सिटी पैलेस उदयपुर में बहुरुपिया कला का हुआ प्रदर्शन

डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कलाकारों से भेंटवार्ता कर की तारीफ
उदयपुर।
मेवाड़ के महाराणा अपने-अपने समय में कला एवं कलाकारों को संरक्षण देने के उद्देश्य से उदयपुर राजमहल में विभिन्न अवसरों पर मेवाड़ के पारंपरिक स्वांग तमासा (बहुरुपिया कला प्रदर्शन) के लिए बहुरुपिया कलाकारों को मनोरंजन के लिए आमंत्रित किया करते थे। जीवंत लोक कलाओं को संरक्षण देने की उसी कड़ी में कला और कलाकारों के उत्साहवर्द्धन में महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने सभी कलाकारों से भेंटवार्ता की और उनकी कला की तारीफ कर सम्मानित किया।
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर ने हमारी प्राचीन लोक कला विरासत संरक्षण के उद्देश्य से मेवाड़ की पारंपरिक बहुरुपिया कला और इन कलाकारों को उसी जीवंत लोक कला को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया। यह पारंपरिक कला हमें गांवों, मेलों, कस्बों और शहर के बाजारों में कई बार देखने को मिल जाती है, जिसमें कलाकार अलग-अलग स्वांग बना, लोगों का मनोरंजन करते हैं, जो कि भांड परिवारों में अपने परिवार के पालन पोषण के लिए परम्परागत रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित की जाती है।
इस अवसर पर इसी वर्ष पùश्री सम्मान से सम्मानित भीलवाड़ा के 85 वर्षीय बहुरुपिया कलाकार जानकी लाल भांड ने सिटी पैलेस के बाड़ी महल में अपने सह कलाकारों के साथ लुहारन के स्वांग में तो दूसरी बार बदाम बाई का स्वांग बना जीवन के विभिन्न रंगों को हास्य कला के साथ प्रस्तुत किया।
बहुरुपिया कलाकारों में दुर्गाराम ने नारद मुनि और गुरुचेला, छगन लाल ने नाक कटा लुहार, विक्रम ने सेठजी और निषाद राज व रविकांत ने हास्य पात्र जोकर स्वांग बना सिटी पैलेस भ्रमण पर आए देशी-विदेशी पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया। बहुरुपिया कला में स्वांग करने वाले कलाकारों के साथ मार्तण्ड फाउण्डेशन के विलास जानवें का विशेष योगदान रहा।
इतिहास के पन्नों में देखें तो महाराणा कई अवसरों पर इन कलाकारों की कला को देख उन्हें इनाम आदि देते थे। मेवाड़ की इस पारंपरिक लोक कला को जीवंत रखने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के कई वृतांत महाराणाओं के बहिड़ों में भी दर्ज है। विशेषकर महाराणा भीम सिंह जी के समय तेलणया री गैर और सांग तमासा, महाराणा जवान सिंह जी के समय में गैर और सांग तमासा, दली भांड रा तमासा, महाराणा स्वरुप सिंह जी के समय में नंदराम भाडावत रा तमासा और कलाकारों को इनाम आदि के प्रमाण मिलते हैं।

Related posts:

Krishi Seva Kendra inaugurated at Rampura Agucha under Hindustan Zinc’s flagship project Samadhan

अंधेरो को उजालों में बदलते में निकला हूँ दर्द सारी दुनिया का निगलने मैं निकला हू

महाराणा भूपालसिंह की 140वीं जयन्ती मनाई

कोरोना- जाँचें 1834, संक्रमित 3, मृत्यु 4

‘गुरु देवत्व का अवतार’

गंभीर हालत में आई बच्ची की पेसिफिक हॉस्पिटल, उमरड़ा में सफल सर्जरी

ZINC FOOTBALL WILL PLAY A CRUCIAL ROLE IN THE DEVELOPMENT OF THE INDIAN NATIONAL TEAM”, SAYS AIFF PR...

JCB India inaugurates a new dealership facility for Rajesh Motors in Udaipur, Rajasthan

अच्छी वर्षा  एवं स्वास्थ्य कामना हेतु सुंदरकांड पाठ का संगीत मय आयोजन

Nexus Celebration Mall announces ‘The Gloss Box’, a curated Beauty and Wellness offering for patrons

सांसद मीणा ने महिला सम्मान एवं सुकन्या समृद्धि खाताधारकों को सौंपी पासबुक

Mankind Pharma signs up with Glenmark Pharmaceuticals for co-marketing of Remogliflozin Etabonate in...