पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द करेंगे समारोह में शिरकत
उदयपुर। तारा संस्थान के 12 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मां द्रोपदी देवी आनंद वृद्धाश्रम में सोमवार 08 अप्र्रेल को एक भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द होंगे। यह जानकारी प्रेसवार्ता में तारा संस्थान की संस्थापक अध्यक्ष कल्पना गोयल एवं संस्थापक सचिव दीपेश मित्तल ने दी। उन्होंने बताया कि प्रात: 11 से दोपहर 12 बजे तक आयोजित होने वाले समारोह के दौरान वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों द्वारा अनेकता में एकता विषय पर फैशन शो एवं मस्ती की पाठशाला की प्रस्तुति होगी।
कल्पना गोयल ने बताया कि तारा संस्थान सन् 2009 में उदयपुर शहर में गैर-लाभकारी संस्थान के रूप में पंजीकृत की गई। संस्थान का उद्देश्य निर्धन, असहाय, निराश्रित लोगों (विशेषकर वृद्वजन) को अपनी विभिन्न गतिविधियों द्वारा पूर्णत: नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करना है। संस्थान का प्रारंभ मोतियाबिंद रोगियों को नि:शुल्क इलाज की सेवाएं प्रदान करने के लिए किया गया था। इस दौरान विभिन्न जगहों पर नेत्र परीक्षण शिविर लगाकर मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाता था। शिविर के दौरान तारा संस्थान कई ऐसे वृद्वजनों से रूबरू हुआ जिनकी आर्थिक, शारीरिक एवं भावनात्मक स्थिति बहुत दयनीय थी। कुछ वृद्वजनों ने बताया कि उनके बच्चे उन्हें अकेला छोड़ कर चले गये। कुछ वृद्वजनों ने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो देना कारण बताया, कुछ लोग ने विवाह नहीं किया, कुछ वृद्धों के सिर्फ बेटियां और वे बेटियों के साथ नहीं रहना चाहते। इस तरह की कई स्थितियों को जानने के बाद संस्थान ने विशेष रूप से इन वृद्वजनों के लिए पूर्ण सुविधायुक्त ऐसे वृद्वाश्रम का निर्माण करने का निश्चय किया जहाँ सुविधाओं के साथ इन्हें आत्मसम्मान से जीने की अनुभूति भी कराई जा सके।
कल्पना गोयल ने बताया कि इसी क्रम में तारा संस्थान ने 3 फरवरी 2012 को 50 वृद्वजनों की क्षमता वाले आनन्द वृद्वाश्रम कोआरंभ किया था। इसे वृद्वाश्रम संचालन नियम, 2006 के अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उदयपुर द्वारा 17.12.2013 को मान्यता दी गई। इसके उपरांत देशभर से कई निसहाय वृद्धों के आवेदन संस्थान को मिले जो वृद्धाश्रम में रहना चाहते थे परंतु भवन की निवासरत क्षमता कम होने के कारण संस्थान उन वृद्धों की मदद नहीं कर पा रहीं थी। अत: 22 अप्रेल 2018 में तारा संस्थान ने 150 वृद्वजनों के रहने की क्षमता वाले आनन्द वृद्वाश्रम के नवीन भवन का उद्घाटन किया।
दीपेश मित्तल ने बताया कि ऐसे ही प्रयागराज में रहने वाली संस्थान की एक दानदाता ने इच्छा जाहिर की कि प्रयागराज में उनके भवन को वृद्धाश्रम में परिवर्तित किया जाए। अत: उस भवन में 21 नवम्बर 2016 को 20 निवासियों की क्षमता वाले ‘रवीन्द्रनाथ गौड़ आनन्द वृद्धाश्रम’ का संचालन प्रारम्भ किया गया। वृद्धाश्रम के सफल संचालन को देखते हुए राजस्थान सरकार ने 2018 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उदयपुर द्वारा एक राजकीय वृद्धाश्रम पी.पी.पी. मोड़ पर संचालन हेतु तारा संस्थान को स्वीकृत किया गया। वर्तमान में इसमें 25 वृद्धजन निवासरत है।
तारा संस्थान के उदयपुर स्थित वृद्धाश्रम में रहने के लिए प्राप्त होने वाले आवेदनों की संख्या निरंतर बढ़ रही थी। इसके मद्देनजऱ तारा संस्थान ने उदयपुर में 3 सितम्बर 2022 को 162 लोगों की क्षमता वाले ‘माँ द्रौपदी देवी आनन्द वृद्धाश्रम’ का संचालन प्रारम्भ किया। वर्तमान में सभी वृद्धाश्रमों में 210 वृद्धजनों को सेवाएँ दी जा रही हैं। अब तक 800 से अधिक वृद्धजनों को सेवाएँ दी जा चूकी हैं तथा लगभग 92 लोगों का अंतिम संस्कार संस्थान द्वारा ही किया गया है। काशी विश्वनाथ कोरिडोर वाराणसी उत्तरप्रदेश में स्थित मुमुक्षु भवन उन लोगों के लिए है जो अपना अंतिम समय काशी में बिताकर वहीं अपनी देह त्यागना चाहते हैं। इसके संचालन के लिए श्री काशी विश्वनाथ विशेष क्षेत्र विकास परिषद वाराणसी द्वारा तारा संस्थान को चयनित किया गया। वर्तमान में इसमें 39 लोग निवास करते हैं।
वृद्वाश्रम में वृद्वजनों को आरामदायक गद्दे, तकिया, पलंग, लॉकर वाली अलमारी, पीने का स्वच्छ पानी, साफ सुथरी रसोई व स्टोर, हर मंजिल पर लिविंग एरिया, पूजा का स्थान, स्वच्छ बाथरूम, टॉयलेट, लिफ्ट की सुविधा, गर्मियों में कूलर, सिंगल तथा डबल बेड कमरे, प्रात: चाय, नौ बजे चाय के साथ नाश्ता, दोपहर भोजन में दाल, हरी सब्जी, चावल, चपाती, शाम चार बजे चाय के साथ फल, सायं में भोजन में दलिया, खिचड़ी, एक सब्जी, चपाती तथा रात्रि में एक गिलास दूध उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा समय-समय पर चिकित्सक के निर्देशानुसार विशेष भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है। हर 15 दिन में चिकित्सक द्वारा मेडिकल जाँच, हर सप्ताह ब्लड प्रेशर व शुगर की जाँच, गंभीर बीमार की अच्छे अस्पताल में जाँच, 24 घंटे नर्सिंग स्टाफ, मनोरंजन के लिये टी. वी., पुस्तकालय, इन्डोर गेम्स, हर 15 दिन में वृद्धों को भ्रमण, समय-समय पर सारे त्योहार तथा हर वर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्वजन दिवस मनाया जाता है। उपरोक्त सभी सुविधाओं के अलावा विशेष रूप से यह ध्यान रखा जाता है कि, उन्हें भावनात्मक संतुष्टि तथा आत्मसम्मान से जीने का भाव जगाया जा सकें और उसे बरकरार रखा जा सके।