माता-पिता अपने बच्चों के आत्म सम्मान, शारीरिक छवि और संपूर्ण कल्याण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं – श्वेता फगेडिय़ा

उदयपुर। माता-पिता अपने बच्चों के आत्म सम्मान, शारीरिक छवि और संपूर्ण कल्याण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।  यह विचार गुरूवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की निदेशक श्रीमती श्वेता फगेडिय़ा ने जागरूकता रथ के कलाकारों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि पहचान कार्यक्रम का उद्देश्य माता-पिता को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करना, उन्हें अपने बच्चों को किशोरावस्था की चुनौतियों को अधिक प्रभावी ढंग से सामना करने में मदद करने के लिए सशक्त बनाना है। इस दौरान श्रीमती श्वेता फगेडिय़ा ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरूवार को सुबह 12.15 बजे राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद सहेलियों की बाड़ी से हुआ।

कार्यक्रम में लोक कलाकारों द्वारा पहचान कार्यक्रम के अंतर्गत लिंग आधार पर बनी अवधारणाओं, शारीरिक तुलना, रंग-रूप व शरीर की कार्य क्षमता पर तैयार किए गए लोकगीत एवं नाटक का मंचन किया गया। यूनिसेफ जयपुर के कार्यक्रम सलाहकार जमीर खान ने बताया कि यूनिसेफ़  द्वारा राज्य के स्कूलों में विद्यार्थी एवं शिक्षकों को पूर्व में इस विषय पर कॉमिक्स बुक एवं प्रशिक्षण के माध्यम से जानकारी दी गयी है। जागरूकता रथ के माध्यम से लोक कलाकारों के दल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किशोर-किशोरियों के अभिभावकों, जनप्रतिनिधियां एवं प्रभावशाली व्यक्तियों को जागरुक कर उनसे शपथ पत्र भरवाने का कार्य किया जाएगा। यूनिसेफ की कम्युनिकेशन हेड मंजरी पंत ने कहा कि पहचान कार्यक्रम पूरे राज्य में संचालित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम आरएससीईआरटी,राजीविका व यूनिसेफ के समन्वय में महान सेवा संस्थान द्वारा जिले के कुराबड़ एवं बडग़ांव ब्लॉक में किया जा रहा है।
महान सेवा संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र गामठ ने बताया कि पहचान कार्यक्रम के अंतर्गत लोक कलाकारों के चार दल कुराबड़ एवं बडग़ाँव में जागरूकता रथ के माध्यम से 60000 लोगों तक पहुंचेंगे। कार्यक्रम से पूर्व गाँव में सूचना देकर उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। इस दौरान दल द्वारा तैयार किये गये लोकगीत, नृत्य, नुकड्ड नाटक की प्रस्तुति दी जाएगी साथ ही अभिभावकों, पंचायत प्रतिनिधि, जन प्रतिनिधि एवं प्रभावशाली व्यक्तियों से शपथ पत्र भरवाये जाएंगे। इस अवसर पर शिक्षा विभाग, पंचायती राज  एवं रजीविका का सहयोग लिया जाएगा।
इस अवसर पर आरएससीईआरटी के उपनिदेशक कैलाश चंद्र तेली, पहचान कार्यक्रम की राज्य समन्वयक श्रीमती शालिनी शर्मा, राजीविका की जिला समन्वयक पहचान कार्यक्रक की यशी पालीवाल, अलर्ट संस्थान के जितेंद्र मेहता, परिषद ,शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रतिनिधि, महान सेवा संस्थान के रमेश नागदा, अनु जैन, रमेश पालीवाल, सियाराम,  यूनिसेफ  के शिक्षा सलाहकार चन्द्रशेखर दुबे आदि उपस्थित थे।

Related posts:

हिंदी को तकनीकी युग में सशक्त बनाना हमारा संकल्प है - अनिल सक्सेना ‘ललकार’”

ZINC FOOTBALL ACADEMY’S MOHAMMED KAIF SHINES BRIGHT AS INDIA WINS THE SAFF UNDER-17 CUP IN BHUTAN

Hindustan Zinc Secures Top 1% Ranking in S&P Global Sustainability Yearbook 2025

पिम्स हॉस्पिटल में बिना ओपन हार्ट सर्जरी के ह्रदय का छेद बंद किया

हिन्दुस्तान जिंक का मल्टी मेटल एंटरप्राइज बनना, दोगुना विकास रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा- प्रिया अग्...

स्वतंत्रता सेनानी दम्पति स्व. परशराम-स्व. शांता त्रिवेदी की मूर्तियों का अनावरण

रोजगार से जुड़े 152 दिव्यांग

डॉ. सान्निध्य टांक निर्णायक के रूप में आमंत्रित

बेणेश्वर धाम की कलाकृतियों के डिजिटलाइजेशन का कार्य प्रारंभ

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में 800 मरीजों का उपचार

जॉय संगिनी ने मनाया मेवाड़ी रंगोर उत्सव

जिंक को बेस्ट ऑवरऑल एक्सीलेंस इन सीएसआर श्रेणी में सीएमओ एशिया का बेस्ट सीएसआर प्रेक्टिस अवार्ड