हिंदुस्तान जिंक को सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के 180 मेगावाट सौर पार्क से हरित बिजली आपूर्ति शुरू

बीकानेर में 180 मेगावाट का सौर पार्क सेरेंटिका की पहली परियोजना कमीशनिंग मील का पत्थर

हिंदुस्तान जिंक द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 में 450 मेगावाट की सोर्सिंग के लिए बिजली वितरण एमओयू पर हस्ताक्षर से 2.7 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मिलेगी मदद

पहले चरण में सेरेंटिका विश्व के सबसे बड़े एकीकृत जिंक-लेड स्मेल्टर, देश के पहले जिंक स्मेल्टर एवं विश्व के सबसे बड़े भूमिगत जिंक खनन कार्यों को नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति करेगी

नई दिल्ली/उदयपुर।  वैश्विक ऊर्जा स्वतंत्रता दिवस पर, भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक ने सेरेंटिका से नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के पहले चरण की शुरुआत की घोषणा की। सेरेंटिका रिन्यूएबल्स, देश में सी एंड आई केंद्रित अक्षय ऊर्जा में अग्रणी है। अक्षय ऊर्जा का उपयोग राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक की परिचालन व्यावसायिक इकाइयों के लिए किया जा रहा है। एस एंड पी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 के अनुसार विश्व की सबसे सस्टेनेबल धातु और खनन कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त, यह पहल इसके संचालन को डीकार्बोनाइज करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। हिंदुस्तान जिंक ने अपने प्रमुख व्यावसायिक इकाइयों में परिचालन विश्वसनीयता और स्थिरता सुनिश्चित करते हुए 450 मेगावाट राउंड-द-क्लॉक (आरई-आरटीसी) बिजली की आपूर्ति के लिए सेरेंटिका के साथ पावर डिलीवरी एग्रीमेंट (पीडीए) किया है। दोनों पक्षों के बीच एमओयू के हिस्से के रूप में, सेरेंटिका ने हिंदुस्तान जिंक को 180 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति शुरू कर दी है। यह वेदांता समूह में अपनी तरह की पहली पहल है। जबकि हिंदुस्तान जिंक के पास 40.57 मेगावाट सौर ऊर्जा की मौजूदा कैप्टिव सौर ऊर्जा क्षमता है और यह अपनी बाकी बिजली की जरूरत के लिए पारंपरिक ईंधन स्रोतों पर निर्भर है, सेरेंटिका की यह अक्षय ऊर्जा कंपनी के समग्र ऊर्जा मिश्रण में अक्षय ऊर्जा की मात्रा बढ़ाएगी। यह स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा एकीकरण के लिए अपनी चल रही प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस पहल का उद्देश्य सालाना लगभग 0.45 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। सेरेंटिका का बीकानेर पावर पार्क इसकी राउंड-द-क्लॉक रणनीति का एक अभिन्न अंग है, जिसमें बहु-स्थान सौर और पवन ऊर्जा प्रतिष्ठान शामिल हैं। 1,200 एकड़ में फैला, यह 180 मेगावाट का सौर पार्क, आगामी पवन पार्क के साथ, हिंदुस्तान जिंक के संचालन के लिए एक सुसंगत और विश्वसनीय हरित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।

हिंदुस्तान जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी एवं वेदांता के कार्यकारी निदेशक  अरुण मिश्रा ने कहा कि, “हिंदुस्तान जिंक में स्थिरता हर व्यावसायिक निर्णय को आकार देने वाला मार्गदर्शक सिद्धांत है। हम अपने जलवायु कार्रवाई पहलों में निवेश करने में सक्रिय हैं, 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं। यह परियोजना न केवल पारंपरिक ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करेगी और हमारे कुल पर्यावरणीय पदचिह्न को कम करेगी, बल्कि हमारे संचालन को डीकार्बोनाइज करने की दिशा में हमारे परिवर्तन में भी सहायता करेगी, जिससे पूरी तरह से संधारणीय भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।”

इस उपलब्धि पर सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के सीईओ अक्षय हीरानंदानी ने कहा कि, “बीकानेर में चरण 1 (सौर) की सफल और समय से पहले कमीशनिंग भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए सेरेंटिका की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। यह परियोजना बड़े पैमाने पर उद्योगों को डीकार्बोनाइज करने के लिए बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा समाधान प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है। हम पवन पार्क को पूरा करने और अपने ग्राउंडब्रेकिंग मल्टी-लोकेशन हाइब्रिड मॉडल की पूरी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए तत्पर हैं।”

वर्ष 2022 में, हिंदुस्तान जिंक भारत को नेट जीरो बनाने के वैश्विक आंदोलन में शामिल हुआ  और 2030 तक कार्बन फुटप्रिंट (स्कोप 1 और 2) में 50 प्रतिशत की कमी और अक्षय ऊर्जा की ओर पहल कर 2050 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया। हिंदुस्तान जिंक ने प्रत्येक वर्ष उत्पादन में वृद्धि करते हुए परिचालन क्षमता और उन्नत तकनीकों के उपयोग के माध्यम से आधार वर्ष 2020 की तुलना में जीएचजी (ग्रीनहाउस गैस) उत्सर्जन तीव्रता में 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की। कंपनी की ऊर्जा प्रबंधन से पंतनगर मेटल प्लांट में अपने परिचालन को 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा पर संचालित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने अपनी भूमिगत खदानों में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) का उपयोग शुरू किया हैं।

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