उदयपुर। उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में खान सुरक्षा महानिदेशालय उत्तर पश्चिमी अंचल उदयपुर के तत्वाधान में ‘खानों में व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाएँ – वर्तमान परिदृश्य, चुनौतियाँ और आगे की राह’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि खान सुरक्षा महानिदेशक, उज्ज्वल ताह और विशिष्ट अतिथि निदेशक, खान एवं भू विज्ञान विभाग, राजस्थान भगवती प्रसाद उपस्थित रहे। आर. टी. मांडेकर, खान सुरक्षा उपमहानिदेशक, उत्तर पश्चिमी अंचल, अरुण मिश्रा, सीईओ हिंदुस्तान जिंक लि. एवं मांगीलाल लुणावत, अध्यक्ष, उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सम्मानित अतिथि थे।
कार्यशाला में खान सुरक्षा महानिदेशालय के अधिकारी, ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि, व्यावसाइक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न संस्थानों के चिकित्सक एवं वैज्ञानिक, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि, विभिन्न माइनिंग कंपनी से आये प्रतिनिधि, डॉक्टर्स ने भाग लिया। कार्यशाला में विषय पर डॉ पी के सिसोदिया, एक्सपर्ट कंसलटेंट राजस्थान सरकार, डॉ. आर आर तिवारी, डायरेक्टर, एनआईआरईएच, डॉ. डी कोलेकर, डायरेक्टर (मेडिकल), डॉ. बी बी मंडल, एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईटी खडग़पुर, डॉ. एस के सुमन, एसोसिएट प्रोफेसर, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, डॉ. प्रदीप कस्वां, एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. मिहिर रूपानी, वैज्ञानिक-इ, एनआईओएच, ड़ॉ एस के भंडारी, एचओडी मेडिकल, मेस्सेर्स जेके लक्ष्मी सीमेंट, डॉ. देवाशीष नियोगी, डॉ. दीपक गौतम, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड सीईओ डॉ. एस के चौधरी, सीएमओ सीमेंट लिमिटेड इन प्रमुख वक्ताओं ने अभिभाषण दिया।
उद्घाटन सत्र में खान सुरक्षा महानिदेशक उज्ज्वल ताह ने कहा कि असंगठित क्षेत्र की खदानों में कार्यरत खनिकर्मियों की व्यावसायिक व्याधियों का पता लगाने, उपचार, मुआवजा तथा पुनर्वास की सम्बन्ध में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सभी संस्थानों जैसे कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय, कर्मचारी राज्य बीमा निगम तथा राज्य सरकार खान एवं भू विज्ञानं विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी कार्यालय, राष्ट्रीय व्यवसाइक संस्थान तथा विभिन्न ट्रेड यूनियन के साझा प्रयास से असंगठित खनन क्षेत्र के लिए प्रभावशील रण नीति बनाने की जरुरत है और यह आयोजन इस दिशा में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
भगवती प्रसाद, आईएएस, डीएमजी ने देश के बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और औद्योगिक विकास में खनन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने विशेष रूप से राष्ट्र के विकास में राजस्थान के खनिज संपदा के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया। भगवती प्रसाद ने खनन उद्योग से जुड़े जोखिमों को भी उजागर किया और खनिकों के व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में शामिल लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का विचार-विमर्श राजस्थान में खनिकों के समुचित कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा
कार्यशाला में राजस्थान सरकार की तरफ से डॉ. एच एल ताबियार सीएमएचओ बांसवाड़ा, डॉ शंकर बामनिया, सीएमएचओ, उदयपुर, ए के नंदवाना, खान एवं भू विज्ञान विभाग उदयपुर, डी पी गौर, टीए खान एवं भू विज्ञानं विभाग, डॉ. नरेंद्र यादव डिप्टी सीएमएचओ राजसमंद एवं विशेष आमंत्रित अतिथियों में कल्याण सिंह शेखावत मुख्य सचिव हिंदुस्तान जिंक वर्कर्स फेडरेशन उपस्थित रहे। वक्ता के रूप में खान सुरक्षा महानिदेशालय, कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, राष्ट्रीय पर्यावरणीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान, भारतीय प्रौध्योगिकी संस्थान जैसे देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों एवं खदानों के वशिष्ठ चिकित्सकों ने इस कार्यशाला में संबंधित विषयों पर अपना विचार साझा किया। संचालन डॉ. कोशीक सरकार, खान निरीक्षक, (व्यावसायिक स्वास्थ्य) खान सुरक्षा महानिदेशायालय ने किया। कार्यशाला में देशभर से विभिन्न माइनिंग कंपनियों, माइन ओनर्स एसोसिएशन के 191 वरिष्ठ अधिकारियों एवं चिकित्सकों ने मह्त्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यशाला के प्रस्तुत सभी वक्ताओं के विचारों के मद्देनजऱ एक कार्य योजना बनाने पर सहमति बनी, जिसे माइनिंग क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के व्यावसायिक स्वास्थ्य में बेहतरी के लिए राष्ट्रीय स्तरपर कार्य किया जा सके।