उदयपुर। अपनी पर्यावरण सरंक्षण की प्रतिबद्धता के अनुरूप हिंदुस्तान जिंक अब टीसीएफडी ” टास्क फोर्स ओन नेचर-रिलेटेड फाइनांशियल डिस्क्लोजर” का सदस्य भी है। हिन्दुस्तान जिंक, टीएनएफडी सदस्यों के साथ मिलकर प्रकृति से संबंधित मुद्दों के विकास पर रिपोर्ट तैयार करने और उन पर क्रियान्वयन के लिए संगठनों के साथ मिलकर अग्रणी फ्रेमवर्क प्रदान करेगा। जिसमें वे विश्वस्तरीय वित्तीय खर्चों में प्रकृति से उत्पन्न नकारात्मक परिणामों से दूर और अच्छे परिणामों की ओर एक बदलाव में सहयोग करेंगे।
टीएनएफडी जलवायु परिवर्तन की गंभीरता के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी भौगोलिक क्षेत्रों में आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करेगा। जो कि पर्यावरण और जैव विविधता के लिये सकारात्मक भूमिका निभाते हुए पर्यावरण सरंक्षण में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस अवसर पर , हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा, “जैव विविधता का सरंक्षण और संवर्धन हमारे पूर्ण विकास की प्रतिबद्धता का अभिन्न अंग है। हमें प्रसन्नता है कि अब हम टीएनएफडी फोरम के सदस्य हैं, जो संस्थानों की सलाहकार समिति है। यह प्रकृति से संबंधित फाइनेंसियल डिस्क्लोजर्स पर विशेष रूप से कार्य करने के दृष्टिकोण का सहयोग करता है। मेरा मानना है कि यह प्रकृति से संबंधित मुद्दों और अवसरों को समझने तथा प्रकृति के सकारात्मक और कार्बन न्यूट्रल भविष्य की ओर अग्रसर करने के लिए महत्वपूर्ण प्रणाली होगी। हम चाहते है कि प्रकृति सरंक्षण के लिये विस्तृत जानकारी देने में हर प्रकार का सहयोग दे जो कि भविष्य में किये जाने वाले निवेशो और व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिये नेतृत्व कर सके।
सीओपी 26 बिजनेस लीडर के रूप में, कंपनी हमेशा जलवायु सरंक्षण की दिशा में सक्रिय रूप से पहल करती रही है। कंपनी विश्व स्तर पर केवल दो एवं भारत में केवल चार धातु एवं खनन कंपनियों में से एक है जिसे प्रतिष्ठित सीडीपी (कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट) 2020 ए श्रणी 2020 प्राप्त है। हिंदुस्तान जिंक ने अपने लिए 2025 के सस्टेनेबल डवलपमेंट लक्ष्य को निर्धारित किया हैं जिसमें जैव विविधता संरक्षण और वृद्धि करना है।
स्मार्ट, सुरक्षित और सस्टेनेबल संचालन को ओर मजबूत करते हुए, जिंक ने हाल ही में अपनी पहली टीसीएफडी (टास्क फोर्स ओन क्लाइमट -रिलेटेड फाइनांशियल डिस्क्लोजर) रिपोर्ट भी लॉन्च की, जो जलवायु परिवर्तन और अवसर प्रकटन के हेतु टीसीएफडी ढांचे को अपनाने को निर्धारित करती है। यह हितधारकों को सक्षम करेगी और भविष्य के लिए जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्रदर्शनों का मूल्यांकन करेगी । हिंदुस्तान जिंक ने साइन्स- बेस्ड टारगेट इनिशिएटिव (एसबीटीआई) के साथ मार्ग प्रशस्त करते हुए 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन तक पहुंचने के दीर्घकालिक लक्ष्य को भी प्रतिबद्ध किया है।
पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता के अनुरूप हिन्दुस्तान जिंक बना टीएनएफडी का सदस्य
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