उदयपुर : आजादी के अमृत महोत्सव एवं मकर संक्रान्ति के अवसर पर नारायण सेवा संस्थान द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार व दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के सौजन्य से उदयपुर के दिव्यांग एवं वृद्धजनों के सेवार्थ विशाल शिविर सैकड़ों दिव्यांगों के चहेरों पर मुस्कान लाने के साथ शनिवार को सम्पन्न हुआ।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि नारायण सेवा संस्थान दिव्यांग बन्धुओं को आत्मनिर्भर बनाने व पुनर्वास के क्षेत्र में बेमिसाल काम कर रहा हैं। दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा में लौटने लगे है। समारोह के अध्यक्ष सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मान्धाता सिंह राणावत ने दिव्यांगों से केंद्र एवं राज्य सरकार की चल रही योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। इससे पूर्व संस्थान संस्थापक कैलाश मानव, अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल, कमला देवी, वंदना अग्रवाल, ट्रस्टी देवेन्द्र चौबीसा ने मंचासीन अतिथियों का प्रतीक चिन्ह, माला, साफा पहनाकर अभिनंदन किया। नारायण सेवा संस्थान के यूके चेप्टर के मैनेजिंग ट्रस्टी भीखू भाई पटेल ने शिविर में आए दिव्यांगों को भोजन पैकेट व बिस्किट वितरित करते हुए गुजरात में शिविर करवाने की घोषणा की।
संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर के शिविर में 355 जन का पंजीयन हुआ। जिसमें 100 को ट्राइसाईकिल, 20 को व्हीलचेयर और 20 को वैशाखी दी गई। वहीं वृद्धजनों और सुनने की समस्या ग्रस्त जनों को 25 श्रवण यंत्र निःशुल्क दिए गए। शिविर में 45 दिव्यांग का शल्य चिकित्सा के लिए चयन हुआ तथा 90 अंग विहिनों का कृत्रिम हाथ-पैर के लिए माप लिया गया। जिन्हें एक बाद कृत्रिम अंग पहनाए जाएंगे।
शनिवार को ही डूंगरपुर और जालोर में दिव्यांग सहायता शिविर के अलावा संस्थान के 40 शाखा-आश्रमों में अन्नदान – वस्त्रदान के कार्यक्रम आयोजित हुए। जिसमें 5000 से अधिक जरूतमंदों तक सेवा पहुंची। शिविर संयोजक नरेन्द्र सिंह चौहान, हरिप्रसाद लढ्ढा एवं रोहित तिवारी ने दिव्यांगों को तिलक लगाकर विदा किया। धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी और संचालन महिम जैन ने किया।
लाभार्थी: मैं पिछले 30 वर्ष से आटा चक्की चलाकर अपने परिवार का पोषण कर रहा था। सन 2014 में कान की तकलीफ के चलते सुनाई न देने से मेरी चक्की बंद हो गई। आज वर्षों बाद कान की मशीन लगने से साफ-साफ सुनाई देने लगा है, मुझे बहुत अच्छा लगा। संस्थान का धन्यवाद। – अब्दुल सतार, श्रवण बाधित 85 वर्षीय दिव्यांग, रूपनगर, उदयपुर
मुझे जन्म से ही पोलियो ने जकड़ लिया था, धीरे-धीरे मेरे दोनों पैर मुड़ते चले गए। पिछले 30 वर्षों से मेरा जीवन संघर्ष व चुनौतियों में कट रहा था। आज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार और नारायण सेवा संस्थान के सेवा शिविर में मुझे ट्राई साइकिल मिली। अब मेरी रुकी जिंदगी रफ्तार पकड़ेगी। – लादूदास, वल्लभ नगर