उदयपुर : पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स), उमरड़ा, उदयपुर में 5 और 6 जुलाई को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय नवजात शिशु चिकित्सा सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में भारत और विदेशों के ख्यातिप्राप्त नवजात विशेषज्ञों ने भाग लेकर ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान किया।
सम्मेलन की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अतिथियों में मिस कैथरीन (फ्रांस) और डॉ. समीर गुप्ता (यूनाइटेड किंगडम) शामिल थे। इसके अलावा देशभर से आए सुप्रसिद्ध नियोनेटोलॉजिस्ट्स डॉ. सोमशेखर निंबालकर (करमसद), डॉ. आशीष मेहता (अहमदाबाद), डॉ. उमेश वैद्य (पुणे), डॉ. राहुल वर्मा (मुंबई), डॉ. रवि पारिख (अहमदाबाद), डॉ. सत्येन हेमराजानी (जयपुर), डॉ. नीरज गुप्ता (जोधपुर), डॉ. नवीन गुप्ता (दिल्ली), डॉ. श्रीनिवास मूर्ति (मैसूर), डॉ. महेन्द्र जैन (भोपाल), डॉ. सुशील गुप्ता (उदयपुर), डॉ. धीरेज दिवाकर (उदयपुर), डॉ. बिजयलक्ष्मी बेहरा (चंडीगढ़), डॉ. प्रदीप शर्मा (चंडीगढ़) सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी भाग लिया।

प्रतिभागियों एवं वक्ताओं का स्वागत डॉ. सुरेश गोयल (प्राचार्य एवं डीन), डॉ. विवेक पराशर (शिशु रोग विभागाध्यक्ष), डॉ. अंकित कुमार (नवजात विशेषज्ञ), डॉ. राहुल खत्री और प्रोफेसर डॉ. सत्यमूर्ति द्वारा किया गया।
यह सभी सम्माननीय बाल एवं नवजात रोग विशेषज्ञ भी पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, उदयपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय नियोनेटल कॉन्फ्रेंस में अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ शामिल हुए: डॉ. गुंजना कुमार (जयपुर), डॉ. निर्मल गौतम (बैंगलोर), डॉ. सुशील चौधरी (जोधपुर), डॉ. रमेश चौधरी (जयपुर), डॉ. आकाश शर्मा (जयपुर), डॉ. अतुल मिश्रा (उदयपुर), डॉ. वैभव उपाध्याय, डॉ. अविनाश बोठरा (उदयपुर), डॉ. प्रणय त्रिवेदी(उदयपुर), डॉ. विमलेश सोनी (चंडीगढ़), डॉ. अर्जुन वर्मा (जयपुर), डॉ. सौरभ सिंह (जयपुर), डॉ. पुनीत जैन (उदयपुर), डॉ. मनीषा गर्ग (कोटा), डॉ. अंशिता अरोड़ा (उदयपुर)और डॉ. राजकुमार बिश्नोई (उदयपुर)।
सम्मेलन के पहले दिन पूर्व-सम्मेलन कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें प्रतिभागियों को एडवांस वेंटिलेशन, पॉइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड, तथा इनबॉर्न एरर ऑफ मेटाबोलिज्म जैसे आधुनिक विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।
इस अंतरराष्ट्रीय नियोनेटल कॉन्फ्रेंस की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह रही कि इसमें 150 से अधिक पेपर एवं पोस्टर प्रस्तुत किए गए। देशभर से आए शोधकर्ताओं, छात्रों और चिकित्सकों ने नवजात चिकित्सा से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने अनुसंधान, केस स्टडीज़ और नवीन विचारों को पोस्टर एवं पेपर के माध्यम से साझा किया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल प्रतिभागियों को एक मंच प्रदान किया, बल्कि नवजात स्वास्थ्य देखभाल में वर्तमान शोध की दिशा और भविष्य की संभावनाओं पर भी रोशनी डाली।
जजों के रूप में जिन प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दीं। उनमें शामिल थे- डॉ. अनुराधा सनाढ्य, डॉ. नीतू बेनीवाल, डॉ. दिलीप गोयल, डॉ. दिनेश राजवाणिया, डॉ. प्रसून भट्टाचार्य, डॉ. भूपेश जैन, डॉ. मुकेश देवपुरा, डॉ. भानु देवपुरा, डॉ. सुभाष बमनावत, डॉ. गिरीश बंसल, डॉ. मनोज अग्रवाल और डॉ. निशांत डांगी।
सम्मेलन के दौरान डॉ. रवि भाटिया द्वारा अंडरग्रेजुएट (यूजी) एवं पोस्टग्रेजुएट (पीजी) नियोनेटलॉजी क्विज़ का भी सफल आयोजन किया गया, जिसमें कुल 19 टीमों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस क्विज़ ने विद्यार्थियों और प्रशिक्षुओं में नवजात चिकित्सा के प्रति गहन रुचि और प्रतिस्पर्धात्मक भावना को प्रोत्साहित किया। प्रतिभागियों ने अपने ज्ञान और तर्क क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे शैक्षणिक वातावरण और भी अधिक जीवंत एवं प्रेरक बना।
इस अवसर पर पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने जानकारी दी कि हम संस्थान को नवजात शिशु चिकित्सा के क्षेत्र में राज्य का सर्वोत्तम केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में नवीनतम तकनीकी प्रगति पर कार्य कर रहे हैं।
यह सम्मेलन नवजात चिकित्सा के क्षेत्र में नई दिशा देने वाला साबित हुआ और उपस्थित चिकित्सकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ।