नारायण सेवा संस्थान का 41वां दिव्यांग सामूहिक विवाह

विदा हुई 51 बेटियां साजन के साथ
उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान द्वारा रविवार को आयोजित 41वें निःशुल्क दिव्यांग व निर्धन सामूहिक विवाह में 51 जोड़े परस्पर सात वचनों को लेकर जनम – जनम के बंधन में बंध गए। इनमें 25 जोड़े सकलांग थे जबकि 26 जोडे ऐसे थे जो बैसाखी या किसी और के सहारे बिना उठ नहीं पाते, चल नहीं पाते अथवा देख नहीं पाते। इनमें अधिकतर वर- वधु ऐसे थे जो संस्थान से आर्टिफिशियल लिम्ब और आत्मनिर्भरता का कोर्स यही से पाया। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किये। सोहन चड्ढा-अमेरिका, भरतभाई सोलंकी- इंग्लैंड, कुसुम गुप्ता- दिल्ली सहित देश भर से बड़ी संख्या में आए अतिथियों की मौजूदगी में सजे-धजे विशाल हाड़ा सभागार में नाते-रिश्तेदारों, मित्रों, कन्यादानियों और साधक -साधिकाओं ने जोड़ो पर असीम स्नेह लुटाते हुए इन लम्हों को और भी भावुक व याद‌गार बना दिया।


संस्थान संस्थापक पद्‌मश्री अंलकृत कैलाश ‘मानव’ सह संस्थापिका कमला देवी, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, निदेशक वंदना अग्रवाल व पलक अग्रवाल द्वारा गणपति पूजन के पश्चात प्रातः 11 बजे शुभ मुहूर्त में दूल्हों ने क्रमवार परम्परागत तोरण की रस्म का निर्वाह किया। इसके बाद भव्य पाण्डाल में गाते-झूमते अतिथियों के बीच जोड़ों ने संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल व निदेशक वंदना अग्रवाल के सहयोग से स्टेज पर वरमाला डाली। इस दौरान उन पर पुष्प वर्षा की झड़ी लग गई। विवाह स्थल पर आतिशबाजी हुई। इसके बाद मुख्य आचार्य के निर्देशन में 51 पण्डितों ने अलग- अलग अग्निकुण्डों पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पाणिग्रहण संस्कार की विधि सम्पन्न करवाई। इस दौरान प्रत्येक वेदी पर वर-वधू के माता -पिता, कन्यादानी व साधक -साधिकाएं उपस्थित थे।


संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने अतिथियों व वर-वधुओं के परिजनों का स्वागत करते हुए कहा कि जब जीवन की दशा और दिशा बदलने वाला कोई सुनहरा सपना होता है तो उसकी ख़ुशी को बयां करना आसान नहीं होता। वहीं मंजर आज यहां दिख रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान पिछले 40 विवाहों में विभिन्न राज्यों के 2300 से अधिक जोड़ों की गृहस्थी बसाने में योगदान कर खुशी महसूस करता है।
उपहार एवं विदाई :- विवाह विधि संपन्न होने पर नव-युगल को संस्थान व अतिथियों की ओर से नवगृहस्थी के लिए आवश्यक सामान एवं उपहार स्वरूप आभूषण प्रदान किए गए। जिसमें मंगलसूत्र, चूड़ी, लोंग, कर्णफूल, अंगूठी, रजत पायल, बिछिया आदि शामिल थे जब कि गृहस्थी के सामान में चूल्हा,बिस्तर, अलमारी, संदूक, बर्तन,पानी की टंकी सहित आवश्यक सामग्री दी गई। विदाई के वक्त कन्याएं नम आँखों से विदा हुई और उनके दुल्हों ने संस्था और समाज सेवियों से लिपटकर और नमन कर आशीर्वाद लिया। सभी नवविवाहित बेटियों की दोपहर 3 बजे डोली में विदाई हुई तथा संस्थान के वाहनों से उनके शहर/गांव तक पहुंचाया गया।

उल्लेखनीय हैं कि इस सामूहिक विवाह में दोनों पैरों से दिव्यांग बांसवाड़ा के मनीलाल ने निर्धन रसीला डामोर से, उदयपुर के एक हाथ से अपाहिज़ हीरालाल ने निर्धन शांति कुमारी से, हमीराराम एक पैर से दिव्यांग ने निर्धन कुकली कुमारी और दोनों पैर से दिव्यांग सोमाराम ने संस्थान से आर्टिफिशियल लिंब प्राप्त करने वाली संगीता का हाथ थामा।

Related posts:

ZINC FOOTBALL ACADEMY MAKES IT 4 OUT OF 4

प्रेम प्रसंग में युवक ने की प्रेमिका की हत्या

पूर्व डीजीपी बंजारा एवं राज राजेश्वर ने किया नारायण सेवा संस्थान का अवलोकन

Hindustan Zinc Recognized for Pioneering LGBTQIA+ Inclusion Efforts at the 3rd National Transgender ...

पेटीएम ने आईपीएल 2022 सीजन के दौरान रिचार्जेस के लिये डेली डीटीएच धमाल ऑफर लॉन्चि किया

अंतर्राष्ट्रीय जिंक एसोसिएशन भारत में हिंदुस्तान जिंक की मेजबानी में जिंक कॉलेज का आयोजन करेगा

ZINC FOOTBALL ACADEMY SPARKLES AT THE NATIONAL LEVEL, GOES UNBEATEN AT GROUP STAGE TO QUALIFY FOR RO...

मुनिद्वय द्वारा डॉ. भानावत की कुशलक्षेम

जिंक फुटबॉल अकादमी ग्रुप स्टेज में अपराजित रही

क्लियरट्रिप ने 90+ शहरों में बस सेवाएं और नेशनऑनवेकेशन का पहला संस्‍करण लॉन्‍च किया

राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ सहारण के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण

वोडाफोन टर्बोनेट 4जी राजस्थान का सबसे तेज़ 4जी डेटा नेटवर्क