जार द्वारा पत्रकारों को हेलमेट वितरित

पत्रकार हरावल की तरह आगे रहकर समाज को जागरूक करें : प्रकाशसिंह राठौड़

उदयपुर। जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार ) द्वारा प्रोम्पट इंफ्राकोम के सहयोग से मंगलवार को आरटीओ कार्यालय में पत्रकार बंधुओं के हितार्थ सडक़ सुरक्षा के मद्देनजर हेलमेट वितरण कार्यक्र्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रादेशिक परिवहन अधिकारी प्रकाशसिंह राठौड़, विशिष्ट अतिथि डीवायएसपी यातायात नैत्रपालसिंह, प्रोम्पट इंफ्राकोम के सीईओ सैयद तबरेज अली एवं जार अध्यक्ष डॉ. तुक्तक भानावत थे।
इस अवसर पर प्रकाशसिंह राठौड़ ने कहा कि जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार ) ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आमंत्रित किया यह सौभाग्य की बात है। हेलमेट वितरण का कार्यक्रम साधारण कार्यक्रम नहीं है। इसका प्रभाव समाज के हर तबके पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश में हेलमेट नहीं पहनने पर सालाना डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। राजस्थान में ही प्रतिदिन 30 लोगों की हेलमेट नहीं होने के कारण मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में अपने-अपने राज्यों के हरावल हुआ करते थे। वे राष्ट्र की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। पत्रकारों को भी ऐसा ही हरावल बनकर गांवों में हेलमेट लगाने का जागरूकता कार्यक्रम करने चाहियें जिससे वहां के लोगों में भी जागरूकता आए।
नैत्रपालसिंह ने कहा कि मीडियाकर्मी ज्यादातर समय दुपहिया वाहन पर रहते हैं। इस हेतु उन्हें हेलमेट की अधिक आवश्यकता है। हेलमेट सिर की रक्षा के साथ ही सर्दी, गर्मी, बरसात में बचाव के साथ भी करता है। हेलमेट वितरण का कार्य सराहनीय है जिसके लिए जार के पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं। सैयद तबरेज अली ने कहा कि हेलमेट की मुहिम को आगे बढ़ाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए जार अध्यक्ष डॉ. तुक्तक भानावत ने कहा कि जार समय-समय पर पत्रकारों के हितार्थ कई कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। पूर्व में सभी सदस्यों का एक्सीडेंटल बीमा, स्वास्थ्य सभी जांचें निशुल्क, सामाजिक सरोकारों से जुड़े विविध कार्यक्रम कर चुका है। इनके अलावा पिछले वर्षों में जार की ओर से ‘जरोदय’ नाम से दो महत्वपूर्ण स्मारिकाओं का प्रकाशन भी हुआ है। इसी कड़ी में आज लगभग 80 जार सदस्यों को सडक़ सुरक्षा के तहत हेलमेट वितरण किया गया। आभार जार महासचिव अजयकुमार आचार्य ने दिया। संचालन अल्पेश लोढ़ा ने किया।

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