उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के देबारी स्थित जिंक कौशल केंद्र द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस पर फूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस उत्सव के माध्यम से कौशल केन्द्र के प्रशिक्षुओं ने रचनात्मकता और उद्यमशीलता का प्रदर्शन किया। प्रशिक्षुओं के नवाचार और टीम वर्क के साथ मिस्टर चाट, मिसेज सैंडविच, शेक हेवन और चट-पट-चाट जैसे अनोखे नाम वाले स्टॉल लगाए गए। पहल ने युवा सशक्तिकरण के महत्व जिसमें छोटे विचारों को प्रभावशाली कार्यों में बदलने की क्षमता और स्वामी विवेकानंद की दूरदर्शी भावना को दर्शाया गया।
इस समारोह में प्रशिक्षुओं द्वारा हासिल की गई हाल की उपलब्धियों की जानकारी दी गयी। खाद्य और पेय सेवा प्रबंधन बैच के सात प्रशिक्षुओं ने डेला रिसॉर्ट, लोनावाला, महाराष्ट्र में प्लेसमेंट हासिल किया, जो उनके आतिथ्य करियर में एक महत्वपूर्ण कदम है। जावर में खाद्य एवं पेय सेवा प्रबंधन बैच के अट्ठाईस प्रशिक्षुओं ने उदयपुर के रमाडा रिसॉर्ट का दौरा कर वहां पर प्रबंधन और प्रक्रिया के बारें में जानकार ली। इस दौरान वे फ्रंट ऑफिस, किचन और हाउसकीपिंग सहित लक्जरी होटल संचालन की वास्तविक अनुभव से रूबरू हुए। जावर के अट्ठाईस निहत्थे सुरक्षा गार्ड प्रशिक्षुओं ने जावर माइंस पुलिस स्टेशन का दौरा किया, जहां उन्होंने आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन प्रतिक्रिया तकनीकों को सीखा।
हिन्दुस्तान जिंक के देबारी स्थित जिंक कौशल केंद्रों के माध्यम से लगभग 1300 से अधिक ग्रामीण युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, जिससे उन्हें स्थायी आजीविका मिलने में सफलता प्राप्त हुई है एवं भारत के ग्रामीण समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिला है। यह पहल ग्रामीण युवाओं को बाजार-प्रासंगिक कौशल विाकस का प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है, जिनमें आतिथ्य, माइक्रोफाइनेंस, ग्राहक संबंध प्रबंधन, सौर ऊर्जा और निहत्थे सुरक्षा सेवाओं में विशेष पाठ्यक्रम सम्मिलित है। राजस्थान और उत्तराखंड के 6 जिलों में 7 विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक ने 8,000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाया है, जिनमें से 6,500 से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रतिष्ठित संगठनों में नौकरियां मिली हैं। इसके अलावा, लगभग 150 प्रशिक्षुओं ने मूक-बधिर लोगों के लिए समावेशी समाज के निर्माण में अपने योगदान के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा पर सत्र में भाग लिया।हिन्दुस्तान जिं़क की प्रतिबद्धता कौशल विकास के साथ ही विभिन्न सामाजिक प्रभाव कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तीकरण, जल और स्वच्छता, टिकाऊ आजीविका और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर केंद्रित हैं। शिक्षा संबल, जीवन तरंग, ऊंची उड़ान, जिंक फुटबॉल अकादमी, सखी और समाधान जैसी प्रमुख पहलों के माध्यम से, हिंदुस्तान जिंक के आस पास के क्षेत्र के 3,700 गांवों में लगभग 20 लाख लोग लाभान्वित हो रहे है।