डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ द्वारा अक्षय लोकजन के उदयपुर विशेषांक का लोकार्पण

उदयपुर। मेवाड़ की कला संस्कृति व विरासत के संवर्धन को समर्पित ‘अक्षय लोकजन’ पत्रिका के उदयपुर विशेषांक का लोकार्पण मेवाड़ राजपरिवार के डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ द्वारा सिटी पैलेस मे किया गया। अंक में उदयपुर के वैभव, इतिहास, जल प्रबंधन, शिक्षा एवं रेलवे के विकास तथा शहर की प्रमुख विभूतियों पर लेख शामिल हंै। लेखों के माध्यम से शहर की विरासत एवं संस्कृति को आमजन से परिचित कराने का प्रयास किया है। उदयपुर के नगरीकरण में महाराणा भूपालसिंह के समय हुए कार्य पर प्रकाश डाल उनके अवदान को रेखांकित किया है। पत्रिका का संपादन डॉ. मनीष श्रीमाली ने एवं प्रकाशन जय किशन चौबे ने किया है। लोकार्पण में ले.ज. एन.के सिहं राठौड़, प्रो. विमल शर्मा भी उपस्थित थे।
विशेषांक की समीक्षा करते प्रो. विमल शर्मा ने बताया कि इसमे प्रोफेसर भगवती प्रसाद शर्मा का आलेख त्रियुगीन (त्रेता, द्वापर व कलियुग) रोचक संदर्भ प्रस्तुत करते हुए मेवाड़ के शासन को परिभाषित करता है। डॉ जे के ओझा ने अपने आलेख में मराठा युग में संघर्ष के बावजूद मेवाड़ मे स्थापत्य व चित्रकला के विकास का संपूर्ण विवरण दिया है। डॉ. कृष्ण जुगनू ने ‘पुरों में पुर उदयपुर’ लेख मे उदयपुर की विशेषताएं बताई है तो वहीं डॉ. महेन्द्र भानावत का आलेख ‘उदयपुर का पूर्व नाम देवपुरा रहा’ शोध के नये आयाम खोलता है। ज्ञान प्रकाश सोनी ने ‘अतीत और वर्तमान में उदयपुर के जल प्रबंधन’ पर आलेख, डॉ. गोविन्दलाल मेनारिया ने महाराणा भूपालसिंह के समय से शिक्षा की ओर बढ़ते उदयपुर के कदम व डॉ. स्वाति जैन का देवालयों की नगरी उदयपुर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
डॉ. सुरेंद्र पालीवाल ने मेवाड़ को कर्म भूमि मान राजस्थान के विकास पुरोधा मोहनलाल सुखाडिय़ा, प्रो. विमल शर्मा ने स्टीलमैन पी. एल. अग्रवाल व न्यायाधीश (सुश्री) कांता भटनागर पर आलेख लिखे हैं तो अप्रतीम भानुकुमार शास्त्री पर हरीश शर्मा ने आलेख लिखा। मेवाड़ के शिल्पकार नारायण टाँक का जीवनवृत्त मदन मोहन टाँक ने लिखा है । पन्नालाल मेघवाल ने ‘कथौड़ी’ जनजाति का परिचय दिया तो डॉ. राजेंद्रनाथ पुरोहित का आलेख महाराणा भूपालसिंह को आधुनिक उदयपुर के शिल्पकार के रुप मे दर्शाता है। डॉ. हेमेंद्र चौधरी ने उदयपुर के भारत छोड़ो आंदोलन के साक्ष्यी बनने का इतिहास बताया है तो डॉ. विनय भाणावत ने भारत ने डाक टिकिटों में मेवाड़ का सचित्र वर्णन प्रस्तुत किया है। वहीं भारतीय चलचित्रों मे उदयपुर के मनोहारी द्रश्यों का इस अंक मे रोमांचक विवरण है।
डॉ. महेन्द्र भानावत ने भीलों का नृत्यानुष्ठान ‘गवरी’ का ऐतिहासिक वर्णन किया तो वहीं उदयपुर में रेल का इतिहास डॉ. मनीष श्रीमाली ने प्रस्तुत किया है। उदयपुर में धरोहर सत्यार्थ प्रकाश भवन नवलखा भवन की अशोक आर्य से संपूर्ण जानकारी उल्लेखित की है। इस विशेषांक में उदयपुर पर चार कविताओं के साथ प्रधानमंत्री ठाकुर अमरचंद बड़वा को प्रो. विमल शर्मा ने स्मरणांजली प्रस्तुत की है। सतीषकुमार श्रीमाली का आलेख उदयपुर शहर के क्रमबद्ध तरीके से हुए विकास व विस्तार को चिन्हित करता है तो वहीं अपने संपादकीय के डॉ. मनीष श्रीमाली उदयपुर को ‘सपनों का शहर’ से अलंकृत कर जन मानस का शहर से लगाव परिलक्षित करता है।
प्रकाशक जयकिशन चौबे ने बताया कि उदयपुर विशेषांक आवरण पृष्ठ ‘महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय की पिछोला में गणगौर सवारी’ सिटी पैलेस म्यूजियम संग्रहालय के सौजन्य से सभार प्राप्त हुआ।

Related posts:

पिम्स, उमरड़ा में एनआरपी (नीयोनेटल रिससिटेशन प्रोग्राम) वर्कशॉप आयोजित

एचडीएफसी बैंक एक लाख वीएलई के माध्यम से भारत के गांवों में ‘समर ट्रीट’ प्रस्तुत करेगा

ऑपरेशन थियेटर है, सर्जन है फिर भी नहीं हो रहे ऑपरेशन

अंतिम दिन 52 उम्मीदवारों ने दाखिल किए 59 नामांकन

विश्व जल दिवस पर जागरूकता सत्र आयोजित

एचडीएफसी बैंक और फ्लाईवायर में गठबंधन

इंदिरा आईवीएफ ने वाराणसी में मैटकेयर मैटरनिटी एंड चाइल्ड हॉस्पिटल शुभारंभ किया  

यूएसएफबीएल और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल बैंकिंग का इनोवेटिव प्रोबेशनरी ऑफिसर प्रोग्राम

उदयपुर में, 2 ऑथोराइज्ड डीलरशिप से पाइये टाटा मोटर्स का “कीज़ टु सेफ्टी” पैकेज

फ्लिपकार्ट  की द बिग बिलियन डेज़ सेल से अपने स्मार्टफोन पर डिस्काउंट की घोषणा

पत्रकारों के लिए पत्रकारिता पर देश का पहला वेबिनार

'इस त्यौहार नो इंतज़ार', एचडीएफसी बैंक ने फेस्टिव ट्रीट्स लॉन्च की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *