दीपावली पर पामणों की अगवानी में दुल्हन सी सजेगी झीलों की नगरी

उदयपुर।  सुख समृद्धि और रोशनी के प्रतीक दीपावली पर्व पर उदयपुर में पर्यटन एवं व्यापारिक गतिविधियों को नए आयाम देने की मंशा से जिला प्रशासन ने पहल करते हुए पूरे शहर को दुधिया रोशनी से सजाने का निर्णय लिया है। उदयपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम ने दो माह पूर्व ही इसकी तैयारियां शुरू करते हुए समय पर टेण्डर आदि की प्रक्रिया कर ली और इन दिनों सजावट का कार्य जोरशोर से शुरू भी हो चुका है। प्रति वर्ष जहां दीपावली सजावट एवं सौंदर्यीकरण पर 15 से 20 लाख रूपए खर्च होते थे, वहीं इस बार तकरीबन 2 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। आमतौर पर प्रति वर्ष दीपावली पर नगर निकाय चिन्हित स्थलों पर विद्युत सजावट करता आया हैं, वहीं व्यापारिक संगठन अपने स्तर पर सजावट करते हैं। इसमें शहर के कई महत्वपूर्ण स्थल दीपावली पर अंधेरे में खोए रहते थे। जिला प्रशासन ने इस बार उन सभी स्थलों को भी आकर्षक ढंग से सजाने की पहल की। प्रमुख चौराहों पर की जाने वाली जगमगाहट के अलावा अनुमानित रूप से पूरे शहर में करीब 15 से 20 किलोमीटर लंबाई में दिवाली लाइटिंग की जानी है।


बुधवार को जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा करते हुए नगर निगम और उदयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, यूडीए सचिव राजेश जोशी, उपनिदेशक पर्यटन शिखा सक्सेना, यूडीए अधीक्षण अभियंता अनित माथुर, नगर निगम अधिशासी अभियंता विद्युत रितेश पाटीदार, यूडीए अभियंता आशीष एवं नरेंद्र आदि उपस्थित थे।
बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि दीपावली पर्व सौहार्द और रोशनी का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस बार दीपावली पर 9 नवम्बर से 15 नवम्बर तक (एक सप्ताह) पूरे शहर को जगमग किया जाएगा। पूरे शहर में एक जैसी थीम पर सजावट की जा रही है। इससे स्थानीय नागरिकों में भी प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर उत्साह बढ़ेगा। वहीं दीपावली अवकाश के दौरान विदेशों से और खास कर गुजरात से आने वाले पर्यटक भी सकारात्मक संदेश लेकर जाएंगे। पर्यटकों की आवक बढ़ने से स्थानीय व्यापारियों को भी संबल मिलेगा। उन्होंने बैठक में अब तक की तैयारियों की जानकारी लेते हुए सभी प्रमुख मार्गों, चौराहों, झील व घाटों को लाइटिंग के साथ-साथ रंगबिरंगी फर्रियों से सजाने के भी निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि त्योहार के अवसर पर फतहसागर की पाल पर शहरवासियों और पर्यटकों की खासी भीड़ रहती है। इसके अलावा उदयपुर आने वाला हर पर्यटक फतहपुरा चौराहा से गुजरता है। ऐसे में उन्होंने इन दोनों स्थलों पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। इन दोनों स्थलों पर सजावट की जिम्मेदारी यूडीए को सौंपते हुए उन्होंने फतहसागर की पाल पर दोनों साइड पेड़ पर हाईलाइटर लाइटस् झालर एवं पांचों छतरियों पर एलईडी रोप लाइट से रोशनी करने एवं पूरे रिंग रोड़ को कवर करते हुए आकर्षक सजावट करने को कहा। साथ ही फतहपुरा चौराहा को भी बेहतर से बेहतर ढंग से सजाने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने नगर निगम को शहर के सभी हेरिटेज दरवाजों उदियापोल, सूरजपोल, किशनपोल, देहली गेट, हाथीपोल, सत्तापोल, चांदपोल, अंबा पोल व ब्रह्मपोल, ब्रह्मपोल पुलिया, अंबापोल पुलिया, कोर्ट कॉम्प्लेक्स, लाल घाट, नाव घाट, अमराई घाट, सुखाड़िया सर्कल की अंदरूनी सजावट, अशोक नगर मुख्य मार्ग, देहली गेट से सिटी स्टेशन रोड़, शास्त्री सर्कल, दूध तलाई, शोभागपुरा 100 फीट रोड़ आदि स्थलों पर विद्युत सजावट की जिम्मेदारी दी।
यूडीए को फतहसागर व फतहपुरा चौराहा सहित शहर के 40 से अधिक स्थलों की सजावट का जिम्मा सौंपा। इसमें सेवाश्रम ब्रीज, प्रतापनगर ब्रीज, कुम्हारों का भट्टा ब्रीज, चांदपोल फुट ब्रीज, यूडीए ब्रीज, देहली गेट चौराहा, रामपुरा चौराहा, मल्लातलाई चौराहा, देवाली चौराहा, आरके सर्कल, भुवाणा चौराहा, शोभागपुरा चौराहा, गणगौर घाट, सर्किट हाउस, कलक्टेªट, जिला जज निवास, कलक्टर निवास, संभागीय आयुक्त कार्यालय व निवास, नेहरू गार्डन, संजय गार्डन, सुखाड़िया सर्कल, राजीव गांधी पार्क, मीरा पार्क, डी-पार्क शामिल हैं। इसके अलावा मुख्य मार्गों में देहली गेट से कोर्ट चौराहा, कलक्टर निवास से बंशीपान, नीलकण्ठ महादेव से काला किवाड़, सज्जनगढ़ मैन रोड़ गेट, सुखाड़िया सर्कल से फतहपुरा, सहेलियों की बाड़ी रोड़, यूडीए कार्यालय से नीलकण्ठ महादेव
जिला कलक्टर ने दीपावली उत्सव में व्यापारीगण और आमजन की भी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्वागत द्वार सजावट प्रतियोगिता का भी नवाचार किया। उन्होंने कहा कि गुरूवार को शहर के सभी प्रमुख टेन्ट व्यवसायी के साथ बैठक कर नगर निगम की ओर से स्थल आवंटित किए जाएंगे। इन स्थलों पर संबंधित टेन्ट प्रतिष्ठान अपने स्तर पर भव्य एवं आकर्षक स्वागत द्वार लगाकर सजावट कर सकेंगे। स्वागत द्वार सजावट में प्रथम विजेता को 71 हजार एवं द्वितीय को 51 हजार रूपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।  

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