दिल्ली/उदयपुर : उत्तरी भारत के होटल और रेस्तरां एसोसिएशन (एचआरएएनआई) का तीसरा सम्मेलन “उदयन भारतम राइजिंग इंडिया – हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन में एक नए युग को आकार देना” विषय पर सोमवार को दिल्ली में हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत और मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने किया। गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि परिवर्तन को बढ़ावा देने में होटल व्यवसायियों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारत विकसित राष्ट्र बनाने की पहल में हम सभी इस परिर्वतन के भागीरथ बनेंगे। सफल परिवर्तन की मानसिकता को बनाए रखते हैं तो हम आने वाली पीढ़ियों को आश्वस्त कर सकते हैं कि हमने भारत को परिवर्तित करने में योगदान दिया है। शेखावत ने कहा कि आज प्रमुख चुनौती नए पर्यटन स्थलों की पहचान करना है और इस कार्य को करने में हम जुट चुके हैं ताकि वर्तमान में लोकप्रिय स्थलों पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि होटल उद्यमी इस संबंध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ नए स्थानों का अन्वेषण करने, बुनियादी ढांचे को विकसित करने और होटलों और रेस्तरां के लिए अनुमतियों को सुव्यवस्थित करने के लिए चर्चा की गई है। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का कहना है कि मेवाड़ सहित समूचे राजस्थान में नए पर्यटन स्थलों की पहचान कर ब्रांडिग की जाए तो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं।
हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन क्षेत्र के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भविष्य की संभावनाओं पर मंथन किया
शेखावत ने हितधारकों को कहा कि अनुमतियों की प्राप्ति के लिए आवश्यक समय को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। “यह एक नीतिगत निर्णय है, लेकिन हम वित्तीय और प्रधान मंत्री स्तर पर चर्चा के माध्यम से समाधान खोजने का प्रयास करेंगे,” उन्होंने आश्वासन दिया। सम्मेलन में उद्भव हॉस्पिटैलिटी रुझानों, ग्राहक-केंद्रित रणनीतियों, प्रौद्योगिकी उन्नति, खाद्य और पेय, और परिचालन उत्कृष्टता पर पैनल चर्चा हुई। विशेषज्ञ स्थायी पर्यटन और व्यक्तिगत ग्राहक अनुभव जैसे रुझानों की जांच करेंगे। सम्मेलन में हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन क्षेत्र के 500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए, जिन्होंने नवाचारों, भविष्य की संभावनाओं और अनुभवों को एक-दूसरे से साझा कर पर्यटन को बढ़ावा देने पर मंथन किया।