सिडबी ने अधिकाधिक एमएसएमई इकाइयों की ट्रेड्स पर भागीदारी के लिए स्वावलंबन आपात प्रतिक्रिया निधि की पहुँच को बढ़ाया

जयपुर। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के वित्तपोषण और विकास में संलग्न प्रमुख वित्तीय संस्थान, भारतीय लघु उद्योग विकास (सिडबी)ने अधिकाधिक एमएसएमई इकाइयों को ट्रेड्स से जुडने के लिए अपनी स्वावलंबन आपात प्रतिक्रिया निधि (एससीआरएफ़) की वैधता को आगे बढ़ाया है। पूर्व में परिकल्पित 10,000 इकाइयों के मुक़ाबले अब 31 मार्च, 2021 तक 13,500 एमएसएमई इकाइयों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म से जोड़े जाने की योजना है। इस प्रकार उक्त निधि के आहरण की अंतिम तिथि अब 31 मई, 2021 तक होगी।
एससीआरएफ़ की स्थापना, एमएसएमई इकाइयों को ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (ट्रेड्स) से जोडऩे और ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर उनकी प्रविष्टि / पंजीकरण शुल्क को माफ करने के लिए, जून 2000 में की गई थी। रिसीवेबल एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (आरएक्सआईएल), एम1एक्सचेंज और इन्वोइस्मार्ट ये तीन ट्रेड्स प्लेटफॉर्म हैं जो एमएसएमई इकाइयों को कई वित्तपोषकों के माध्यम से अपने बीजकों की भुनाई कर कार्यशील पूंजी तक पहुंच बनाने में मदद करते हैं। यथा 30 नवंबर, 2020 तक कुल 6,545 एमएसएमई इकाइयों को आरएक्सआईएल, एम1एक्सचेंज और इन्वोइस्मार्ट के माध्यम से ट्रेड्स पर निशुल्क जुडने की सुविधा दी गई है।
ट्रेड्स एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म है जहां खरीदारों (बड़े कॉरपोरेट्स, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी विभागों इत्यादि) से एमएसएमई कोप्राप्य-राशियों के प्रति नीलामी तंत्र के माध्यम से प्रतिस्पर्धी दरों पर कई वित्तपोषकों के माध्यम से बट्टे पर वित्त-पूर्ति की जाती हैं। विशेषत: कोविड-19 आपदा के इस दौर में,एमएसएमई इकाइयों के नकदी प्रवाह संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए ट्रेड्स एक प्रभावी जवाब है। एमएसएमई इकाइयों को अधिकाधिक संख्या में ट्रेड्स से जुडने और इसका लाभ उठाने हेतु संप्रेरित करने के लिए, इस पहल में सभी तीनों प्लेटफॉर्म भागीदार हैं।
सिडबी के बारे में : 1990 में अपने गठन के बाद से, सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। चाहे वे पारंपरिक, छोटे घरेलू उद्यमी हों, पिरामिड के सबसे निचले स्तर के उद्यमी हों, या फिर उच्च-स्तरीय ज्ञान आधारित उद्यमी हों, सिडबी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के जीवन को विभिन्न ऋणों तथा विकास कार्यों के माध्यम से प्रभावित किया है।

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