सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी हाई पावर कमेटी में आत्मदीप की नियुक्ति

सरकारी विज्ञापनो की निगरानी पर जरूरी कार्रवाई करेगी यह राज्य स्तरीय समिति  
भोपाल : सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में मप्र सरकार ने सरकारी विज्ञापनों के विनियमन (रेगुलेशन) के लिये राज्य स्तर पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सूचना आयुक्त आत्मदीप को सदस्य नियुक्त किया गया है। इस बारे में राज्यपाल की ओर से आदेश जारी किया गया है।
साथ ही, भारत सरकार के संयुक्त सचिव, नीति एवं प्रशासन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, नईदिल्ली को इस वैधानिक समिति के गठन की सूचना दी गई है। प्रदेश की पूर्व अपर मुख्य सचिव अरूणा शर्मा समिति की अध्यक्ष और पूर्व निदेशक जनसंपर्क लाजपत आहूजा सदस्य होंगे। पहली बार गठित इस 3 सदस्यीय समिति के अधिकार और कार्य सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही होंगे। राज्य सरकार के आदेश में प्रदेश के जनसंपर्क आयुक्त को समिति के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाये करने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके लिये जनसंपर्क निदेशक को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है।
आत्मदीप ने बताया कि यह समिति सरकार की ओर से किये जाने वाले विज्ञापनों की विषय वस्तु का सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षण कर जरूरी कार्रवाई करेगी। साथ ही, इस बारे में जनता से मिलने वाली शिकायतों का निपटारा भी करेगीं सरकारी विज्ञापनों में जन-धन का दुरूपयोग न हो, इसकी निगरानी करना समिति का मुख्य दायित्व रहेगा।
राष्ट्रीय पत्रकार संघों में सक्रिय रहे
राजस्थान में झाालवाड़ जिले के सुनेल कस्बे निवासी आत्मदीप कोटा एवं उदयपुर में प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के कार्यालय संवाददाता रहे हैं। उन्होंने दैनिक ‘जनसत्ता’ के राजस्थान एवं मप्र स्टेट ब्यूरो चीफ के रूप में खोजपूर्ण पत्रकारिता की, जिसके लिये उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया। वे पत्रकारों के कल्याण व श्रम आंदोलन में खासे सक्रिय रहे हैं। पत्रकार संघों के राष्ट्रीय महासंघ एनयूजेआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव, जर्नलिस्ट्स वेलफेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव, एनयूजे स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, नईदिल्ली के सचिव और जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आत्मदीप ने पत्रकारांे व पत्रकारिता के उन्नयन के लिये उल्लेखनीय कार्य किये हैं। वर्तमान में वे जार के मुख्य संरक्षक हैं।
राजस्थान एवं मप्र सरकारें उन्हें पूर्व में भी मीडिया संबंधी विभिन्न समितियों में नियुक्त कर चुकी है। दोनों राज्यों की विधानसभा में पत्रकार संबंधी समितियांे में उनकी नियुक्ति की जा चुकी हैं। आत्मदीप ने मप्र में राज्य सूचना आयुक्त के रूप में कई नवाचार एवं नजीर बनने वाले उल्लेखनीय फैसले दिये हैं      
सुप्रीम कोर्ट ने इसलिये दिये निर्देश
वर्ष 2015 में कांग्रेस नेता अजय माकन ने सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार राजनीतिक प्रचार के लिये विज्ञापन पर प्रतिवर्ष करोडों रूपये खर्च कर जनधन का दुरूपयोग कर रही है। याचिका में एनजीओ कॉमन काज एवं पब्लिक इंट्रेस्ट लिडिकेशन भी भागीदार बने। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिये कि दिल्ली सरकार आप पार्टी से सरकारी विज्ञापनों की राशि की वसूली कर जनधन का दुरूपयोग रोके। चंूकि सभी प्रदेशों में इस तरह सरकारी विज्ञापनों में दुरूपयोग किया जा रहा है, इसलिये सभी राज्यों में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाये, जिसमें निष्पक्ष, तटस्थ एवं अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन करने वाले अनुभवी विशेषज्ञों को सदस्य नियुक्त किया जाये। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रींय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को हाई पावर कमेटी गठित करने के निर्देश दिये हैं।

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