वंदे गंगा जल संरक्षण – जन अभियान का शुभारंभ

चित्तौडगढ़ की गंगा, गंभीरी नदी पुल पर प्रशासन के साथ हिन्दुस्तान जिंक एवं अन्य संस्थाओं ने दिया योगदान
उदयपुर :
चित्तौड़गढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किए गए वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान के अंतर्गत गम्भीरी पुल पर विशेष जन अभियान का आयोजन किया गया। यह पहल जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 7. 30 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर विनोद मल्होत्रा, जीएम डीआईसी राहुल देव सिंह, नगर परिषद चित्तौड़गढ़, एईएन सतीश कुमार एवं उनकी टीम, हिन्दुस्तान जिंक चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर की ओर से हेड एनवायरनमेंट श्रीमती मनीषा भाटी, सीएसओ रविराज शर्मा, सेफ्टी हेड बालचंद पाटीदार, हेड इंजीनियरिंग राकेश दुर्गावत, वाॅटर मेनेजर दीपक जैन, एन्वायरमेंट एवं चंदेरिया प्लांट टीम और उनके बिजनेस पार्टनर्स यूरोस्माईल फैसेलिटी मैनेजमेंट सर्विस, वामन, एसएस एण्ड रिर्सोसेस, पावर मेक,एसजीएस एन्वायरो,थर्मो फिशर ने भाग लिया।
अभियान में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आशीष बुआरसी एवं उनकी टीम ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम के तहत गम्भीरी नदी तट क्षेत्र की सफाई की गई और जल संरक्षण के महत्व पर जागरूकता हेतु जानकारी दी गयाी। जिला प्रशासन, नगर परिषद, हिन्दुस्तान जिंक , राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उनके सहयोगी संगठनों ने मिलकर इस पुनीत कार्य में भाग लेते हुए एकता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का संदेश दिया। अभियान के तहत् चित्तौडगढ़ की गंगा, गंभीरी नदी पुलिया पर घाट की सफाई कर उसमें से जलकुंभी, प्लास्टिक, जंगली घास एवं कचरा हटाया गया। इस अभियाान में नगर परिषद की ओर से जेसीबी द्वारा भी सफाई की गयी। हिन्दुस्तान जिंक की ओर से 150 से अधिक कर्मचारी, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से जन आंदोलन की ओर वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान उस दूरदर्शी सोच का हिस्सा है, जिसमें जल को जीवन मानते हुए उसके संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता दी गई है। यह पहल न केवल गंगा बल्कि देश की सभी नदियों और जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में एक व्यापक जन जागरूकता अभियान है। प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण को जन भागीदारी से जोड़ते हुए इसे सामूहिक जिम्मेदारी बताया है। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए चित्तौड़गढ़ में यह अभियान एक प्रेरणास्पद उदाहरण बना। यह पहल न केवल गंगा बल्कि देश की सभी नदियों और जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में एक व्यापक जन जागरूकता अभियान है। यह अभियान एक संदेश है कि जल संरक्षण केवल एक सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। यह पहल सभी को इस बड़े उद्देश्य में योगदान देने और वंदे गंगा अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए प्रेरित करती है।

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