महाकुंभ में मकर संक्रान्ति पर नारायण सेवा संस्थान ने अमृत स्नान कर कम्बल,भंडारा और दिव्यांग कल्याण दी सेवाएं 

उदयपुर। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ मेले के पहले अमृत स्नान में दिव्यांगजन कल्याणार्थ समर्पित नारायण सेवा संस्थान ने सेवा की डुबकी लगा विश्व शांति,मानवता की कुशलता व दिव्यांगों के सशक्त और सार्थक जीवन की कामना की। यह मौका था महाकुंभ की मकर- संक्रांति और तीर्थराज प्रयाग की धरा व त्रिवेणी संगम के तट का। जहाँ निर्वाणी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर पदमश्री अलंकृत कैलाश जी महाराज के छत्र की छाया में गाजे बाजे के साथ भव्य भक्तिमय शोभा यात्रा के संग छड़ी लेकर उनके शिष्य सुपुत्र संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल और सैकड़ो साधकों, भक्तों तथा दानवीर भामाशाहों ने मोक्षदायी  अमृतमयी डुबकी लगा शाही स्नान किया। इससे पूर्व संतों की भव्य शोभयात्रा के दौरान संस्थान नारायण खालसा रथ से विभिन्न सजीव संगीतमय भजनों की प्रस्तुति दी गई। जिस पर श्रद्धालुओं और संत दर्शन अभिलाषी लोगों ने जमकर नृत्य किया। 

संस्थान ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन प्रातः से दूध,हलवा और तिल के लड्डू का अल्पाहार वितरण शुरू हुआ। इसके बाद पूरी सब्जी, मिठाई, दाल-रोटी व खिचड़ी का भंडारा और कम्बल बाँटने का क्रम चला जिसमें हजारों जरूरतमंद संत,पदयात्रियों और निर्धनों ने लाभ उठाया।वहीं इसी दौरान कई दिव्यांगों को निशुल्क ट्राई साइकिल, व्हील चेयर और कृत्रिम अंग लगाए गए। प्रयागराज संक्रांति पुण्यकाल स्नान के लिए आये लोगों के लिए संस्थान ने निशुल्क भोजन और आवास की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई की गई। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा यह संस्थान का 7वां कुंभ है। हर कुंभ में हम दिव्यांगों के हितार्थ आते हैं। सनातन संस्कृति के पुजारियों का हमें सहयोग मिल रहा है। जिसके चलते संस्थान 40 साल से दिन-रात नर सेवा नारायण सेवा प्रकल्प संचालित कर पा रहा है। दुर्घटना में अपाहिज हुये भाई बहिनों के लिए कुंभ में कृत्रिम अंग निर्माण कार्यशाला और फिजियोथेरेपी केंद्र स्थापित किया गया है।हम दिव्यांगों को सशक्त बनाते हुए महाकुंभ का महापर्व मनाएँगे। दिव्यांगजन सशक्तिकरण से ही विकसित भारत की यात्रा सफल बनेगी।

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