किसानों को आकर्षित कर रही है सरसों की बढ़ती उत्पादकता

500 से ज्यादा मॉडल फार्म स्थापित करने की घोषणा

उदयपुर। द सोलवंेट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी का कहना है कि सरसों की बढ़ती उत्पादकता किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। एक अध्ययन के अनुसार गेहँू उपज पर 37.8 प्रतिषत अधिषेष है, जबकि सरसों की फसलों पर 75.2 प्रतिषत प्रति हैक्टेयर अधिषेष है। यह विषेष रूप से पंजाब, हरियाणा एवं अन्य राज्यों को परम्परागत फसलों जैसे चावल, गेहँू एवं गन्ना के मुकाबले बेहद वित्तीय परिदृष्य के साथ सरसों की फसल की ओर बदलाव को प्रोत्साहित करेगा।
आत्मनिर्भर भारत मिषन मस्टर्ड 2025 की दिषा में अपने कदम बढ़ाते हुऐ मॉडल फामर््स सरसों उत्पादकता बढ़ाने का एक बेहतर जरिया हैं। मस्टर्ड मिषन ऑयल षीड्स फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, जिससे कि किसानों के जीवनयापन में भी सुधार होता है।
डॉ. सुरेष मोटवानी, जनरल मैनेजर, वेज ऑयल्स सॉलिडारिडाड नेटवर्क एषिया के अनुसार मस्टर्ड मिषन किसानों को बेहतर तकनीकी के साथ नवीनतम उत्पादन सुविधाएं उपलब्ध कराता है, जिससे कि किसानों को लाभप्रद बाजार हासिल होता है।
एसईए के कार्यकारी निदेषक बी.वी. मेहता ने बताया कि एसईए 500 से ज्यादा मॉडल फार्म्स स्थापित करने जा रही है, ताकि राजस्थान एवं मध्यप्रदेष के 25 हजार से ज्यादा सरसों की उपज करने वाले किसान रबी सत्र में इनके साथ जुड़कर लाभान्वित हो सके।
विजय डाटा, अध्यक्ष, एसईए-रेप मस्टर्ड प्रमोषन परिषद के अनुसार, ऑयलषीड के क्षेत्र में वैष्विकस्तर पर भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थिति में है। यूएसए, चीन, एवं ब्राजील के बाद भारत दुनियां का चौथा सबसे बड़ा ऑयल षीड उत्पादक है। रेपसीड मस्टर्ड इसकी सबसे महत्वपूर्ण ऑयलषीड क्रोप है, जिसकी उपज मुख्य रूप से राजस्थान, मध्यप्रदेष, हरियाणा, उत्तरप्रदेष, पष्चिम बंगाल एवं गुजरात में है। इन राज्यों की देष के कुल उत्पादन की लगभग 93 प्रतिषत भागीदारी है। प्राथमिक सूत्रों के अनुसार रेपसीड मस्टर्ड की खाद्य तेल उत्पादन में एक तिहाई की भागीदारी है, जिसने कि इसको देष की प्रमुख ऐडिबल ऑयलषीड क्रोप बना दिया है।
भारत में रेपषीड मस्टर्ड की उत्पादकता प्रमुख रेपषीड मस्टर्ड विकसित राष्ट्रों की तुलना में काफी कम है। विकसित परिस्थितियों एवं तकनीकों के ज्ञान एवं जागरूकता के अभाव में यह अन्तर और बढ़ा है। विकसित श्रेणियों के कम उपयोग, उच्च षीड दर, बीज उपचार के अभाव, उर्वरक उपयोग के असामंजस्य, प्लांट सुऱक्षा में उचित देखभाल का अभाव, बाजारों से कमजोर जुड़ाव आदि कारणों ने भी उत्पादकता के इस अन्तर को और बढ़ाया है।
देष आज 70 प्रतिषत से ज्यादा आयातित खाद्य तेलों पर निर्भर है जो कि खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से एक चिंता का विषय है इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत को इस दिषा में बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है एवं प्रमुख ऑयलषीड फसलों की उत्पादकता बढ़ाकर इन चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए द सोलवंेट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया सॉलिडारिडाड के साथ मिषन मस्टर्ड मॉडल फार्म्स प्रोजेक्ट पर 2019 से राजस्थान में काम कर रहा है। एक सबसे बड़े सरसों उत्पादक देष होने के नाते वर्ष 2025 तक 200 लाख टन रेपषीड मस्टर्ड का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत रबी सीजन 2020-21 में 200 मॉडल फार्मस स्थापित किये गये है, जो कि राजस्थान के बूंदी, कोटा, बारा, टोंक के 10 हजार से ज्यादा किसानों को प्रभावी फार्मिंग तकनीकी से अवगत करायेगा।

Related posts:

वोडाफ़ोन आइडिया के उपभोक्ता ऑनलाईन रीचार्ज एवं सेवाओं का ले रहे लाभ
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. ने एक करोड़ से अधिक पेटीएम फास्टैग जारी करने का माइल स्टोन हासिल किया
जिंक ने जीता ब्रोंज, लगातार पांचवें साल प्रतिष्ठित एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक में शामिल
पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता के अनुरूप हिन्दुस्तान जिंक बना टीएनएफडी का सदस्य
नव्या है इंदिरा आईवीएफ की पहली किलकारी
Inspired by Indian culture and handicrafts, Asian Paints introduces Taana Baana Wall Textures by Roy...
पारस जे. के. हॉस्पिटल में मनाया हैड इंजरी अवेयरनेस दिवस
INDIAN FOOTBALL VETERANS RENEDY SINGH, BEMBEM DEVI AND SHAJI PRABHAKARAN JOIN ZINC FOOTBALL
VEDANTA CARES FOCUSED ON WELFARE OF COMMUNITIES, CSR SPEND JUMPS TO INR 331 CR IN FY 2021
हिन्दुस्तान जिंक ‘डॉउ जोन्स’ सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में एशिया-पेसिफिक क्षेत्र में प्रथम
हेड इंजरी अवेयरनेस पर बाइक रैली 27 को
PM Narendra Modi inaugurates Girnar Ropeway

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *