उदयपुर। प्रॉम्प्ट ग्रुप ने सिरोही जिले में डेयरी उद्योग में एक अभूतपूर्व नई तकनीक आधारित दस सोलर मिल्कोचिल उपकरणों (इंस्टेंट मिल्क चिलर) का उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि प्रॉम्प्ट ग्रूप डेयरी उद्योग में उपयोगी उपकरण एवं सॉफ्टवेयर समाधान प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, और दूध का अधिकांश उत्पादन छोटे डेयरी किसानों द्वारा किया जाता है। दूध दोहने और इसे पहली बार ठंडा करने के बीच का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योकि यह दूध की गुणवत्ता पर गंभीर असर करता है। दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एवं इसमें बेक्टेरिया की वृद्धि रोकने के लिए इसे जल्द से जल्द ठंडा करने की आवश्यकता होती है। प्रॉम्प्ट के सोलर मिल्कोचिल युनिट, दूध को स्रोत पर ही ठंडा करना संभव बनाती है, जिससे इसके खराब होने की संभावना कम होती है एवं इसकी गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे अंततः किसानों की आय में वृद्धि होती है।
वर्ल्ड वाइड फंड इंडिया की वित्तीय सहायता से आशा महिला मिल्क प्रोड्यूसर्स कंपनी लि. के कार्यक्षेत्र में अत्याधुनिक सोलर मिल्कोचिल युनिट स्थापित किए गए हैं।
प्रॉम्प्ट ग्रुप के मैनेजिंग डिरेक्टर श्रीधर मेहता ने कहा कि हमारी सोलर मिल्कोचिल मशीन एक उत्कर्ष उत्पाद है जो नवीन आतयाधुनिक सौर-संचालित चिलिंग तकनीक के माध्यम से दूध की गुणवत्ता में सुधार करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह प्रोडक्ट मौजूदा बल्क मिल्क कूलर समाधानों के लिए एक व्यावहारिक एवं पूरक विकल्प प्रदान करता है और साथ ही इसमें डेयरी उद्योग को आगे बढ़ाने में मदद करता है। यह डेयरी उद्योग में सकारात्मक बदलाव लाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और सतत डेयरी विकास आगे बढ़ाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप भी है।
आशा महिला मिल्क प्रोड्यूसर्स कंपनी के मुख्य कार्यपालक धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि, “सोलर मिल्कोचिल युनिट स्थापित करने के लिए प्रॉम्प्ट ग्रुप के साथ सहयोग करके हम गौरवान्वित है। इंस्टेंट चिलिंग तकनीक अपनाने से डेयरी किसानों को लाभ होगा और यह डेयरियों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि यह दूध की गुणवत्ता में सुधार और डेयरी उत्पादों की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। दूध की बेहतर गुणवत्ता किसानों और डेयरियों के लिए आर्थिक लाभ बढ़ाने के नए अवसर खोलती है।
आज डेयरी उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में एक मुख्य व्यवसाय है। कई बार ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या रहती है। ऐसे में सोलर मिल्कोचिल युनीट अनियमित बिजली आपूर्ति से होने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक सरल समाधान प्रदान करती है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने अपने संदेश में कहा कि सोलर मिल्कोचिल युनीट्स द्वारा सक्षम तत्काल दूध शीतलन से दूध की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे डेयरी किसानों को बेहतर कीमत मिलती है। भारत सरकार इसे और अन्य नवाचारों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है जो डेयरी किसानों की मदद कर सकते हैं।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि इंस्टेंट मिल्क चिलर जैसी नवीन तकनीक भारत को दुनिया में डेयरी के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। प्रॉम्प्ट ग्रुप द्वारा विकसित नई तकनीक, सौर ऊर्जा आधारित होने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की।
उद्घाटन समारोह में उपस्थित डेयरी उद्योग के अन्य अग्रणी और हितधारकों ने भी अपना संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने डेयरी उत्पादन के भविष्य को आकार देने में नवीन प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
भारतीय डेयरी उद्योग स्थायी तौर पर दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए तथा इससे संबंधित राष्ट्रीय फोकस में सहायता के लिए चिलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में इंस्टेंट मिल्क चिलर को शामिल करने की मांग कर रहा है। यह दूध के ख़राब होने को कम करके और सुधारी हुई दूध की गुणवत्ता द्वारा आय में वृद्धि के माध्यम से किसानों की आवक को दोगुना करने के सरकार के दृष्टिकोण का भी समर्थन करेगा।