बढ़ी हुई प्रोस्टेट से पेशाब की समस्याएं हो सकती हैं

उदयपुर :  बीपीएच – या बेनाईन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया बढ़ी हुई प्रोस्टेट का चिकित्सीय नाम है। यह उम्र बढ़ने के साथ हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है। बीपीएच सौम्य होता है। इसका मतलब है कि यह कैंसर नहीं है। यह कैंसर का कारण भी नहीं हैं। हालांकि, बीपीएच और कैंसर एक साथ हो सकते हैं। बीपीएच के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं और यह बढ़ने के साथ लक्षण अलग-अलग भी हो सकते हैं। बढ़ी हुई प्रोस्टेट से जुड़ी परेशानियां या जटिलताएं अनेक समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं, जो समय के साथ विकसित होती हैं। बीपीएच का जोखिम तीन चीजों से बढ़ जाता है जिनमें बढ़ती उम्र, परिवार में इतिहास (यदि किसी पूर्वज को बीपीएच रहा हो, तो आपको यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा है) और मेडिकल स्थिति (शोध से पता चलता है कि कुछ चीजें, जैसे मोटापा बीपीएच के बढ़ने में मददगार हो सकती हैं)

प्रोस्टेट उम्र के साथ वृद्धि के दो मुख्य चरणों से गुजरता है। पहला चरण यौवनावस्था की शुरुआत में होता है, जब प्रोस्टेट का आकार बढ़कर दोगुना हो जाता है। वृद्धि का दूसरा चरण लगभग 25 साल की उम्र से शुरू होता है और आजीवन चलता रहता है। बीपीएच अक्सर वृद्धि के दूसरे चरण में होता है। जब प्रोस्टेट बढ़ जाती है, तो वह ब्लैडर पर दबाव डाल सकती है या उसे रोधित कर सकती है, जिससे लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट सिंपटम्स (लुट्स) यानि निचली मूत्रनली की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें बार-बार पेशाब आना, पेशाब करने के फौरन बाद भी ब्लैडर भरा हुआ महसूस होना, पेशाब बहुत धीरे-धीरे आना, पेशाब करते हुए बार-बार रुकना, पेशाब करने में मुश्किल होना, दबाव पड़ना आदि शामिल हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए मरीज पानी एवं अन्य तरल चीजें लेना कम कर देता है और उसे बार-बार पेशाब की फिक्र रहने लगती है, उदाहरण के लिए, वो जहां भी जाता है, वहां सबसे पहले टॉयलेट तलाशता है, लंबा सफर करने से पहले यदि उसे सफर में पेशाब की सुविधा नहीं मिलने वाली है, जैसे बस के लंबे सफर में, तो वह पहले पेशाब करता है। इससे मरीज के जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

डॉ. मनीष भट्ट, कंसलटेंट यूरोलॉजिस्ट, जीबीएच जनरल हॉस्पिटल ने कहा, ‘‘यह स्थिति बहुत आम है। 50 से 60 साल की उम्र के बीच लगभग आधे पुरुषों को यह समस्या हो सकती है और 80 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते, लगभग 90 प्रतिशत लोगों को बीपीएच हो जाता है। इतने विस्तृत स्तर पर मौजूद होने के बाद भी मरीजों को इस स्थिति का अनुमान नहीं होता और वो इसे बढ़ती उम्र का हिस्सा मानते हैं। अधिकांश लोग समस्या को तब पहचानते हैं, जब वॉशरूम में जाने की जरूरत धीरे-धीरे न बढ़कर अचानक बहुत तेजी से बढ़ती है। ज्यादातर लोगों के लिए पहले लक्षण की शुरुआत ऐसे ही होती है।’’

डॉ. मनीष भट्ट ने कहा, ‘‘बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं, लेकिन आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को कुछ लक्षणों पर गौर करना जरूरी है। पुरुष अक्सर, लक्षणों के अनुरूप अपनी दैनिक दिनचर्या को संशोधित कर लेते हैं और उन लक्षणों को दूर करने के तरीके नहीं तलाशते।’’

आपके लक्षण चाहे हल्के हों, मध्यम हों या गंभीर, आपको अपने फिजि़शियन से मुलाकात कर अपनी स्थिति एवं इलाज के उचित विकल्पों पर बातचीत कर लेनी चाहिए। बीपीएच के कई इलाज हैं। आप और आपका डॉक्टर मिलकर फैसला ले सकते हैं कि आपके लिए कौन सा विकल्प सबसे अच्छा रहेगा। बीपीएच के लिए एक्टिव सर्वियलेंस (सावधानीपूर्वक निगरानी) करने की जरूरत होती है। कुछ मामलों में दवाई से काम चल जाता है और कभी-कभी मिनिमली इन्वेसिव प्रक्रिया की जरूरत होती है। कभी-कभी मिश्रित इलाज श्रेष्ठ रहता है। जीवनशैली का प्रबंधन करने की सरल विधियों से भी लक्षणों का इलाज किया जा सकता है –

  • चुस्त रहें – शिथिल जीवन से ब्लैडर पूरी तरह से खाली न हो पाने की समस्या हो सकती है।
  • बाथरूम जाने पर अपना ब्लैडर पूरी तरह से खाली करने की कोशिश करें।
  • हर रोज एक दिनचर्या के अनुरूप पेशाब करने की कोशिश करें, फिर चाहे आपकी पेशाब करने की इच्छा हो रही हो या नहीं।
  • रात में 8 बजे के बाद कोई भी तरल पदार्थ न पिएं, ताकि आपको रात में पेशाब न आए।
  • अल्कोहल पीना सीमित कर दें।

ज्यादा गंभीर मामलों में प्रोस्टेट बढ़ने से मूत्र रुक सकती है, जिससे और ज्यादा गंभीर समस्याएं, जैसे किडनी फेल हो सकती है। इसका इलाज फौरन करना पड़ता है। इसलिए, यदि आपको कोई भी लक्षण दिखता हो, तो उसका निदान कराएं और जानें कि उसके इलाज के लिए आप क्या कर सकते हैं।

Related posts:

HDFC Bank launches Regalia Gold Credit Card

लेकसिटी मॉल में एसपीएसयू के एडमिशन सिटी ऑफिस और काउंसलिंग सेंटर का भव्य उद्घाटन

राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर जिला स्तरीय कार्यक्रम

लेकसिटी प्रेस क्लब द्वारा पहली बार रक्तदान शिविर, उदयपुर के पत्रकारों ने किया रक्तदान

हिंदुस्तान जिंक द्वारा ईवी ट्रकों के उपयोग हेतु इनलैंड ईवी ग्रीन सर्विसेज प्रा.लि. के साथ साझेदारी

महाराणा अमरसिंह प्रथम की 465वीं जयन्ती

DP World launches ‘SARAL’ afirst-of-its-kinddedicated rail freightservice connecting Hazira to Delhi...

5 साल से कम उम्र के बच्चों में फ्लू के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 7 गुना ज्यादा रहता है

कटारिया कद्दावर नेता

‘एक मुठो हंशी’ अभियान लॉन्च

अंधेरो को उजालों में बदलते में निकला हूँ दर्द सारी दुनिया का निगलने मैं निकला हू

पिम्स मेवाड़ कप क्रिकेट : अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर विश्नोई का छाया जादू, जोधपुर जीती दूसरा मुकाबला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *