उदयपुर। संत पॉल स्कूल, उदयपुर के तत्वावधान में रविवार को सीबीएसई मिनी मैराथन का भव्य आयोजन किया गया। यह मैराथन महाकालेश्वर मंदिर से प्रातः 6.30 बजे प्रारंभ हुई जो फिश एक्वेरियम (फतहसागर पाल) पर सम्पन्न हुई। मैराथन में शहर के 23 विद्यालयों के सीबीएसई से सम्बद्ध कक्षा 9 से 12वीं तक के लगभग 1000 छात्र-छात्राओं ने हिसा लिया।

स्कूल के प्रिंसीपल फादर ए. जॉन बोस्को ने बताया कि मैराथन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी तय समय के अनुसार महाकालेश्वर मन्दिर प्रांगण में पहुंचे। मैराथन प्रारम्भ होने से पहले सभी प्रतिभागियों को मैराथन के नियम- कायदों के बारे में विस्तार से समझाया गया। बच्चों में चुस्ती और स्फुर्ति रहे इसके लिए योग प्रशिक्षक द्वारा दस मिनिट का योगा भी करवाया गया। इसके बाद उन्हें निःशुल्क टी-शर्ट वितरित किये गये।

इस अवसर पर अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुश्री दुतीचन्द ने युवा खिलाडिय़ों को फिटनेस एवं स्पोर्ट्समैनशिप के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ- साथ खेलों के प्रति भी जागरूकता और निरन्तरता होनी चाहिये। दुनिया में कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है, बस इच्छा शक्ति होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि वह भी एक गरीब परिवार में जन्मी पली पढ़ी और बड़ी हुई। मेरा झुकाव शुरू से ही स्पोर्ट्स में था लेकिन परिवार के अलावा समाज का सहयोग नहीं मिल पाया। जब दौडऩा प्रारम्भ किया तब उनके पांवों में पहनने को जूते भी नहीं होते थे। प्रेक्टिस के दौरान लोगों के ताने सुनने पड़ते सो अलग लेकिन उन्होंने इस सभी की परवाह किये बगैर अपेन मिशन को जारी रखा। आज एशियन गेम्स, ओलम्पिक जैसे अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन में भाग लेते हुए 1500 से ज्यादा अवार्ड और मैडल उनके पास है। आज वह एक स्पोर्ट्स एकेडमी भी संचालित करती है।

इस अवसर पर मिनी मैराथन का शुभारंभ स्कूल के प्रिंसीपल फादर ए. जॉन बोस्को, स्कूल के मैनेजर फादर स्टीफन रावत, मुख्य अतिथि भारत की विख्यात धाविका एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता एवं भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुश्री दुतीचन्द, सी.बी.एस.ई. अजमेर रीजन के उप सचिव एवं प्रमुख उत्कृष्टता केन्द्र संजीव श्रीवास्तव एवं डॉ. आनन्द गुप्ता, आइरन मेन ऋशभ जैन ने हरी झंडी दिखाकर किया। उसके बाद विद्यार्थियों ने फिट इंडिया-स्वस्थ भारत के संदेश के साथ दौड़ लगाई और स्वास्थ्य, अनुशासन एवं खेल भावना का सुंदर प्रदर्शन किया। पूरे ढाई किलोमीटर दौड़ को विद्यार्थियों ने पूर्ण अनुशासित और कतारबद्ध होकर पूरा किया। इस दौरान किसी भी इमरजेंसी मेडिकल सुविधा के लिए एम्बुलेंस और सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस का जाब्ता साथ चला। मार्ग में लोगों ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता समापन के बाद अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कृत कर सभी की हौसला-अफजाई की।

अध्यक्षता करते हुए निवृत्ति कुमारी मेवाड़ ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ एवं चुस्त रखने के लिए स्पोटर््स बहुत ही जरूरी होता है। इससे न केवल शारीरिक फिटनेस बेहतर होती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि आप कहीं पढ़ें, किसी भी स्कूल में पढ़ें और चाहे कैसी भी भाषा बोलें लेकिन अपनी मातृ भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिये। हमारी भाषा, सभ्यता और संस्कृति ही मेवाड़ की पहचान है। उन्होंने विख्यात धाविका एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता एवं भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुश्री दुतीचन्द की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आप भी उड़ीसा से हैं और मैं भी उड़ीसा से हूं। मैं तो आपसे उडिय़ा में ही बात करूंगी। उन्होंने दुतीचन्द के लिए स्वगत उद्बोधन भी उडिय़ा भाषा में ही दिया।
यह रहे विजेता:
गर्ल्स टीम में प्रथम पारी मोदी, सेंट मैथ्यूज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, उदयपुर, द्वितीय आयशा बागला, विट्टी इंटरनेशन स्कूल, उदयपुर और तृतीय नेहा कुंवर दुलावत बीएन स्कूल और रोशनी बॉस, सेंट मेरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल उदयपुर विजेता रहीं।
बॉयज में प्रथम हितेश मीणा, द स्टडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, द्वितीय थॉमस शिबू, सेंट पॉल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल एवं तृतीय शांतनु अधिरिया सेंट पॉल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल रहे। विजेता प्रतिभागियों को क्रमश- 5000, 3000 व 2000 रूपये नगद पुरस्कार दिया गया। साथ ही 23 प्रतिभागी स्कूलों के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को मुख्य अतिथि सुश्री दुतीचन्द द्वारा सम्मानित किया गया।
प्रारंभ में प्राचार्य फादर ए. जॉन बॉस्को व मैनेजर फादर स्टीफन रावत ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ, शॉल व प्रतीक चिह्न भेंट कर स्वागत एवं सम्मान किया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सैम्युअल फ्रांसिस, डॉ. अंजू चौबे, सुनीता सेबेस्टियन, भंवरसिंह चौहान और एस.एल. जैन थे। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ प्राध्यापक बर्नार्ड भूरिया ने किया तथा अंजू चौबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर संजय श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों में शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ सामूहिकता और प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देते हैं। इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा कासंचार होता है।
