले 0.5 प्रतिशत से भी कम हैं।
पारस जेके हॉस्पिटल, उदयपुर के सीनियर कंसलटेंट ऑफ न्यूरोलॉजी एंड इंटरवेशनल न्यूरोलॉजी डॉ. तरुण माथुर ने बताया कि ज्यादातर स्ट्रोक का कारण हाइपरटेंशन होता है. लेकिन इस केस में हमने पेशेंट की सारी जांचें करवाई तो मरीज को हाइपरटेंशन की परेशानी भी नहीं थी। उनका ब्लड प्रेशर नॉर्मल ही रहता है फिर सारी जांच और कोविड की रिपोर्ट देखने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि इस स्ट्रोक का कारण कोविड ही है। रक्तस्रावी स्ट्रोक के इलाज में दिमाग में हो रहे रक्तस्राव को रोकना जरूरी है और दिमाग में रक्तस्राव से जुड़ी परेशानी को कम करना जरूरी है क्योंकि साइड इफेक्ट्स के रूप में यह बढक़र और खतरनाक हो सकता है। इंट्राक्रानियल प्रेशर को कम करने के लिए दवाई दी जाती हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। इलाज के बाद मरीज स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है।
पारस जेके अस्पताल में रेयर पोस्ट कोविड ब्रेन स्ट्रोक का सफल इलाज
