चिकित्सा के क्षेत्र में राजस्थान ने पेश किया अनुकरणीय उदाहरण : मुख्यमंत्री

भीलवाडा एवं भरतपुर के मेडिकल कॉलेज भवन तथा तीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक्स का लोकार्पण
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। निशुल्क जांच एवं दवा योजना तथा निरोगी राजस्थान अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए प्रदेश में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी निर्धारित समयावधि में पूरा हो। श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 828 करोड रूपए की लागत से तैयार भीलवाडा एवं भरतपुर मेडिकल कॉलेज भवन तथा बीकानेर, उदयपुर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राजस्थान में दुर्गम इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में लागत बहुत अधिक आती है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार राज्य को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए। हमने संकल्प लिया है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज की सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से आग्रह किया कि वे जालौर तथा प्रतापगढ़ में विषम परिस्थितियों को देखते हुए तथा राजसमन्द में निजी मेडिकल कॉलेज के नियम में शिथिलता प्रदान कर सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दें।
श्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई में राजस्थान देश में अग्रणी है। मृत्युदर, रिकवरी रेट, डबलिंग रेट सहित अन्य मानकों पर राजस्थान की स्थिति देश के बड़े राज्यों एवं राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है। नॉन-कोविड मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में मोबाइल ओपीडी वैन संचालित की गईं। उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश में नई पॉलिसी लाई गई है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वे इस घातक बीमारी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट सर्वाधिक प्रामाणिक है। राजस्थान ऐसा राज्य है जहां सभी टेस्ट इसी विधि से किए जा रहे हैं। राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों ने पूर्व में रैपिड टेस्टिंग किट के नतीजों पर सवाल उठाए थे। इसके बाद पूरे देश में इस टेस्ट को बंद कर दिया गया। हाल ही देश के कई राज्यों में किए जा रहे रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर भी राजस्थान में रिसर्च किया गया तो परिणाम आशानुकूल नहीं पाए गए। इस संबंध में हमने आईसीएमआर को भी अवगत कराया है। उन्होंने आग्रह किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस टेस्ट के परिणामों की विश्वसनीयता की जांच करवा कर उचित निर्णय ले।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केन्द्र सरकार ने तीसरे चरण में देश के पिछड़े जिलों में ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया था। राजस्थान सरकार ने इस दिशा में तत्परता दिखाते हुए जल्द प्रस्ताव भेजे, जिसके चलते राजस्थान को सबसे ज्यादा 15 मेडिकल कॉलेज मिल सके। उन्होंने कोरोना की लड़ाई में राजस्थान सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र के प्रयासों के साथ ही राजस्थान पूरी मुस्तैदी के साथ यह लड़ाई लड़ रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में राज्यों से भी सहयोग अपेक्षित है। डॉ. हर्षवर्धन ने देश के चिकित्सा ढांचे को मजबूत बनाने के लिए आयुष्मान भारत, ईट राइट, फिट इंडिया, हैल्थ फॉर ऑल, टेली मेडिसिन आदि नवाचारों एवं योजनाओं का उल्लेख भी किया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए बीते कुछ वर्षाें में देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृतियां जारी की गई हैं।
प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कोरोना को लेकर बेहतरीन मेनेजमेंट किया गया। जुलाई एवं अगस्त माह में यहां मृत्युदर एक प्रतिशत से भी कम रही है। साथ ही रिकवरी रेट भी राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।
चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं का संचालन पूर्व की भांति 75 अनुपात 25 के आधार पर ही किया जाए। वीसी की शुरूआत में चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं के विस्तार की जानकारी दी।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, गृह रक्षा राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित संबंधित सांसद, विधायक एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम से जुड़े।

Related posts:

Rock Phospate Majdoor Sangh (INTUC) accuse RSMML management of malpractice

दुनिया में जो साख कांग्रेस शासन में थी उसे मोदीने मिट्टी में मिला दिया -रघुवीर सिंह मीणा

ईडी के दुरुपयोग पर कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

अल्पेश लोढ़ा जार के महासचिव नियुक्त

कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से संपादित हुई मतगणना, भाजपा की शांतादेवी रही विजयी

फील्ड क्लब चुनाव नतीजे : सेक्रेटरी पर फिर ‘मन-वानी’’, उपाध्यक्ष पर महकी श्रीमाली की बगिया, कोषाध्याक...

पूर्व मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास पंचतत्व में विलीन

डॉ. महेन्द्र भानावत ‘मेवाड़ गौरव सम्मान’ से विभूषित

प्रधानमंत्री द्वारा फसलों की जलवायु अनुकूल किस्मों को देश को समर्पित

2250 लखपति दीदी व 750 कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन का हुआ सम्मान

Family Dispute Explore in Vallabhnagar By-Election Ticket

उड़ीसा के मुख्यमंत्री माझी व डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के बीच हुई शिष्टाचार भेंट, उड़ीसा-मेवाड़ के र...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *