जयपुर। सोशल मीडिया के माध्यम से वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने राजस्थान की विशाल अप्रयुक्त खनिज संपदा पर ध्यान आकर्षित करते हुए राज्य की आर्थिक क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए औद्योगिक विकास में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। जीडीपी के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि राजस्थान प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों से क्यों पीछे है, जबकि इन सभी राज्यों की जीडीपी 300 बिलियन डॉलर से अधिक है। यह ऐसे समय में, जब राजस्थान 2030 तक 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। हालिया अनुमानों के अनुसार, 196 बिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ, राजस्थान औद्योगिक विकास के मामले में अपने समकक्ष राज्यों से पीछे है।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में वेदांता के चेयरमैन ने कहा कि राजस्थान की धरती में अपार संपदा है, ऑयल एण्ड गैस, स्टोन, तांबा, चांदी, सोना, जिंक,पोटाश, रॉक फॉस्फेट ऐसे तत्व है जो राज्य के लिए समृद्धि की नई लहर ला सकते हैं। राज्य में देश के सबसे समृद्ध और व्यापक प्राकृतिक संसाधन भंडार हैं।
उन्होंने कहा कि अगर हम इस प्राकृतिक खजाने का पूरा उपयोग करते हैं तो राजस्थान की जीडीपी और राजस्व आसमान छू सकते हैं। अनगिनत रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं एवं व्यापक समृद्धि आ सकती है। स्पष्ट रूप से जरूरत इस बात की है कि धरती के नीचे छिपे प्राकृतिक खजानों का पूर्ण उपयोग और खनिजों को मूल्यवर्धित उत्पादों में बदलने के लिए हजारों विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित की जाएँ। इसके अलावाए उन्होंने राजस्थान को एक उद्यमी केंद्र के रूप में भी सराहा और लिखा कि भारत के कुछ महान उद्यमी राजस्थान से हैं। उनके व्यावसायिक कौशल ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है।
श्री अग्रवाल ने अपने ट्वीट में इस बात पर जोर देते हुए कहा कि, राज्य में रिन्यूएबल एनर्जी और ऑयल एण्ड गैस की भी सर्वाधिक संभावनाएं हैं। संसाधनों और ऊर्जा का यह शक्तिशाली संयोजन राजस्थान को भारत का नंबर एक राज्य बना सकता है।
वेदांता समूह, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड और केयर्न ऑयल एंड गैस के माध्यम से, इस खनिज संपदा का जिम्मेदारी और सस्टेनेबल तरीके से खनन करने में प्रमुख उद्योग है। राजस्थान में वेदांता के बडे पैमाने पर संचालन ने प्रदेश को जिंक, चांदी और ऑयल एण्ड गैस उत्पादन का वैश्विक केंद्र बना दिया है। राजस्थान को अपनी कर्मभूमि बताते हुए, श्री अग्रवाल ने दोहराया कि वेदांता इस अद्भुत राज्य के लिए नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए राजस्थान और इसके नेतृत्व के सहयोग के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
राजस्थान, भारत का अगला औद्योगिक पावरहाउस – अनिल अग्रवाल, चेयरमैन वेदांता समूह
