दो दिवसीय संगोष्ठी एवं कला सृजन कार्यशाला शुरू

कला और संस्कृति का संरक्षण में अग्रणी रहा है मेवाड़- डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़
रचनाएं ऐसी हो जो लोगों के मन भाएं और समझ आएं-मो.फुरकान खान

उदयपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला (पंजाब) एवं सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय संगोष्ठी एवं कला सृजन कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार सूचना केन्द्र में हुआ।
मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप स्मारक समिति के अध्यक्ष एवं ट्रस्टी एमएमसीएफ डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि मेवाड़ प्राचीनकाल से ही कला और संस्कृति के संरक्षण में अग्रणी रहा है और आगे भी रहेगा। आज कला और संस्कृति के संरक्षण में हुनरमंद कलाकार अद्वितीय योगदान देकर हमारी इस विरासत को जीवन्तता प्रदान कर रहे हैं। डॉ. मेवाड़ ने कहा कि कलाकारों का यह हुनर भी हमारी जीवन्त धरोहर है जिसके संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए सभी को आगे आना होगा। इससे हुनरमंदों को रोजगार मिलेगा और भावी पीढ़ी हमारी इन अनूठी कलाआंें से रूबरू होती रहेगी। उन्होंने कहा कि कलाकारों का दायरा असीमित होता है और यहां उदयपुर में हर क्षेत्र के कलाकार है, ऐसे में उदयपुर को पर्यटन सिटी के साथ कलाकारों के शहर के नाम से जाना जाए तो मुझे अधिक प्रसन्नता होगी।
अध्यक्षता करते हुए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक मो. फुरकान खान ने कला जगत की विभिन्न प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया और कहा कि कलाकार रचनाओं का सृजन करें जो आमजन के समझ में आए, मन भाए। उन्होंने डॉ. लक्ष्यराज ंिसह मेवाड़ का आभार जताते हुए कहा कि पूर्व में उनके पिताश्री अरविंद सिंह मेवाड़ ने भी उनकी कृतियों को प्रोत्साहित किया और मेवाड़ में कला को विशेष सम्मान मिलता आया है। खान ने कहा कि आज के दौर में कलाकारों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और हम हाल ही में कोरोना के भयंकर दौर से गुजरे है लेकिन हमें इन सभी से ऊपर उठकर लगातार आगे बढ़ना होगा और कला के संरक्षण के साथ आजीविका के लिए बेहतर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि कलाकार के पास हुनर की कोई कमी नहीं है और इसी हुनर को जीवन्त रखते हुए कला को एक विशिष्ट पहचान देनी होगी।
विशिष्ट अतिथि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ‘मुम्किन नहीं कि हर जगह मिले खुश्क जमीं, प्यासे जो गर चल पढ़े हैं तो दरिया भी मिल जाएगा…… की पंक्तियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों से शामिल हुए कलाकारों-साहित्यकारों को प्रोत्साहित किया और कहा कि उदयपुर में कई प्रकार के फेस्टिवल और मेलों का आयोजन होता है, ऐसे में हम सभी लक्ष्य साधकर आगे बढ़े तो आने वाले दिनों में स्मार्ट सिटी में एक आर्ट फेस्टिवल की नींव भी रखी जा सकती है, जो सभी कलाकारों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा के हमारे बीच ऐसे कलाकार है जिनकी पेंटिंग्स देश-विदेशों में भेजी जाती है, ऐसे छायाकार है जिनके छायाचित्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नवाजा गया है। इन कलाकारों को एक मंच पर लाने के लिए यह कार्यशाला एक पहल है।
प्रारंभ में कार्यक्रम संयोजक व शिल्पकार हेमंत जोशी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन चेतन औदीच्य ने किया जबकि आभार भावना व्यास ने जताया।
कार्यशाला में जिले के चित्रकार डॉ. चित्रसेन, चेतन औदीच्य व प्रेषिका द्विवेदी, शिल्पकार हेमंत जोशी व डॉ.निर्मल यादव, छायाकार ताराचंद गवारिया, विधान द्विवेदी व युवराज मालवीया, ब्लॉगर व सोशल मीडिया एक्सपर्ट मनीष कोठारी, विपुल वैष्णव, अभय भाटी व सुनील व्यास, रेडियो आर्टिस्ट भावना व्यास, कपिल पालीवाल व माधुरी शर्मा, संगीत कलाकार भूमिका द्विवेदी व नरेन्द्र बियावत, थियेटर आर्टिस्ट दीपक दीक्षित व शिवराज सोनवाल, सूरज सोनी रचित दशोरा आदि ने कलाओं के अंतःसंबंध और आधुनिकता के इस दौर में कलाओं के विस्तार और विकास पर विचार रखे और सुझाव दिए।

मेवाड़ ने किया फोटो प्रदर्शनी का शुभारंभ :


दो दिवसीय संगोष्ठी एवं कला सृजन कार्यशाला के साथ सूचना केन्द्र की कला दीर्घा में फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस प्रदर्शनी में जनसंपर्क उपनिदेशक व वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर डॉ. कमलेश शर्मा द्वारा नैसर्गिक संपदा विषयक क्लिक किए गए फोटो को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी का शुभारंभ डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ व मो. फुरकान खान ने मौली खोलकर किया। प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए डॉ. मेवाड़ ने कहा कि परिंदे प्रकृति की संुदर नेमत हैं और मेवाड़ को प्रकृति ने इस दृष्टि से बड़ा समृद्ध किया है। उन्होंने इनके संरक्षण-संवर्धन की दिशा में प्रयास किए जाने की जरूरत है। इस अवसर पर डॉ. कमलेश शर्मा ने प्रदर्शनी में लगाए गए पशु पक्षियों, वन्यजीवों व नैसर्गिक सौंदर्य को बखानते चित्रों के बारे में अतिथियों को जानकारी प्रदान की। दिनभर इस प्रदर्शनी को बड़ी संख्या में कलासाधकों और विद्यार्थियों ने देखा और इसके वर्ण्य विषय की सराहना की।
प्रारंभ में सूचना केन्द्र पहुंचने पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ व मो. फुरखान खान ने सूचना केन्द्र वाचनालय मंें अध्यनरत प्रतिभाशाली विद्यार्थियों से संवाद किया और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। मेवाड़ ने कहा कि सफलता को कोई शोर्टकट नहीं है, ऐसे में वे लक्ष्य साधते हुए निश्चित दिशा में परिश्रम कर सफलता प्राप्त करें। मो. फुरखान खान ने भी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।

Related posts:

श्रीरामलला के द्वार पर राजस्थान सरकार

बीजेएस का राष्ट्रीय अधिवेशन कल से

Women Milk Farmers from Rajasthan show their might at IDF World Dairy Summit 2022

‘मिशन कोटड़ा’ पर कलेक्टर मीणा को मिलेगा प्रधानमंत्री अवार्ड

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में वर्टिगो क्लिनिक की हुई शुरुआत

JK Tyre records highest ever revenues and profits in FY24

कृषि बढ़ती है, तभी देश आगे बढ़ता है - राज्यपाल बागड़े

रियासतकालीन अभिलेखों के अध्ययन, शोध के लिए मारवाड़ी में ऐप लॉन्च

Hindustan Zinc Supported Farmers Achieve INR 5 Cr Revenue Through Five Farmer Produce Organizations

पचोली के चौदह बच्चों का राज्यस्तर पर चयन

आईडीबीआई बैंक ने भेंट की नारायण सेवा संस्थान को ऐनेस्थीसिया मशीन

पिम्स कैंपस में इंडियन क्रिकेट टीम के खिलाड़ी रवि विश्नोई का छात्रों से संवाद