उदयपुर। उपमुख्यमंत्री दियाकुमारी ने शुक्रवार को अपनी उदयपुर यात्रा के तहत संभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक दौरान जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के तत्वावधान में संचालित होने वाली अमृत कलश योजना पोस्टर एवं आदित्री शैक्षणिक पंचांग का विमोचन किया और इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बधाई दी। इस दौरान प्रदेश के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी और राज्य धरोहर प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकारसिंह लखावत मौजूद थे।
आरंभ में संभागीय आयुक्त एवं टीएडी आयुक्त प्रज्ञा केवलरामनी ने बताया कि अमृत कलश योजना में विभिन्न संस्थाओं, प्रतिष्ठानों या व्यक्तियों आदि के द्वारा स्वेच्छिक स्वप्रेरणा व सीएसआर के तहत विभागीय संस्थानों के सुदृढ़ीकरण तथा जनजाति क्षेत्रीय विकास की योजनाओं में अपनी भागीदारी निभाने का अवसर प्रदान किया जाएगा। योजना के मुख्य घटक के रूप में प्रोजेक्ट कायाकल्प, प्रोजेक्ट फुलवारी, प्रोजेक्ट वीडियो, प्रोजेक्ट उडान, प्रोजेक्ट धरोहर, प्रोजेक्ट चितवन, प्रोजेक्ट सम्बल, प्रोजेक्ट उपहार शामिल हैं।
इसी प्रकार, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आश्रम छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में मनाये जाने वाले अवकाश एवं उत्सवों की जानकारी प्रदान किये जाने हेतु विभाग के शैक्षणिक पंचाग ‘आदित्री’ का हाल ही प्रकाशन कराया गया है। आदित्री (आदि$त्री) पुरातन (आदि) एवं जनजाति (टीआरआई) का शब्द युग्म है। जिसका संस्कृत में अर्थ देवी लक्ष्मी, सर्वाच्च सम्मान या अजेय है। इस पंचांग में विभागीय योजनाएँ भी प्रदर्शित हैं जिससे इनके प्रचार-प्रसार में भी सहयोगी होगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष ‘आदित्री‘ का प्रकाशन जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा पृथक-पृथक थीम पर किया जायेगा। इस वर्ष जनजाति माण्डणा कला एवं भित्ति चित्रण पर आधारित पंचाग का प्रकाशन करवाया गया है जिसमें राज्य के विभिन्न जनजातियों द्वारा घर या आंगन में बनायी जाने वाली कृतियों को जनजाति कलाकारों द्वारा केनवास पर बनवाया जाकर चयनित पेंटिंग को आदित्री में स्थान दिया गया है।