ग्लोब ऑयल समिट के दौरान एशियन पाम ऑयल एलायंस (एपीओए) लांच किया

उदयपुर : ग्लोबल सस्टेनेबल एग्रीकल्चरल स्पेश्यिलिटी ऑर्गेनाइजेशन सॉलिडरीडाड नेटवर्क की पहल पर, एशिया के पांच प्रमुख पाम तेल आयात करने वाले देशों के शीर्ष खाद्य तेल उद्योग संघ पहली बार एशियाई पाम ऑयल एलायंस (एपीओए) बनाने के लिए एक साथ आए हैं। एलायंस यह सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पाम ऑयल को उच्च गुणवत्ता वाले, किफायती और स्वस्थ वनस्पति तेल के रूप में मान्यता दी जाए और पाम ऑयल की अब तक बन चुकी नकारात्मक छवि को बदला जाए।
एपीओए गठबंधन भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल के शीर्ष सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन द्वारा शुरू किया गया है। आने वाले वर्ष में, एशिया में पाम तेल के उत्पादन और शोधन में कार्यरत अन्य चुनिंदा कम्पनियों या उद्योग संगठनों को शामिल करने के लिए सदस्यता का और विस्तार किया जाएगा।
एपीओए सेकेट्रेट को शुरू में द सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया द्वारा प्रबंधित किया जाएगा। एपीओए की पहली आम सभा की बैठक में, अदानी विल्मर लिमिटेड के निदेशक और एसईए के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी को एपीओ के पहले अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। कार्यक्रम के दौरान एपीओए की वेबसाइट और लोगो भी लॉन्च किया गया।
अतुल कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि एशियाई पाम ऑयल की खपत करने वाले देशों के संगठित होने की आवश्यकता लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। एपीओए का गठन कई एशियाई देशों को सशक्त बनाता है जिनके लिए पाम ऑयल किफ़ायती भोजन और पोषण का स्रोत है। एपीओए से पाम ऑयल की खपत करने वाले देशों के आर्थिक और व्यावसायिक हितों की रक्षा करने और एशिया में भोजन, चारा और ओलियोकेमिकल्स में उपयोग किए जाने वाले सभी वसा और तेलों के लिए एक समान अवसर तैयार करने की उम्मीद है। यह सदस्य देशों में स्थायी ताड़ के तेल की खपत बढ़ाने की दिशा में आगे काम करेगा।
एसईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी.वी. मेहता का कहना था कि ‘‘एक साथ एशियाई बाजार वैश्विक मांग के लगभग 40 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं। यूरोप का बाजार में लगभग 12 प्रतिशत और अमेरिका का 2 प्रतिशत हिस्सा है। भारत एशियाई क्षेत्र में पाम तेल का सबसे बड़ा आयातक है और कुल वैश्विक आयात का 15 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं 9 प्रतिशत के साथ चीन, 4 प्रतिशत के साथ पाकिस्तान और 2 प्रतिशत वैश्विक आयात के साथ बांग्लादेश पाम तेल उत्पादन और व्यापार में हिस्सेदारी वाले अन्य महत्वपूर्ण देश हैं। हालांकि एशियाई पाम ऑयल आयात करने वाले देशों के उद्योग संघ, यूरोपीय संघ में अपने समकक्षों के विपरीत, सामूहिक रूप से स्थायी पाम ऑयल पर वैश्विक स्वरूप को आकार देने में शामिल नहीं हैं। इसके बजाय पिछले दो दशकों में एशियाई भागीदारों को स्थिरता मानकों का पालन करने के लिए मजबूर किया गया जो एशियाई बाजार की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। एपीओए के लॉन्च से इस अन्तर के कम होने को की उम्मीद है और एशियाई पाम तेल उद्योग के हितधारकों की साझा, सामूहिक, समन्वित और सुसंगत स्थिति विकसित करने में मदद मिलेगी।
एशिया के लिए सॉलिडरीडाड के प्रबन्ध निदेशक डॉ शताद्रु चट्टोपाध्याय ने कहा हम सभी एशियाई सॉल्वेन्ट एक्सटेक्टर एसोसिएशन के तटस्थ संयोजक बनकर खुश हैं। आने वाले वर्षों में, हमारा मानना है कि एओपीए विश्व भर के पाम ऑयल उद्योग की आम समस्याओं, हितों और आकांक्षाओं को दूर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मंचों में से एक के रूप में उभरेगा। आने वाले दशकों में पाम ऑयल की क्षेत्रीय मांग को पूरा करने के कारण एशिया की सम्पदा में इजाफा होगा। हमें आशा है कि आने वाले समय में एओपीए इण्डोनेशिया, मलेशिया और थाईलेण्ड जैसे पाम ऑयल उत्पादकों को अपने साथ शामिल करेगा।
बांग्लादेश वनस्पति तेल रिफाइनर और वनस्पति निर्माता संघ के प्रवक्ता श्री काजी सलाहुद्दीन अहमद, ने कहा, “स्थायी पाम तेल में एशिया की महत्वपूर्ण भूमिका है, इस प्रकार एपीओए का निर्माण एशिया में एक स्थायी और समावेशी पाम तेल उद्योग की दिशा में समर्थन करते हुए इसे और गति प्रदान करेगा।

पाम ऑयल इण्डस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रोहन फर्नान्डो ने कहा स्थायी पाम ऑयल के लिए एशियाई पाम तेल उत्पादक देशों और पाम तेल की खपत करने वाले देशों दोनों के सामूहिक और समन्वित प्रयासों की सुविधा में एपीओए की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह पाम तेल स्थिरता प्रकटीकरण में एशिया की भूमिका को मजबूत करेगा। हम इस पहल का समर्थन करने का अवसर पाकर भी प्रसन्न हैं और श्रीलंका के पाम ऑयल इंडस्ट्री एसोसिएशन को एपीओए का संस्थापक सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने के लिए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन और सॉलिडरीडाड दोनों के आभारी हैं और एक साथ कई मील के पत्थर हासिल करने के लिए तत्पर हैं।

इसके बाद एओपीए के सदस्यों ने इण्डोनेशियन ने इंडोनेशिया के इण्डोनेशियाई समन्वय मंत्रालय, इंडोनेशियाई पाम ऑयल एसोसिएशन (गपकी) और इंडोनेशियाई सस्टेनेबल पाम ऑयल (आईएसपीओ) सेक्रेट्रीएट के 10-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वैज्ञानिक रूप से प्रदर्शित करने के लिए संयुक्त अनुसंधान का पता लगाने के लिए अलग से एक बैठक की। पाम ऑयल के स्वास्थ्य लाभ और एशियाई बाजारों में संयुक्त उपभोक्ता अभियान भी शुरू करने की बात कही हैं एओपीए की अगली बैठक अगले साल की शुरुआत में इंडोनेशिया में होने की उम्मीद है।

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