सीग्रैम्स रॉयल स्टैग लेकर आया है हर्षवद्र्धन जोशी की प्रेरक कहानी ‘मेक इट लार्ज स्टोरी’

उदयपुर। सीग्रैम्स रॉयल स्टैग ने हमेशा से ही युवाओं को बड़े सपने देखने, उन्हें पूरा करने और मेक इट लार्ज के जज्बे को प्रोत्साहित करने का काम किया है। अपनी फिलॉसफी को मजबूती देते हुये, रॉयल स्टैग बड़े सपने देखने वाले उन लोगों की प्रेरणादायी यात्रा को दिखा रहा है जो अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रयास में निडर बने रहे। हमें एक युवा पर्वतारोही हर्षवद्र्धन जोशी की अहम यात्रा को दिखाते हुये बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है। उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की और पहले ही प्रयास में इसकी सर्वोच्च चोटी पर पहुंच गये। वसई, महाराष्ट्र निवासी हर्षवद्र्धन जोशी सिर्फ 25 साल के अनुभवी पर्वतारोही हैं। 18 साल की उम्र में ही उन्हें पर्वतारोहण की तरफ अपने झुकाव का अहसास हो गया था। प्रोफेशन से इंजीनियर, हर्षवद्र्धन का दिल हमेशा ही पर्वतों की चढ़ाई में बसा था। 2016 में हर्षवद्र्धन अकेले स्टॉक कांगरी (20 फीट) की चढ़ाई पूरी करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बने।
हर्षवद्र्धन माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के सपने को पूरा करने का पीछा करते रहे, उनमें यह जुनून था कि वह इसमें सफल होंगे। उनका लक्ष्य स्पष्ट था और उसे पाने के लिये वह पिछले 6 महीने से कड़ी ट्रेनिंग कर रहे थे। अपनी तैयारियों के तहत उन्होंने हर साल 5 महीने भारतीय हिमालय के अलग-अलग राज्यों में बिताये, इस दौरान उन्होंने ट्रेनिंग की और 11 चोटियों की ऊंचाई तक पहुंचे।
कार्तिक मोहिन्द्रा, सीएमओ, पर्नोड रिकार्ड इंडिया ने कहा कि रॉयल स्टैग हमेशा से ही एक जाना-माना ब्रांड रहा है, जिसने लोगों को जीवन में सपने देखने, उन्हें पूरा करने और मेर्क इट लार्ज के लिये प्रेरित किया। इस विश्वास को साकार करते हुये, हमें हर्षवद्र्धन जोशी की कहानी सामने लाने में बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है। माउंट एवरेस्ट की उनकी चढ़ाई और सर्वोच्च चोटी पर पहुंचने की उनकी कहानी पेश करते हुये हम बेहद खुशी हो रही है। रॉयल स्टैग इस जज्बे को सलाम करता है और उम्मीद करता है कि इसी तरह आज के युवाओं को बड़े सपने देखने और मेक इट लार्ज के लिये प्रेरित करते रहेंगे। हर्षवद्र्धन जोशी ने कहा कि माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के पहले प्रयास में रॉयल स्टैग से बेहतर साथी के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता। ‘मेक इट लार्ज’ की उनकी फिलॉसफी इस मुहिम को बिलकुल सटीक तरीके से बताती है। इस प्रयास से मैं युवाओं को यह संदेश देकर हिम्मत देना चाहता हूं कि यदि आपके पास सही सपोर्ट सिस्टम हो तो फिर कोई भी सपना असंभव नहीं होता। यह जोश और लगन सही मायने में ऊंचाइयों तक पहुंच सकता हैं।

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