जगदगुरु शंकराचार्य के सान्निध्य में 54 कुण्डीय मां बगलामुखी आराधना महायज्ञ की पूर्णाहुति

उदयपुर। ओम पूर्णा दर्वि परापत सुपूर्णा पुनरापत। वस्रेव विक्रीणावहाऽइषमूर्ज शतक्रतो स्वाहा। ओम सर्वं वै पूर्ण स्वाहा। इस मंत्र के साथ ही मंगलवार को बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर परिसर में निरंजनी अखाड़ा के मढ़ी मन मुकुंद खुशाल भारती महाराज के सान्निध्य में चल रहे सनातनी चातुर्मास के तहत आयोजित दस दिवसीय 54 कुण्डीय मां बगलामुखी आराधना महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। यह पूर्णाहुति काशी सुमेरू पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य नरेन्द्रानंद सरस्वती के सान्निध्य में हुई। जैसे ही पूर्णाहुति की प्रक्रिया पूरी हुई, समूचा परिवेश मां बगलामुखी के जयकारों, जगद्गुरु शंकराचार्य के जयकारों से गूंज उठा।
बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर और आसपास के क्षेत्र में विजयदशमी पर महायज्ञ की पूर्णाहुति और जगदगुरु शंकरचार्य के सान्निध्य का दोहरा पुण्यलाभ प्राप्त करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। जगदगुरु शंकराचार्य को बग्घी में बिराजमान करा विशाल सप्तद्वीप यज्ञशाला तक लाया गया। जैसे ही जगदगुरु शंकरचार्य वहां पहुंचे श्रद्धालुओं में चरण स्पर्श करने की होड़ मच गई। यज्ञ परिसर सनातनी जयकारों से गूंज उठा।
जगदगुरु शंकराचार्य ने मां बगलामुखी पीठ के दर्शन किए और उसके बाद महायज्ञ के कोलाचार्य माई बाबा के साथ यज्ञ शाला की परिक्रमा की। उनके पीछे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी परिक्रमा की। इसके बाद जगदगुरु शंकरचार्य ने यज्ञशाला में प्रवेश किया और प्रधान कुण्ड पर पहुंचे। वहां महायज्ञ के मुख्य जजमान यज्ञपति हरियाणा के किशन राठी ने उनका चरण वंदन किया। इसके उपरांत जगदगुरु शंकराचार्य ने कोलाचार्य माई बाबा, काशी से पधारे आचार्य कालीचरण, स्थानीय आचार्य रजनीकांत सहित कई साधकों के सस्वर मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ की पूर्णाहुति की। इस अवसर पर जगदगुरु शंकराचार्य ने अखिल विश्व, भारतवर्ष और सर्वजन के लिए मंगलकामना की।
मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि पूर्णाहुति के उपरांत जगदगुरु शंकराचार्य महायज्ञ परिसर में ही बिराजे जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उनकी चरण वंदना की। उदयपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक फूलसिंह मीणा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीशराज श्रीमाली, व्यवसायी कालूलाल जैन सहित शहर के कई गणमान्य जगदगुरु शंकरचार्य से आशीर्वाद लेने पहुंचे।
इससे पूर्व, दस दिवसीय इस महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर पहले दिन से नियमित यज्ञ में बैठ रहे जजमान जोड़ों सहित बड़ी संख्या में वे श्रद्धालु भी शामिल हुए जिन्होंने इन दस दिनों के दौरान यज्ञ में भाग लिया था। पूर्णाहुति का लाभ लेने वाले भी बड़ी संख्या में पहुंचे।
शाम तक देश भर से आए आचार्यों एवं विप्रवरों को विदाई देने का क्रम चला। इस महायज्ञ के निमित्त देश के कोने-कोने से आचार्य और साधु-साधक यहां पहुंचे थे। निरंजनी अखाड़ा के मढ़ी मन मुकुंद खुशाल भारती महाराज ने सभी को ससम्मान विदाई दी। जगदगुरु शंकराचार्य भी उदयपुर से प्रस्थान कर गए।

Related posts:

जिंक द्वारा रेला में बाल दिवस पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण

सुसंगति से व्यक्ति साधुत्व के गुण ला सकता है : संजय शास्त्री

सुरेश पाटनी अध्यक्ष व डॉ. नरेंद्रकुमार बैनाडा महासचिव निर्वाचित

इंटरनेशनल एजुकेशन एक्सपो 2022

हिंदुस्तान जिंक भारत की एकमात्र खनन कम्पनी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक-2020 में शामिल

Road Safety Session for Deaf and Mute Students by Hindustan Zinc

स्विगी डाइनआउट ने 50 प्रतिशत की छूट के साथ उदयपुर में लॉन्च किया ग्रेट इंडियन रेस्टोरेंट फेस्टिवल (ज...

विश्व जल दिवस पर हिंदुस्तान जिंक द्वारा झील स्वच्छता अभियान 

सामर होंगे भाजपा से लोकसभा संयोजक

स्वस्थ, स्वच्छ और पोषित समाज के लिए राजीविका की भूमिका महत्वपूर्ण

प्रशांत अग्रवाल ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति’ राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

हिन्दुस्तान जिंक को तीसरी तिमाही में 1,620 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ, तिमाही के दौरान धातु एवं चांदी क...