देश की आजादी में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का महत्वपूर्ण योगदान

नेताजी की 126वीं जयंती पर विशाल वाहन रैली एवं आमसभा

उदयपुर। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 126वी जयंती की पूर्व संध्या पर रविवार दोपहर को ढोल नगाड़ों की गूंज के साथ युवा क्रांति द्वारा विशाल वाहन रेली एवं आमसभा का आयोजन किया गया।
“युवा क्रांति  संगठन के संस्थापक आकाश वागरेचा ने बताया कि रविवार दोपहर 2.30 बजे टाउन हॉल (नगर निगम प्रांगण) से वाहन रैली को भाजपा के वरिष्ठ नेता चुन्नीलाल गरसिया एवं वरिष्ठ नेत्री किरण जैन ने झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली शहर के विभिन्न मार्गो से होती हुई मल्लातलाई स्थित सुभाष चौराहा पर शाम 4 बजे संपन्न हुई। उसके बाद आमसभा का आयोजन हुआ। वागरेचा ने बताया कि टाउन हॉल से प्रारंभ हुई वाहन रैली में जीपो पर राष्ट्रीय ध्वज, युवा क्रांति का झंडा, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की छवियों के साथ ही चंद्रशेखर आजाद की छवियां दर्शाई गई थी। रैली टाउनहोल  से प्रारंभ होकर सूरजपोल चौराहा मुखर्जी चौक, सिंधी बाजार, बड़ा बाजार घंटाघर, हाथीपोल, चेटक सर्कल से शिक्षा भवन चौराहे होते हुए सुभाष चौराहा पहुंची।


वागरेचा ने बताया कि वहां पर हुई सभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता चुन्नीलाल गरासिया, शांतिलाल चपलोत, रविंद्र श्रीमाली, चंद्रगुप्तसिंह चौहान, कर्नल कुमारसिंह राव के साथ ही मनोहर चौधरी, राजेश वैष्णव, सोनिका जैन, शैलेंद्र सिंह, मदन दवे सहित पार्षद एवं कई भाजपा नेता उपस्थित थे। सभी का तरुण क्रांति मंच की ओर से स्वागत सम्मान किया गया।


आमसभा के प्रारंभ में किरण तातेड ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उसके बाद मुख्य वक्ताओं में चुन्नीलाल गरासिया, शांतिलाल चपलोत, रविंद्र श्रीमाली, कर्नल गुमानसिंह राव ने नेताजी के महान व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर उद्बोधन देते हुए कहा कि देश की आजादी में उनके महत्वपूर्ण कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके द्वारा बनाई गई आजाद हिंद फौज और उनके द्वारा दिया गया नारा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा कभी भुलाये नहीं जा सकते। वे हम सभी के लिए हमेशा प्रेरणा रहेंगे। वक्ताओं ने कहा कि नेताजी के विराट व्यक्तित्व के सामने हिटलर को भी झुकना पड़ा। उनके जैसा ना कोई हुआ है ना होगा।  नेताजी की वजह से ही हमें आजादी मिली है। उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। यही वजह थी कि जब वे दोबारा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए तो वैचारिक मतभेदों के चलते उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया था। सभा समाप्ति के बाद सभी ने मल्लातलाई स्थित सुभाष चौराहे पर स्थापित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।

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