बचाया जा सकता है 150 करोड़ लीटर वर्षा जल : डा. जैन
उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत ) : पेसिफिक इंस्टियूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, उमरड़ा वाटर हीरो डा. पी.सी. जैन ने वर्षा जल संरक्षण पर अपना प्रजेन्टेशन देते हुये बताया कि इस कैम्पस की छतों के हिसाब से एक वर्षाकाल में 150 करोड़ लीटर पानी यहाँ स्थित टयूबेल में बचाया जा सकता है। इस हेतु उन्होने देवास वाटरफील्टर की तकनीक को विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि इस बचाये वर्षा जल से भूमिजल की मात्रा और गुणवत्ता दोनो बढे़गी साथ ही यह पानी गर्मी में नही उडे़गा।
एक मीटर जलस्तर बढ़ने से 0.4 यूनिट बिजली की खपत कम होगी। यह शुद्ध वर्षा जल यूनिवर्सिटी के लिए वरदान बन जायेगा और पानी खरीदने के लिए लाखों रूपये की बचत होगी। उन्होने कहा कि मेरा यहाँ आना तभी सार्थक होगा, जब यहाँ रूफटोप रेनवाटर हारवेस्टिंग सीस्टम लग जायेगा।उन्होंने आकाश का पानी रोकेंगे, पाताल का पानी बढ़ायगें और वर्षा जल को भूमि जल में मिलायेगे ’ के नारे बोलते हुए सभी से वर्षा जल का बचाने का आग्रह किया।
शराब छोड़ने के बताये उपायः
इस अवसर पर डा.पी. सी. जैन ने सीनियर डाक्टर्स, इन्टर्स को शराब से होने वाले शरीर के हर अंग पर खराब असर को अपनी पी.पी.टी. मे विस्तार रूप से बताया और हर कुप्रभाव का ईलाज केसे हो सकाता है इसके बारे में बताया।
इससे पूर्व डा. जैन का स्वागत प्रधानाचार्य डा. सुरेश गोयल ने किया। संचालन डा. दिलीप पारीक ने किया। पेसिफिक इंस्टियूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, उमरड़ा के मेनेजिंग डायरेक्टर नमन अग्रवाल ने रेन वाटर हारवेस्टिंग सीस्टम की प्रक्रिया की सरहना की। कुलगुरू डा. प्रशांत नाहर ने कार्यक्रम को सफल बताया। इस कार्यक्रम में साई तिरूपति विश्वविद्यालय के अधीनस्थ, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, विभागाध्यक्ष, आचार्य, रेजिडेंट, इन्टर्स एवं विभिन्न सत्रों के एम.बी.बी.एस. छात्र उपस्थित रहें।
पिम्स हॉस्पिटल में वर्षा जल संरक्षण कार्यक्रम आयोजित
