एनर्जी कंजर्वेशन दिवस मनाया

उदयपुर : दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर द्वारा एनर्जी कंजर्वेशन दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ में दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर के अध्यक्ष इंजी पुरुषोत्तम पालीवाल ने ऊर्जा संरक्षण पर अपने विचार रखते हुए बताया कि ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना,कार्बन उत्सर्जन को कम करना, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ाना और ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं के बारे में व्यक्तियों व्यवसायों और उद्योगों में जागरूकता बढ़ाना है।
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर के मानद सचिव इंजीनियर पीयूष जावेरिया ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण सतत विकास सुनिश्चित करने,जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, भावी पीढ़ियों के लिए संसाधनों का संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने वह सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि इंजी सोहन सिंह राठौड़ पूर्व महाप्रबंधक हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड और अध्यक्ष ऑस्ट्रेलियाई ऑपरेशन वेदांता पीएसी एवं पूर्व अध्यक्ष आईईआई उदयपुर लोकल सेंटर ने वर्ष 2018 में उदयपुर में आयोजित 33वें भारतीय इंजीनियरिंग कांग्रेस की बचत से वितरित की जाने वाली छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स जैसे पेशेवर संगठन छात्रों को इंजीनियरिंग क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
मुख्य वक्ता इंजी प्रहलाद चंद्र तिवारी कार्यकारी अभियंता (ई एवं एम) अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अजमेर ने अपने भाषण की शुरुआत इस वाक्य से की हर बार जब आप बिजली बचाते हैं, तो आप आज पैसे बचाते हैं और आप कल पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करते हैं। जीवाश्म ईंधन का निर्माण लाखों वर्षों में भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के माध्यम से हुआ है, जिनमें ऊष्मा, दबाव और कार्बनिक पदार्थों का क्षय शामिल है। उन्होंने समुद्र के बढ़ते स्तर एक धीमी गति से बढ़ती आपदा की ओर रेखांकित करते हुए बताया कि बर्फ पिघलने और गर्म पानी के फैलने से समुद्र का स्तर बढ़ता है। वर्तमान वृद्धि दर 4-4.5 मिमी प्रति वर्ष है, जो पिछली शताब्दी की तुलना में अधिक है जिससे नीचे स्थित क्षेत्रों में रहने वाले 1 अरब तक लोग बाढ़ के बढ़ते खतरे में हैं।बांग्लादेश वियतनाम और भारत जैसे देश संवेदनशील हैं। मुंबई कोलकाता चेन्नई जैसे शहर बार.बार बाढ़ का सामना करते हैं। एक बार बर्फ की चादर काफी हद तक पिघल जाने के बाद इसका उलटना बेहद धीमा होता है इसमें सदियाँ लग जाती हैं। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 और बीईई ई- मार्किंग के प्रमुख प्रावधानों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी यथा मानक और लेबलिंग, ऊर्जा संरक्षण, भवन संहिता, निर्दिष्ट उपभोक्ताओं के लिए अनिवार्य ऊर्जा ऑडिट, प्रवर्तन और दंड। उन्होंने AVVNL में सिस्टम पावर लोस की समस्या के बारे में बताया। बिजली हानि पारेषण और वितरण में होती है। भारत में पारेषण और वितरण में हानि ऐतिहासिक रूप से अधिक रही है, लेकिन इसमें सुधार हो रहा है। हानि को कम करने से ऊर्जा और धन की भारी बचत होती है। स्मार्ट मीटर, उन्नत लाइनें, उच्च वोल्टेज वितरण और परावर्तन महत्वपूर्ण समाधान है और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कार्य योजना कर एलईडी बल्ब 5-स्टार उपकरण का उपयोग करने की सलाह दी।
समारोह के वक्ता इंजी शफीक अहमद महाप्रबंधक, सिक्योर मीटर्स लिमिटेड, उदयपुर अजमेर ने ऊर्जा संरक्षण क्यों मायने रखता है पर फोकस करते हुए बताया कि मुख्यतः बढ़ती ऊर्जा मांग, सीमित संसाधन, ऊर्जा लागत, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, जलवायु परिवर्तन और नेट ज़ीरो लक्ष्य भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा ऊर्जा संरक्षण के महत्वपूर्ण घटक हैं उन्होंने बताया कि ऊर्जा खपत वाले क्षेत्रों की पहचान कर ऊर्जा की आवश्यकता का विश्लेषण कर उसमें आवश्यक सुधार कर रिसाव निष्क्रिय ऊर्जा संबंधी समस्याओं का समाधान कर ऊर्जा को संरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने समय को देखते हुए वह इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने रेलवे के इलेक्ट्रिफिकेशन के कारण ऊर्जा की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में कमी आने से कार्बन उत्सर्जन कम होता है। उन्होंने बताया कि बिजली का भंडार एक चुनौतीपूर्ण काम है।
इस अवसर पर इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया जयपुर लोकल सेंटर द्वारा गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत एमएलवी टेक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग कॉलेज भीलवाड़ा सुश्री अनतिमा तिवारी एवं कालेज आँफ टेकनोलोजी एवं इंजीनियरिंग, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पार्थ त्रिपाठी को छात्रवृत्ति वितरित की गई। समारोह का गरिमामय संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन मानद सचिव इंजी पीयूष जावेरिया द्वारा किया गया।

Related posts:

महाराणा प्रताप की 484वीं जयन्ती पर डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने किया चित्रकारों का उत्साहवर्द्धन

हिन्दुस्तान जिंक के शिक्षा संबंल कार्यक्रम में इस वर्ष लाभान्वित हो रहे 1400 से अधिक विद्यार्थी

होली पर्व धूमधाम से मनाया

More than 500 Rural Youth securejobs through Hindustan Zinc’s skilling project ZincKaushal Kendra

“साइबर किड्स” इंटर-स्कूल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता सम्पन्न

कृषि बढ़ती है, तभी देश आगे बढ़ता है - राज्यपाल बागड़े

स्वयं के दैनिक व्यवहार में बदलाव कर लें पर्यावरण सरंक्षण का संकल्प- अरूण मिश्रा

राजस्थान से नई पक्षी प्रजाति व्हाइट-ब्रोड बुलबुल की हुई खोज

उदयपुर सम्भाग के समग्र विकास के लिए ज्वलंत मुद्दे

हिन्द जिंक स्कूल का वार्शिकोत्सव, स्पंदन 2019 आयोजित

युवा ही देश का भविष्य और राष्ट्र निर्माण होता है : डॉ. चिन्मय पंड्या

झीलों की नगरी उदयपुर में ‘ग्रैंड कॉन्टिनेंट’-ए लक्जरी कलेक्शन बनेगा ठहरने और उत्सव का नया डेस्टिनेशन