उदयपुर। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (OM BIRLA) ने दो दिवसीय 9वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) (CPA) बैठक के समापन पश्चात आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि माननीय उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने सीपीए की दो दिन की बैठक में भाग लिया और दो दिन के अन्दर हमने कुछ महत्त्वूपर्ण निर्णय लिये कि हर विधानसभा पेपरलेस विधानसभा बने। आज अधिकांश राज्यों की विधानसभा पेपरलेस बन चुकी है। जो विधानसभा पेपरलेस नहीं बनी है उसको भी समयबद्ध तरीके से पेपरलेस बनाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। हर विधानसभा के अंदर जो दो दिन की चर्चा हुई उसका डिजिटल उपयोग कर इन विधान मंडलों को और प्रभावी बनाने, इनकी चर्चा, सवाल, मुद्दे, प्रश्नकाल, कानून बनाने की प्रक्रिया और उसकी पहुंच जनता तक हो इसके लिए भी डिजिटल और तकनीकी का उपयोग कर हर विधान मंडल को एक निश्चित कार्ययोजना के तहत आने वाले समय के अंदर प्रभावी रूप से हमारी पहुंच जनता तक पहुंचेगी और विधान मंडलों की सारी कार्यवाही को प्रदेश और देश की जनता देख पायेगी।
बिरला ने कहा कि नवाचारों के अनुभव को साझा करने के लिए सीपीए की गतिविधियों को बढ़ाने के निर्णय लिए हैं। अब सीपीए भारत जो दो जोन में काम करेगा और आशा है जिन उद्देश्यों के लिए सीपीए का गठन हुआ था हम सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक विचारों की अभिव्यक्ति और अधिक कुशलता के साथ हम बेहतर विधायिका को सशक्त कर पायेंगे। हमारे जनप्रतिनिधियों को बदलते परिपे्रक्ष्य के अनुसार अधिक क्षमता निर्माण कर-कर विधान मंडलों में और सक्रिय भागीदारी निभाये इसके लिए जो सीपीए के उद्देश्य हैं उन्हें पूरा कर पायेंगे।
भारत जोन अफ्रीका के बाद सबसे बड़ा जोन है। भारत जोन में 57 देश आते हैं। सीपीए के उन देशों के साथ अधिकतम चर्चा हो, संवाद हो, श्रेष्ठ अनुभव हो। अभी भी इन 57 देशों के संसद के सदस्य और कर्मचारी भारत के अंदर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। हमारी कोशिश है इस प्रशिक्षण संस्था को उच्च मापदंडों पर बनाये ताकि सीपीए के जो भी सदस्य प्रशिक्षण प्राप्त करने आए वे यहां की संस्कृति, परंपरा, परिपाटियां, जीवन की प्रक्रिया को समझे।
सीपीए भारत जोन का एक केंद्रीय कार्यालय संसद में होगा। उस प्रकोष्ठ में सीपीए जोन की गतिविधियों की निगरानी होगी और जो लक्ष्य तय किये हैं उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समयबद्ध तरीके से काम होगा। इसके लिए हमने विधान मंडलों की एक कमेटी बनाने का निर्णय किया है। वह कमेटी इन लक्ष्यों, निर्णयों का मूल्यांकन करेगी और समय-समय पर इनको समयबद्ध तरीके से करने का काम करेगी।
बिरला ने कहा कि नियोजित गतिरोध को समाप्त कर, सदन अधिक चले, उनमें ज्यादा चर्चा हो, संवाद हो, लोगों की अपेक्षाएं आकांक्षाएं वहां रखी जाए और कानून बनाते समय जनता की भागीदारी हो, इसके लिए भी समय-समय पर पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में चर्चा हो। आज भी कई पीठासीन अधिकारियों ने अपने विचारों को व्यक्त किया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सदनों में व्यवधान और गतिरोध न हो। इसके लिए पीठासीन अधिकारी के सम्मेलनों और सीपीए के सम्मेलनों में भी सभी पीठासीन अधिकारियों का मन है कि सदन में गतिरोध नहीं होना चाहिए और नियोजित गतिरोध तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए। हमारी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा है कि वे सदन में नीतियां, मुद्दों, वर्तमान, भविष्य की चुनौतियां और भी सहमति असहमति हमारे लोकतंत्र की ताकत है। निंदा करें लेकिन सदन में गतिरोध न करें, नारेबाजियां न करें, इसके लिए हम समय-समय पर आग्रह करते रहते हैं।
प्रेसवार्ता में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी (C P JOSHI), प्रमुख सचिव राजस्थान विधानसभा महावीर प्रसाद शर्मा (MAHAVEER PRASAD SHARMA) तथा महासचिव लोकसभा उत्पलकुमार सिंह (UTPAL KUMAR SINGH) भी उपस्थित थे।
हर विधानसभा पेपरलेस विधानसभा बने : ओम बिरला
